असम राज्य का प्रमुख जिला तिनसुकिया (पुखरी)
by Bijay Jain · Published · Updated
‘तिनसुकिया’ भारत के असम राज्य के ‘तिनसुकिया’ ज़िले में स्थित एक शहर है, यह ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय तथा नगर निगम बोर्ड है, यह असम राज्य का एक प्रमुख क्षेत्रीय व्यापारिक केंद्र भी है, यह असम की राजधानी गुवाहाटी से ४८६ किलोमीटर की दूरी पर उत्तर-पूर्व में और अरुणाचल प्रदेश की सीमा से ८४ किलोमीटर दूरी पर स्थित है। असम के व्यापारिक राजधानी के रूप में प्रसिद्ध इस नगर में असमिया और अन्य भाषाई विशेषकर हिंदीभाषी, बंगाली, नेपाली और सिख लोग रहते हैं। कई नए मॉल और भवनों के निर्माण के साथ यह शहर एक आधुनिक शहर का रूप लेता जा रहा है। ‘तिनसुकिया’ एक औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्र है जहाँ कृषि उत्पादों जैसे चाय, संतरे, अदरक और धान के भारी पैदावार के साथ अनेक उद्यम भी प्रतिष्ठित हैं। ‘तिनसुकिया’ में असम का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन है और यह जिले को देश के कई महत्वपूर्ण स्थलों से जोड़ता है।
इतिहास
पुराने समय में ‘तिनसुकिया’ को बेंगमारा के नाम से जाना जाता था तथा मूल रूप से यह ‘चांगमाई पथार’ के रूप में जाना जाता था। यह मटक राज्य की राजधानी थी जिसे स्वर्गदेव सर्वानन्द सिंघा ने स्थापित किया था। स्वर्गदेव सर्वानन्द सिंघा जो मेज़ारा भी कहलाता था एक योग्य प्रशासक के रूप में जाना जाता था। सर्वानन्द सिंघा नाम उसने राजा बनने के बाद अपनाया। सर्वानन्द सिंघा के निर्देश के अनुसार उनके मंत्री गोपीनाथ बरबरुवा उर्फ़ गोधा बरबरुवा ने त्रिकोणीय आकार में एक तालाब का निर्माण करवाया जो ‘तिनकोनिया पुखरी’ के नाम से जाना जाता है। १८८४ में जब डिब्रू-सादिया रेल लाइन बिछाई गई थी, तब इस तालाब के निकट एक स्टेशन का निर्माण किया गया था जो ‘तिनसुकिया’ स्टेशन कहलाता था, बाद में ‘तिनसुकिया’ नाम से यह शहर जाना जाने लगा।
१८वीं सदी के बाद के हिस्से और १९वीं सदी के प्रारंभिक भाग के दौरान असम के इतिहास में मटक राजवंश का एक अलग ही स्थान रहा, मटक लोगों ने असम के इतिहास में पहली बार सामाजिक, राजनीतिक आंदोलन का सूत्रपात किया था, जिसे मोमारिया विद्रोह रूप में जाना जाता है, इस विद्रोह से उन्होंने पराक्रमी अहोम साम्राज्य को हिलाकर असम के इतिहास को बदल डाला था।
१८४१ में कप्तान हेमिल्टन वेच द्वारा तैयार नक्शे के अनुसार वर्तमान डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिले के एक बड़े हिस्से को ‘मोमारिया जनजाति का बेंगमारा देश’ के रूप में पहचान की गई थी, जिसकी राजधानी बेंगमारा थी। असम के इतिहास में उत्तर पूर्व कोने में इस क्षेत्र बेंगमारा को बाद में ‘सौमार का मटक देश’ नाम से लोकप्रियता मिली। मटक राज्य के पहले राजा स्वर्गदेव सर्वानन्द सिंघा थे। सर्वानन्द सिंघा ने गुहिजान नदी के किनारे स्थित रंगागोड़ा में अपनी राजधानी को स्थापित किया। १७९१ ई. में उन्होंने ‘बेंगमारा’ में अपनी राजधानी को स्थानांतरित कर दिया।
स्वर्गदेव सर्वानन्द सिंघा के दिनों में कई तालाब खोदे गए जैसे चावलधोवा पुखरी, कदमनि पुखरी, दा धरुवा पुखरी, माहधोवा पुखरी, बाटोरपुखरी, लोगोनीपुखरी, नापुखरी, देवीपुखरी, कुम्भीपुखरी, रुपहीपुखरी आदि, इसके अलावा मटक क्षेत्र के विभिन्न भागों में कई प्राचीन रास्ते निर्माण किये गए। गोधा बरबरुआ रोड, रंगागोड़ा रोड, राजगोढ़ सड़क और हाथिआली रोड क्षेत्र के मुख्य सड़क थे।
जलवायु
‘तिनसुकिया’ में गर्मी, सर्दी और मौसमी चक्र बनाने वाले मानसून के द्वारा एक नम उष्णकटिबंधीय जलवायु रहती है। ‘तिनसुकिया’ में ग्रीष्मकाल मार्च से मई के महीनों के दौरान आम तौर पर रहती है, इन महीनों में २४ डिग्री सेल्सियस (न्यूनतम) और ३१ डिग्री सेल्सियस (अधिकतम) का तापमान रहता है। वर्षा गर्मियों के महीनों के दौरान भी होती रहती है और नमी (आद्रता) के इस मौसम के दौरान अपने चरम पर पहुँच जाती है। मानसून (जून से सितंबर) के महीने ‘तिनसुकिया’ में भारी वर्षा होती है। ‘तिनसुकिया’ में सर्दियाँ अक्टूबर से फरवरी के महीने के दौरान होती है। सर्दियों का मौसम सुखद परन्तु धूल भरे होते हैं और इस समय के दौरान इस क्षेत्र में तापमान लगभग २४ डिग्री सेल्सियस (अधिकतम) ११ डिग्री सेल्सियस (न्यूनतम) के बीच रहता है।
परिवहन
‘तिनसुकिया’ हवाई मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे से जुड़ा हुआ शहर है। यह गुवाहाटी, असम के राज्य की राजधानी से सड़क मार्ग से ४८६ किमी दूर है। निकटतम हवाई अड्डा मोहनबाड़ी, डिब्रूगढ़ है जो ‘तिनसुकिया’ से लगभग ४० किमी दूर है। यहाँ से दिल्ली, गुवाहाटी, कोलकाता और पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों के लिए दैनिक और साप्ताहिक हिसाब से हवाई यात्रा उपलब्ध हैं।
‘तिनसुकिया’ शहर से रेलवे से जुड़ा हुआ है। यह भारतीय रेल के पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अंतर्गत आता है। इस शहर में दो रेलवे स्टेशन है- न्यु तिनसुकिया जंक्शन और दूसरा है तिनसुकिया जंक्शन। ज्यादातर गाड़ियाँ ‘न्यु तिनसुकिया स्टेशन’ से ही रवाना होती है। नई तिनसुकिया रेलवे स्टेशन से कई महत्वपूर्ण ट्रेन जैसे – डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र मेल, कामरूप एक्सप्रेस, कामख्या एक्सप्रेस, चेन्नई एक्सप्रेस, लेडो इंटर सिटी एक्सप्रेस आदि चलती है।
राष्ट्रीय राजमार्ग १५ तिनसुकिया से होकर गुजरता है और यह अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग ३१५ और राष्ट्रीय राजमार्ग ३१५ए से जुड़ा है। ३७ नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग ‘तिनसुकिया’ को राज्य के अन्य शहरों जैसे डिब्रूगढ़, जोरहाट, नौगाँव, गुवाहाटी आदि से जोड़ता है, इन शहरों के लिए दिन और रात्रि दोनों समय डीलक्स बसें चलती रहती है। अरुणाचल प्रदेश तथा राज्य के विभिन्न जगहों पर जाने के लिए असम राज्य परिवहन निगम द्वारा संचालित बसें, प्राइवेट बसें, विंगर और छोटे वाहन नियमित रूप से चलती है। स्थानीय परिवहन में ऑटो रिक्शा, ट्रैकर्स, रिक्शा आदि बुनियादी साधन हैं।
व्यावसायिक केंद्र
‘तिनसुकिया’ असम के वाणिज्य राजधानी के रूप में माना जाता है, यह शहर पूर्वी और दक्षिण पूर्वी अरुणाचल प्रदेश सहित दुलियाजान, नाहरकटिया, नामरूप, दूमदूमा, मारग्रेटा, लेडो, जागुन, सदिया जैसे जगहों पर सामान आपूर्ति का केंद्र है। दैनिक जरूरत का हर सामान जैसे कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, कंप्यूटर हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर, अच्छी गुणवत्ता की चाय, खाद्य सामग्री, सब्जियां, मांस-मछली, अंडे यहाँ से विभिन्न स्थानों पर भेजी जाती हैं। यह शहर लकड़ी से संबंधित उत्पादों के लिए जाना जाता था, परन्तु सरकार के नयी वन-नीति के कारण लकड़ी उद्योग प्राय: दम तोड़ चुका है। लकड़ी की कई फेक्ट्रियां जैसे किटप्लाई आदि बंद हो चुके हैं और कई बंद होने के कगार पर हैं। चैंबर रोड यहाँ के वाणिज्यकि केंद्र की हृदयस्थली है।
होटलों की सूची
होटल हाईवे, रेलवे फ्लाईओवर के पास, ए.टी. रोड
होटल बैलेरीना, प्रकाश बाजार, ए.टी. रोड
होटल सेंटर प्वाइंट, सुपर मार्किट, जी.एन.बी. रोड
होटल प्रेसिडेंट, रेलवे स्टेशन के पास
होटल मद्रास, डेली बाज़ार, जी.एन.बी. रोड
होटल रिट्ज, रंगागड़ा रोड
होटल रॉयल हाइनेस, जी.एन.बी. रोड
पद्मिनी रिसोर्ट, रंगागड़ा रोड (तिनसुकिया से ५ कि.मी.)
होटल अरोमा रेजीडेंसी, रंगागड़ा रोड
होटल ईस्ट इंटरनेशनल, चिरवापट्टी
होटल ज्योति, रंगागड़ा रोड
होटल मिड टाउन, ए.टी. रोड, आदि-आदि।
अस्पतालों की सूची
लोकप्रिय गोपीनाथ बरदलै सिविल अस्पताल, बरदलैनगर
सिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, जी.एन.बी. रोड
लाइफलाइन हॉस्पिटल, जी.एन.बी. रोड
जीवनज्योति हॉस्पिटल, पर्बतिया
आदित्य हॉस्पिटल और डायगोनोसिस, रंगागड़ा रोड
पाइनवुड हॉस्पिटल, सुबचनि रोड
डेज नर्सिंग होम, तामुलबारी
क्लिनिक, रंगागड़ा रोड
स्वस्तिक नर्सिंग होम
प्रमुख बाजार
जी.एन.बी रोड पर स्थित रंगघर काम्प्लेक्स
ए.टी.सी. मॉल, तिनसुकिया
बाज़ार
विशाल मेगा मार्ट
रंगघर काम्प्लेक्स
डेली बाज़ार
प्रकाश बाजार
सुपर मार्किट
शांति सुपर मार्किट
न्यू मार्किट
ए.टी.सी. मॉल
टी.डी.ए. प्लाजा, आदि-आदि।
शिक्षा
सेंट सटीफेन्स, तिनसुकिया
स्कूलों की सूची
विवेकानंद केंद्र विद्यालय, तिनसुकिया
सेनाईराम उच्च माध्यमिक विद्यालय (१९३७ में स्थापित)
ए न्यू हाई स्कूल
गुरु तेग बहादुर अकादमी
आवर एबीसी अकादमी, बरगुडी कोर्ट तीनाली
सेंट स्टीफ़न ‘हाई स्कूल’, बोरदोलोई नगर
भागवत विद्या मंदिर हाई स्कूल, श्रीपुरिया
डॉन बॉस्को हाई स्कूल, तिनसुकिया
डॉन बॉस्को हाई स्कूल
हिन्दी इंग्लिश हाई स्कूल
होली चाइल्ड गर्ल्स/बॉयज हाई स्कूल
बेबीज नर्सरी स्कूल
बड्स नर्सरी स्कूल
बडिंग बड्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल
हिंदुस्तानी विद्यालय
पाइनवुड स्कूल
बिमला प्रसाद चालिहा नगर स्कूल
आदर्श प्राथमिक स्कूल
सार्वजनीन बालिका विद्यालय
सार्वजनीन हिन्दी बालिका विद्यालय
सोमारज्योति विद्यालय
बंगाली गर्ल्स हाई स्कूल
रेलवे हाई स्कूल
तिनसुकिया बंगीय विद्यालय (एच.एस.)
बरगुडी हाई स्कूल
तिनसुकिया इंग्लिश अकादमी
जातीय विद्यालय
केन्द्रीय विद्यालय, तिनसुकिया
तिनसुकिया रेलवे हाई स्कूल
कॉलेजों की सूची
तिनसुकिया कॉलेज
विमेंस कॉलेज
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (विमेंस कॉलेज शाखा)
कृष्णकांत हंडीकै राज्यिक मुक्त विश्वविद्यालय
(तिनसुकिया कॉलेज एवं तिनसुकिया कॉमर्स कॉलेज शाखा)
जी.एस. लोहिया गर्ल्स कॉलेज
तिनसुकिया लॉ कॉलेज
तिनसुकिया कॉमर्स कॉलेज (श्रीपुरिया)
अर्थव्यवस्था: तिनसुकिया जिला असम में एक प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र है। यह मुख्य रूप से एक औद्योगिक जिला है और तिनसुकिया जिले की अर्थव्यवस्था में कई प्रमुख जिले शामिल हैं, इस जिले के कुछ उद्योगों में डोगबोई (एशिया की सबसे पुरानी रिफाइनरी) में आईओसी (एओडी), मारग्रेटा में कोल इंडिया लिमिटेड, लेडो, बोरदोलोई और तिपोंग में कोयला क्षेत्र, ऑयल इंडिया लिमिटेड और डिगबोई, मकुम में तेल क्षेत्र हैं। क्षेत्र, गोपोनारी में बॉटलिंग प्लांट, हिंदुस्तान लिवर लिमिटेड कॉस्मेटिक उद्योग और बहुत कुछ। ‘तिनसुकिया’ संतरे, अदरक, अन्य खट्टे फल और धान (चावल) का प्रचुर मात्रा में उत्पादन करता है।
‘माकुम’ कोयला क्षेत्रों में कोयले का खनन असम रेलवे एंड ट्रेडिंग कंपनी द्वारा शुरू किया गया था। र्A.R ऊ. ण्द. को ३०/७/१८८१ को शामिल किया गया था और पहली कोलियरी १८८२ में लेडो कोलियरी शुरू हुई थी। कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण ै.ा.f. १/५/१९७३ कोयला खदान (राष्ट्रीयता) अधिनियम १९७३ के तहत और मकुम कोलफील्ड्स में कोयला खदानें कोल माइंस अथॉरिटी लिमिटेड के तहत चली गईं। कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा प्रबंधित ‘तिनसुकिया’ अपने चाय बागानों के लिए प्रसिद्ध है। चाय बागानों के अंतहीन फैलाव आंखों को बहुत भाते हैं। हरियाली यात्री को तब तक घेरे रहती है जब तक की वह अचंभित न हो जाए। ‘तिनसुकिया’ जिले से ३१ मार्च २००७ (पारंपरिक और गैर-पारंपरिक क्षेत्र) तक भारतीय चाय बोर्ड के साथ असम के लगभग २२३ छोटे चाय उत्पादक पंजीकृत हैं।