फरवरी-२०२१ सम्पादकीय
by Bijay Jain · Published · Updated
आइए हम सब मिलकर भारत को ‘भारत’ ही बनाएं
मैंने पूर्व के कई विशेषांकों में भारत को केवल ‘भारत’ ही बोला जाए अभियान के बारे में लिखा है। हम सभी जानते हैं कि किसी भी इंसान के नाम २ नहीं होते, विश्व के किसी राष्ट्र के नाम २ नहीं हैं तो हम १३० करोड़ भारतीयों के ‘भारत’ का नाम २ क्यों
भारत और इंडिया?
दोस्तों! इंडिया तो गुलामी का नाम है, जो कि अंग्रेजों ने हम पर थोपा और हमें इंडियन बना दिया, हमारे देश ‘भारत’ का नाम बदलकर इंडिया कर दिया। जल्द ही हम आजादी की ७५ वीं सालगिरह मनाने जा रहे हैं, अब तो हमारे देश का नाम एक ही होना चाहिए ‘भारत’ होना चाहिए।
विगत १० फरवरी २०२१ को मैं १० भारतीय साथियों के साथ भारत की राजधानी दिल्ली गया, वहां पर कई सांसदों से मिला, सभी ने एक ही बात कही कि यह तो बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था, हजारों साल पुराने भारत को ‘भारत’ ही बोला जाना चाहिए, इंडिया तो गुलामी का नाम है अब हमें इंडिया नहीं चाहिए, हमारा मार्गदर्शन ही नहीं किया बल्कि संसद में ‘भारत को भारत ही बोला जाए’ राष्ट्रीय विषय को उठाने का वायदा भी किया। दिल्ली की कई सामाजिक संस्थाओं ने सभा का आयोजन किया और पुरजोर तालियों के साथ समर्थन दिया, सभी ने शपथ ग्रहण किया कि अब अपने जीवन काल में ‘भारत’ ही लिखेंगे, ‘भारत’ ही बोलेंगे और ‘भारत’ का ही उपयोग करेंगे।
दोस्तों! भारत की आजादी के लिए हमने कई वर्षों तक संघर्ष किया है। आज नाम की आजादी का प्रश्न सामने आ खड़ा हुआ है। मैं चाहता हूं कि मेरे देश का नाम एक ही हो ‘भारत’ हो। आज हम सबकी भारत माँ हमसे पूछ रही है कि मेरे बच्चों! यह तो बताओ मेरा नाम क्या है
भारत है या इंडिया?
आप सब मेरा साथ दें, विश्वास दिलाता हूँ जब भारत माँ अपनी आजादी की ७५वीं सालगिरह मनाएगी, विश्व में भारत के नाम से गौरवान्वित ही नहीं होगी, १३० करोड़ भारतीय गर्व से कहेंगे कि ‘मैं भारत हूं’।
‘मैं भारत हूं’ का प्रस्तुत विशेषांक पश्चिम बंगाल का एक जिला ‘अलीपुरद्वार’ की विशेषताओं के साथ प्रकाशित है, ‘अलीपुरद्वार’ प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है, पिछले कुछ वर्षों पहले ही ‘अलीपुरद्वार’ जिला बना है, कई सीमाओं से जुड़ा हुआ है। ‘अलीपुरद्वार’ के निवासी मिलनसार ही नहीं मृदुलभाषी भी हैं, जिनसे भी मैंने संपर्क किया उन्होंने एक ही बात कही कि हमारा ‘अलीपुरद्वार’ बहुत ही सुंदर है, प्रकृति का आशीर्वाद लिए हुए है। ‘अलीपुरद्वार’ का विशेषांक कैसा लगा, आप सभी का मार्गदर्शन मिलेगा तो आगे भी कुछ नया प्रस्तुत कर सकूंगा। आगामी विशेषांक पश्चिम बंगाल का एक जिला ‘कूचबिहार’ पर होगा, यदि आपके पास कुछ विशेष जानकारी ‘कूचबिहार’ के बारे में होगी तो हमसे जरूर संपर्क करें, इसी भाव के साथ एक बार फिर से निवेदन करता हूं भारत को केवल ‘भारत’ ही बोला जाए अभियान की सफलता के लिए आप सभी का मार्गदर्शन व सहयोग मिलेगा।
जय भारत!