जनवरी-२०२१ सम्पादकीय
by Bijay Jain · Published · Updated
बिजय कुमार जैन ‘हिन्दी सेवी’ सम्पादक
‘भारत को भारत ही बोला जाए’ के लिए संघर्ष जारी
भारत को इंडिया क्यों कहते हैं, भारत को इंडिया किसने कहा था, भारत को इंडिया नाम किसने दिया था, भारत को इंडिया नाम कैसे मिला और भारत को इंडिया क्यों कहा जाता है?
हम सभी जानते हैं की भारत कई सारी संस्कृति व भाषाओं का देश है, यहां स्थान बदलते ही धर्म और भाषा बदल जाती है, जिस तरह भारत में कई धर्म के लोग रहते हैं उसी तरह भारत के कई नाम भी हैं। ‘भारत’ के इतने नाम हैं कि शायद दुनिया के किसी भी देश के इतने नाम नहीं होंगे। भारत एक ऐतिहासिक देश है जहां पर बहुत सारे इतिहास देखने को मिल जायेंगे।
भारत के इतिहास की बात करें तो भारत कालांतर में के कई सालों तक गुलामी की जंजीर में जकड़ा रहा, कई सालों तक मुगलों ने भारत पर राज किया। तत्पश्चात भारत को अंग्रेजों की गुलामी ने जकड़ गया। हालांकि अब हमारा भारत आजाद है और हम सभी अपने देश में आजादी के साथ से रह रहे हैं, पर नाम से आज भी भारत गुलाम है।
भारत को इंडिया क्यों कहते हैं?
बहुत से लोगों के मन में आज भी सवाल है कि ‘भारत’ को इंडिया क्यों कहते हैं और ये नाम कहाँ से आया और भारत का नाम इंडिया कैसे पड़ा, तो बता दें कि हमारे देश की सिंधु घाटी की सभ्यता, रोम की सभ्यता की तरह प्रसिद्ध थी और पूरे देश में फैली हुई थी। हमारे देश में सिंधु घाटी की सभ्यता से जुड़ी सिंधु नामक नदी भी है इस नदी का दूसरा नाम इंडस वैली था, जिसे विदेशी लोगों ने रखा था।
सिंधु सभ्यता के कारण ‘भारत’ का पुराना नाम सिंधु भी था, जिसे यूनानी में इंडो या इंडोस शब्द का रूप मिला, जब ये शब्द लेटिन भाषा में पहुंचा तो ये नाम ‘इंडिया’ में बदल गया।
जब शुरूआत में भारत को ‘इंडिया’ नाम मिला तो इसे भारत के लोगों द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था, क्योंकि ये विदेशीयों द्वारा रखा गया नाम था और शुरुआत में इस नाम को कोई तवज्जो नहीं मिली, जब भारत में अंग्रेज आये तो उस समय भारत को हिन्दुस्तान भी कहा जाता था।
अंग्रेजों को भारत के सभी पुराने नाम का उच्चारण करने में कठिनाई आयी, इसलिए उन्होंने भारत को अपने हिसाब से नाम देने की कोशिश की और वो इसमें सफल भी हुए। अब हम भारतीय चाहते हैं कि ‘भारत को अब केवल ‘भारत’ ही बोला जाए। ‘भारत’ अपनी आ़जादी की ७५ वीं सालगिरह मनाने जा रहा है। हम चाहते हैं कि अब भारत को ‘भारत’ ही कहा जाए इसके लिए संघर्ष करना होगा जो कि ‘मैं भारत हूँ’ संघ परिवार द्वारा जारी है।