श्री राम
by Bijay Jain · Published · Updated
लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार ने कहा है कि महिलाओं का आदर-सत्कार और उनकी गरिमा को पवित्र बनाए रखने के लिए अयोध्या में प्रस्तावित निर्माणाधीन मंदिर केवल भगवान ‘श्रीराम’ के नाम से नहीं अपितु ‘सीताराम’ के नाम से होना चाहिए।
श्रीमती मीरा कुमार ने कल यहाँ बिरला मंदिर में आयोजित गीता जयन्ती समारोह के अवसर पर कहा कि ‘गीता’ ने हमें अन्याय और शोषण के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा दी है। आज देश में महिलाओं पर होने वाले अन्याय व अत्याचार, शोषण व भेदभाव तथा बुराई व असत्य के विरुद्ध युद्ध स्तर पर कार्य करना होगा। गीता में ‘जन्मयोग’ पर नहीं ‘कर्मयोग’ पर बल दिया गया है।
श्रीमती मीरा कुमार ने कहा कि आज हमें नारी जाति की गरिमा और उसकी अस्मिता को बनाए रखने के लिए संकल्प करना है कि नारी के सम्मान कीं रक्षा करनी होगी। राष्ट्रीय एकता और सद्भावना के प्रतीक बिरला मंदिर में गीता जयन्ती के अवसर पर संस्कृत के प्रसिद्ध मुस्लिम विद्वान डॉ. हनिफ खान शास्त्री ने गीता पर बहुत ही सौहार्दपूर्ण प्रवचन दिया।
देश के सुप्रसिद्ध ‘परमपूज्य आचार्य सुधांशु जी महाराज, परमपूज्य स्वामी प्रज्ञानन्द जी महाराज, जैन धर्म के उपासक व अनुयायी परमपूज्य श्री विवेक मुनि जी महाराज, राष्ट्रीय वाल्मीकि सत्संग सभा के पीठासीन सन्त कृष्ण साह विद्यार्थी जी महाराज, इस्कॉन मंदिर हरेरामा-हरेकृष्णा के प्रमुख डॉ. बृजेश नन्दन दास जी महाराज, अयोध्या के सुप्रसिद्ध रामायण कथावाचक स्वामी अजय मिश्र जी महाराज आदि संतों ने अपने श्रीमुख से गीता के अमृतत्व का ज्ञान देते हुए अपना आशीर्वचन दिया, इस अवसर पर अखिल भारतीय सनातन धर्म प्रतिनिधि सम्मेलन के राष्ट्रीय महासचिव रमाकान्त गोस्वामी ने सभा को सम्बोधित करते हुए श्रीमद्भागवत गीता के संदर्भ में कछ बातें कही और कहा ‘गीता’ व्यक्ति को धर्म के मार्ग पर ले जाती है जिससे प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का कल्याण होता है। विशेष वक्ताओं में सुप्रसिद्ध पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. योगानन्द शास्त्री ने श्रीमद्भागवद् गीता से सम्बन्धित अपने विचार व्यक्त किये। दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के विनय आर्य व राम गोपाल शुक्ला ने अपने विचार व्यक्त किये तथा धन्यवाद व आभार सम्मेलन के महासचिव आर.एन. वत्स ने किया। श्री सनातन धर्म सभा, नई दिल्ली द्वारा आयोजित गीता जयन्ती महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया तथा इस महोत्सव में सनातन धर्म के सभी सभाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे तथा इस्कॉन मंदिर के प्रमुख डॉ. बृजेश नन्दन दास द्वारा ‘गीता’ वितरित की गयी।
इस अवसर पर हरिदत्त वसिष्ठ, रामफल त्यागी, डॉ. रिखब चन्द जैन, अशोक कपूर, प्रवीण कपूर, वीरेन्द्र कत्याल, वेद प्रकाश गुप्ता, सुरेन्द्र मोहन, बी.एल. पराशर, अरूण द्विवेदी, एन.के. गोयल, रामानन्द गुप्ता, एच.आर. मेहन्दीरता, रोहित निझावन, रमेश सब्बरवाल, श्रीमती प्रेम लता ‘निगम-पार्षद’, रॉकी तुसीद, रविन्द्र सिंह चौहान ‘रवि’ अनिल तंवर, नरेश शर्मा ‘नीटू’, गौरव शर्मा, पवन मारवाह, मदन शास्त्री, वाई.के. शर्मा, लाजपतराय, श्रीमती वीणा भार्गव, श्रीमती ललिता वोहरा, सुभाष शर्मा, कृपाल सिंह आर्य, अशोक सहरावत, जिले सिंह शर्मा, ब्रहमदीक्षित, ओम प्रकाश नावरियां, जोगिन्द्र मेहरा, सुशील कुमार टांक, मनोज कुमार, जगदीश बडसिवाल आदि सहित सेकड़ों की संख्या में महानुभाव व श्रोतागण उपस्थित थे।