भाषाई सैनिकों का भव्य स्वागत ग्वालियर, ललितपुर।
भारतीय भाषा सम्मान यात्रा पर निकले भाषायी सैनिकों का भव्य स्वागतग्वालियरललीतपुर
२५ दिसम्बर,२०१८ से ४ जनवरी २०१९ तक भारतीय भाषा सम्मान यात्रा का आयोजन भारतीय भाषा अपनाओ अभियान के संस्थापक अध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार एवं सम्पादक बिजय कुमार जैन के नेतृत्व में किया जा रहा है। यह यात्रा ५०० राष्ट्रप्रेमी और हिंदी प्रेमी सेवकों के साथ कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि स्थानों पर होती हुई ४ जनवरी २०१९ को दिल्ली पहुंचेगी। भारतीय भाषा सम्मान यात्रा के सेनानी ३० नवम्बर को प्रात: आचार्य विद्यासागर जी के दर्शन करने ललितपुर पहुंचे, वहां उनके दर्शन हुए, उन्हें भारतीय भाषा सम्मान यात्रा की पूरी जानकारी दी गयी तो उन्होंने अत्यंत प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि यह बहुत ही अच्छा काम है, राष्ट्रहित के लिए है, मेरा पूरा आशीर्वाद है, आगे बढ़ो सफलता जरूर मिलेगी। ललितपुर से भाषायी सैनिक ३० नवम्बर को ग्वालियर पहुंचे। तथा स्वर्ण मंदिर में दर्शन कर भगवान महावीर का आशीर्वाद लिया, ग्वालियर में उपस्थित हिंदी प्रेमियों ने भाषायी सैनिकों का आगरासम्मान किया। तथा विश्वास दिलाया कि न केवल ग्वालियर के लोग अपितु समूचा देश हिंदी को राष्ट्रभाषा द़र्जा दिलाने में आपके साथ होगा।
ये सेनानी ३० नवम्बर को ग्वालियर से आगरा पहुंचे, आगरा की व्यवस्था यहां के जैन समाज ने ले ली तथा आश्वासन दिया कि आप आगे बढ़ें हम सभी आपके साथ हैं, इस अवसर पर आगरा जैन परिषद के अध्यक्ष एडवोकेट अशोक जैन,बेलनगंज धर्मशाला के ट्रस्टी एडवोकेट राजेन्द्र कुमार जैन, श्री सुंदरलाल जैन धर्मशाला के अध्यक्ष ट्रस्टी मनोजकुमार जैन, श्री दिगम्बर जैन शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष कमल जैन, सुनिल भैया जैन, राजेश कुमार जैन, राजकुमार जैन उपस्थित थे।१ दिसम्बर २०१८ को भाषायी सैनिक दिल्ली पहुंचे। दिल्ली में मारवाड़ी पुस्तकालय में राजनारायण सराफ जी की अध्यक्षता में एक सभा हुई जिसमें महेश चंद गुप्त जी, डॉ. अनिल जैन, विजयराज सुराणा, अमरजीत जी, राहुल जी आदि कई राष्ट्रभाषा प्रेमी एवम बुद्धिजीवी लोग उपस्थित थे, सभी ने एकमत होकर सभी भारतीय भाषाओं को सम्मान दिलाने, हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा घोषित करने तथा इंडिया को भारत के नाम से सम्बोधित करने प्रस्ताव का स्वागत व समर्थन किया।
दिल्लीवासियों ने इस अभियान में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया, दिल्ली से ये भाषायी सैनिक जयपुर होते हुए मुंबई के लिए रवाना हो गए।१ दिसम्बर २०१८ को भाषायी सैनिक दिल्ली से जयपुर पहुंचे, जयपुर में रहने की व्यवस्था श्री राजेन्द्र जी गोधा ने की। यहां पर समाज के कई प्रभावशाली लोगों से भट्टारक जी की नसिया में परिचय हुआ, जिनमें विशेषकर विनोद जी जैन, सुभाष जी जैन, राकेश जी गोधा, प्रदीप जी गोधा आदी प्रमुख थे, उपस्थित महानुभावों में ‘भारतीय भाषा सम्मान यात्रा’ की दिल्ली से वापसी के समय ४ जनवरी २०१९ को जयपुर में संपूर्ण व्यवस्था के लिए निवेदन किया गया। २ दिसम्बर २०१८ को भाषायी सैनिक जयपुर से भीलवाड़ा पहुंचे, यहां सौभाग्य मुनि जी का प्रवचन सुना, उन्होंने कहा कि आज सकल जैन समाज में एकता की आवश्यकता है, ‘जिनागम’ पत्रिका पिछले २२ वर्षों से जैन एकता के लिए प्रयास कर रही है, साथ ही यह विचार भी बांट रही है कि हम न दिगम्बर है, न श्वेताम्बर, हम केवल जैन हैं, भगवान महावीर के अनुयायी है, हमारा एक ही नवकार मंत्र है।
दिल्लीवासियों ने इस अभियान में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया, दिल्ली से ये भाषायी सैनिक जयपुर होते हुए मुंबई के लिए रवाना हो गए।१ दिसम्बर २०१८ को भाषायी सैनिक दिल्ली से जयपुर पहुंचे, जयपुर में रहने की व्यवस्था श्री राजेन्द्र जी गोधा ने की। यहां पर समाज के कई प्रभावशाली लोगों से भट्टारक जी की नसिया में परिचय हुआ, जिनमें विशेषकर विनोद जी जैन, सुभाष जी जैन, राकेश जी गोधा, प्रदीप जी गोधा आदी प्रमुख थे, उपस्थित महानुभावों में ‘भारतीय भाषा सम्मान यात्रा’ की दिल्ली से वापसी के समय ४ जनवरी २०१९ को जयपुर में संपूर्ण व्यवस्था के लिए निवेदन किया गया। २ दिसम्बर २०१८ को भाषायी सैनिक जयपुर से भीलवाड़ा पहुंचे, यहां सौभाग्य मुनि जी का प्रवचन सुना, उन्होंने कहा कि आज सकल जैन समाज में एकता की आवश्यकता है, ‘जिनागम’ पत्रिका पिछले २२ वर्षों से जैन एकता के लिए प्रयास कर रही है, साथ ही यह विचार भी बांट रही है कि हम न दिगम्बर है, न श्वेताम्बर, हम केवल जैन हैं, भगवान महावीर के अनुयायी है, हमारा एक ही नवकार मंत्र है।
उपस्थित जनसमुदाय ने हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित करवाने के प्रयास की प्रशंसा की, इसमें पूरा सहयोग देने का आश्वासन भी दिया, तथा ५ जनवरी २०१९ को प्रात: भारतीय भाषा सम्मान यात्रा के यात्रियों की व्यवस्था के लिए विचार करने। यहां से हिंदी सेवी बांसवाड़ा पहुंचे, यहां के दिगम्बर जैन भवन में एक सभा का आयोजन किया गया, यहां उपस्थित सभी बुद्धिजीवियों ने एक स्वर में ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा बनाने संबधी अभियान में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।३ दिसम्बर २०१८ को प्रात: सभी भाषायी सैनिक बड़ौदा पहुंचे, यहां श्री दिगम्बर जैन मंदिर नवग्रह के अतिथि गृह के अध्यक्ष महेश भाई से ६ जनवरी २०१९ को अपरान्ह यात्रा सेनानियों के भोजन की व्यवस्था बड़ौदा समाज द्वारा करवाने का निवेदन किया गया, इस अवसर पर श्री जतिन शाह, वीरेंदर शाह, जगदीशचंद्र शाह, हसमुखलाल शाह आदि उपस्थित थे। बड़ौदा से भाषायी सैनिक सूरत पहुंचे, सूरत में दिगम्बर जैन मंदिर कतार गांव के अध्यक्ष रमेश भाई से हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा हुई, उन्होंने इस अभियान में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया, सूरत से भाषायी सैनिक ३ दिसम्बर २०१८ को रात्रि ८.३० बजे जे.बी.नगर स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर पहुंचे।यहां दिलीप जी पंडित ने सम्मान किया और भावी यात्रा के लिए शुभकामनाएं की, उन्होंने कहा एक दिन पूरा भारत आपके साथ होगा।
-प्रस्तुति- प्रो. मिश्रीलाल मांडोत