भारत के पश्चिम बंगाल राज्य का एक जिला पुरुलिया

भारत के पश्चिम बंगाल राज्य का एक जिला पुरुलिया ( Purulia )

भारत के पश्चिम बंगाल राज्य का एक जिला ‘पुरुलिया’ एक शहर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है और झारखंड
और पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित है।
विवरण: पुरुलिया ‘मानभुम सिटी’ के रूप में भी जाना जाता है। यह शहर १८७६ में गठित किया गया था।
‘पुरुलिया’ जिले के उत्तर में कांगसबाती नदी और पुरुलिया रेलवे जंक्शन स्थित है। यह ६२५१ वर्ग कि.मी.के क्षेत्र
में फैला हुआ है। यह ‘चौधरी नृत्य’ के लिए प्रसिद्ध है। ‘छऊ’ नृत्य पुरुलिया का प्रमुख नृत्य है।

पुरुलिया का रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ 
रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ प्राचीन गुरुकुल प्रणाली है, यह शांत वातावरण के साथ लड़कों के लिए एक आवासीय स्कूल, स्वामी विवेकानंद ने स्थापित किया था। सैनिक स्कूल रांची रोड पर है। जीआरके डीएवी एक आवासीय स्कूल आर्य समाज स्वामी दयानंद द्वारा स्थापना किया गया।

भूगोल: पुरुलिया २३.३३ ष्ट र्‍ ८६.३७ ष्ट E पर स्थित है। इसकी औसत ऊंचाई २२८ मीटर (७४८ फीट) है।
क्षेत्र अवलोकन: पुरुलिया जिला छोटा नागपुर पठार का एक हिस्सा है। इस उपखंड की ८३.८०³ आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। १८.५८³ आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है। उपमंडल में ४ जनगणना शहर हैं। कांगसबाती (जिसे स्थानीय रूप से कंसाई कहा जाता है) उपखंड से होकर बहती है। इस उपखंड में ११ वीं शताब्दी या उससे पहले के पुराने मंदिर हैं।
जलवायु: यहॉ गर्मी में २३ डिग्री सेल्सियस से लेकर ३८ डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान तक गर्म और शुष्क रहता है। १२ ष्ट ण् से २६ ष्ट ण् तक के दैनिक तापमान के साथ सर्दियाँ शुष्क और ठंडी होती हैं। वर्षा मानसून के दौरान होती है।

नागरिक प्रशासन: पुरुलिया नगरपालिका में लगभग आबादी १५१,२१० है। पुरुलिया (मुफ़स्सिल) पुलिस स्टेशन
के अंतर्गत क्षेत्र ४३४.५७ किमी २ है और आबादी २३५,८५३ है। पुरुलिया सदर महिला पुलिस स्टेशन २०१४ में
भटबांध में खोला गया था, यह पुरुलिया कोटशिला झालदा और जॉयपुर क्षेत्र को कवर कर रहा है।

विश्वविद्यालय: सिद्धो कान्हो बिरसा विश्वविद्यालय भारत के पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में २०१० में स्थापित एक विश्वविद्यालय है। तापती मुखर्जी को पहला कुलपति नियुक्त किया गया था। यहां स्वदेशी संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देना विशेष रूप से संताली भाषा पढ़ाई जाती है।
रघुनाथपुर कॉलेज: १९६१ में स्थापित रघुनाथपुर कॉलेज, रघुनाथपुर, पुरुलिया जिले के सबसे पुराने कॉलेजों में से एक है। यह कला, वाणिज्य और विज्ञान में स्नातक पाठ्यक्रम प्रदान करता है, यह सिद्धो कान्हो बिरसा विश्वविद्यालय से संबद्ध है।

अचरूराम मेमोरियल कॉलेज:
अचरूराम मेमोरियल कॉलेज, जिसे झालदा कॉलेज के रूप में भी जाना जाता है, १९७५ में स्थापित किया गया था। यह कला और विज्ञान विषयों में सामान्य और ऑनर्स डिग्री पाठ्यक्रम प्रदान करता है।बिक्रमजीत गोस्वामी मेमोरियल कॉलेज: बिक्रमजीत गोस्वामी मेमोरियल कॉलेज पुरुलिया जिले में यह कला में स्नातक पाठ्यक्रम प्रदान करता है। यह सिद्धो कान्हो बिरसा विश्वविद्यालय से संबद्ध है।

बलरामपुर कॉलेज: बलरामपुर कॉलेज, १९८५ में स्थापित, रंगाडीह, बलरामपुर, पुरुलिया जिले में डिग्री कॉलेज है।
यह कला, वाणिज्य में स्नातक पाठ्यक्रम प्रदान करता है। यह सिद्धो कान्हो बिरसा विश्वविद्यालय से संबद्ध
है।

जे.के. कॉलेज, पुरुलिया जे. के. कॉलेज, पूरा नाम जगन्नाथ किशोर कॉलेज भी कहा जाता है, १९४८ में स्थापित पुरुलिया जिले, पश्चिम बंगाल में भारत का पुराना कॉलेज है। यह वाणिज्य, कला और विज्ञान में स्नातक पाठ्यक्रम और गणित, इतिहास और अंग्रेजी में स्नातकोत्तर प्रदान करता है। यह सिधो कान्हो बिरसा विश्वविद्यालय से संबद्ध है।
काशीपुर माइकल मधुसूदन महाविद्यालय: काशीपुर माइकल मधुसूदन महाविद्यालय पुरुलिया जिले में एक सामान्य डिग्री कॉलेज है। यह कला में स्नातक पाठ्यक्रम प्रदान करता है। यह सिद्धो कान्हो बिरसा विश्वविद्यालय से संबद्ध है।
निस्तारिनी महिला कॉलेज: निस्तारिनी (महिला) कॉलेज, १७ अगस्त १९५७ को स्थापित, पुरुलिया जिले, पश्चिम बंगाल भारत का पुराना महिला कॉलेज है। यह कला और विज्ञान में स्नातक पाठ्यक्रम प्रदान करता है। यह सिद्धो कान्हो बिरसा विश्वविद्यालय से संबद्ध है और ए ग्रेड के साथ राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त है।

इंजीनियरिंग कॉलेज:
रामकृष्ण महतो सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज, यह मौलाना अबुल कलाम आज़ाद यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी
से संबद्ध स्नातक बी. टेक. इंजीनियरिंग डिग्री पाठ्यक्रम प्रदान करता है। यह संस्था पश्चिम बंगाल सरकार
द्वारा विनियमित, संचालित और प्रशासित है।

मेडिकल कॉलेज पुरुलिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल एक पूर्ण तृतीयक रेफरल सरकारी मेडिकल कॉलेज है।

पॉलिटेक्निक कॉलेज पुरुलिया पॉलिटेक्निक, एक सरकारी पॉलीटेक्निक है जो बोंगाबरी नामक ग्रामीण क्षेत्र में है। यह संस्थान एक विशाल क्षेत्र पर स्थित है। इसकी स्थापना १९५७ में हुई थी। यह भारत के पुराने पॉलिटेक्निक संस्थानों में से एक है। यह पॉलिटेक्निक पश्चिम बंगाल स्टेट काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन से संबद्ध है और एआईसीटीई, नई दिल्ली द्वारा मान्यता प्राप्त है।

सैनिक स्कूल, पुरुलिया पुरुलिया में एक सैनिक स्कूल है जिसकी स्थापना सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा १९६२ में पुरुलिया जिले के मांगुरिया के पास, की गई थी। स्कूल अपने छात्रों को सशस्त्र बलों में अधिकारी संवर्ग के लिए तैयार करता है।
पुरुलिया जिला स्कूल पुरुलिया जिला स्कूल भारत के सबसे पुराने मौजूदा स्कूलों में से एक है। यह कक्षा घ् से कर्क्षा ेंघ्घ् तक शिक्षा प्रदान करता है।

पुरुलिया के प्रसिद्ध गंभीर सिंह मूड़ा
गंभीर सिंह मूड़ा एक भारतीय आदिवासी नर्तक था, जिसे ‘छऊ’ के आदिवासी मार्शल नृत्य में उनके योगदान के
लिए जाना जाता था। वह छऊ के पुरुलिया स्कूल का एक प्रतिपादक था।

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