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स्वर्ग-स्थल डिब्रूगढ़
‘डिब्रूगढ़’ भारत के असम राज्य का एक जिला, एक शहर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। अहोम भाषा की बुरंजी ऐतिहासिक कृतियों में शहर का नाम ती-फाओ (Ti-Phao) दिया गया है, जिसका अर्थ......
तिनसुकिया के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
‘तिनसुकिया’ असम के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता, असम के सबसे बड़े शहरों में एक, वन्य जीवन, मनोरंजन और शिक्षा का एक अच्छा मिश्रण है।यह असम के सबसे बड़े शहरों......
असम राज्य का प्रमुख जिला तिनसुकिया (पुखरी)
‘तिनसुकिया’ भारत के असम राज्य के ‘तिनसुकिया’ ज़िले में स्थित एक शहर है, यह ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय तथा नगर निगम बोर्ड है, यह असम राज्य का एक प्रमुख क्षेत्रीय व्यापारिक केंद्र भी है,......
माहेश्वरी वंशोत्पत्ति
माहेश्वरी समाज! समय के साथ कदम से कदम मिलाने में विश्वास रखता है, इस समाज के सदस्य परिवर्तनशीलता के पक्षधर हैं, इस दृष्टि से सब नित-नवीन हैं, महाकवि कालिदास ने नवीनता की व्याख्या करते......
भारत के असम राज्य में स्थापित कछार की राजधानी है सिलचर
‘सिलचर’ भारत के असम राज्य के कछार जिले का एक शहर और मुख्यालय है। यह क्षेत्रफल, जनसंख्या और सकल घरेलू उत्पाद के मामले में गुवाहाटी के बाद उत्तर पूर्वी क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा......
30 मार्च 1949: राजस्थान में नया सवेरा
३० मार्च १९४९ का सूर्योदय लेकर आयाएक नया सवेरा राजस्थान प्रदेश के लिए राजस्थान यानि कि राजपूतों का स्थान, देश के विकास में राजस्थान और राजस्थानियों का अमूल्य योगदान रहा है। चाहे वह उद्योग......
पुणे में ऐतिहासिक स्थल दौरा
क्या नहीं है महाराष्ट्र के एक जिले पुणे मेंसपरिवार ऐतिहासिक स्थल का दौरा कर ‘पुणे’ दुकानदारों के लिए स्वर्ग है। पैठनी साड़ी, महाराष्ट्रीयन नथ, कोल्हापुरी चप्पल, चांदी और पीतल के बर्तन से लेकर सस्ते......
मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम जन्मोत्सव पर विशेष
सनातन धर्म को सर्वोच्च बताने वाली भारत की भूमि हमेशा से ही एक पवित्रभूमि रही है, इतिहास के पन्नों को पलट कर देखा जाए तो यहाँ कई देवीदेवताओं के मनुष्य अवतार का वर्णन मिलता......
नूतन वर्ष का अभिनंदन कराता है गुड़ी पड़वा
‘गुड़ी पड़वा’ मुख्य रूप से मराठी समुदाय में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है, इस पर्व को भारत के अलग-अलग स्थानों में अलग नामों से जाना जाता है। भारत के अलग-अलग प्रदेशों में......
नदिया जिले में स्थित शांतिपुर का इतिहास
नदिया जिले में स्थित शांतिपुर का इतिहास (History of Shantipur located in Nadia district) ‘शांतिपुर’ अपने ‘दोलुत्सव’ और ‘रसोत्सव’ के लिए लोकप्रिय है, जिसे हालांकि अद्वैत आचार्य के परपोते माथुरेश गोस्वामी द्वारा शुरू किया......