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मुंशी प्रेमचंद: हिंदी साहित्य के पुरोधा
हिंदी बनें राष्ट्रभाषा – बिजय कुमार जैन वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक ३१ जुलाई, १८८० को वाराणसी के निकट लमही नामक गाँव में जन्मे धनपतराय, जिन्हें ‘मुशी प्रेमचंद’ के नाम से जाना जाता है, वे......
‘हिंदी’ को संयुक्त राष्ट्र की भाषा बनानी है
वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक बिजय कुमार जैन ने पूछा कि भारत की आजादी का ७२ वॉ साल बीत रहा है, आज तक ‘हिंदी’ को राष्ट्र की भाषा क्यों नहीं निश्चित की गयी, यदि कोई......
समाज में उजाले कम क्यों हो रहे हैं
स्वार्थ चेतना अनेक बुराइयां का आमंत्रण है, क्योंकि व्यक्ति सिर्फ व्यक्ति नहीं है, वह परिवार, समाज और देश के निजी दायित्वों से जुड़ा है। अपने लिए जीने का अर्थ है अपने सुख की तलाश......
इण्डिया गेट बनाम ‘भारत द्वार’ निवेदित
वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक बिजय कुमार जैन नेभारत सरकार से निवेदन किया है कि ‘इण्डिया गेट’जैसे ऐतिहासिक स्थल का नाम ‘भारत द्वार’ कियाजाये ताकि भारत के १२५ करोड़ लोगों को स्मरणरहे कि हमारे देश......
भारतीय भाषायी द्वारा सांस्कृतिक पुनरुत्थान
‘India Gate’ का नाम ‘भारत द्वार’ लिखवायें भारतीय जनसंघ का पहला राष्ट्रीय वार्षिक अधिवेशन, कानपुर में २९ से ३१ दिसंबर, १९५२ को हुआ था, इस अधिवेशन की अध्यक्षता भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.......
‘हिंदी’ बोलने वाला ही २०१९ में प्रधान मंत्री बनेगा
रही, हर कोई ने ‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा’अभियान की तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत भी किया, ‘हिंदी’ को जल्द ही भारत की राष्ट्रभाषा घोषित की जाए, इंडिया का नाम ‘भारत’ बोला जाए, अनुशंसा भी जारी......
हिन्दी भारत की आत्मा है
हिन्दी दिवस, हिन्दी सप्ताह, हिन्दी पखवाड़े मनाये जाने के साथ हिन्दी के खतरे में होने के घड़ियाली आँसू भी हिन्दी प्रेमी बहाने लगते हैं, जबकि उनके इस दावे में कोई दम नहीं है कि......