








Previous
Next
NEW UPDATES
महात्मा गांधी की १५०वीं जयंती पर विश्व शांति का आगाज मुंबई में
महात्मा गांधी अहिंसा, शांति और सद्भावना के प्रतीक – रामदास अठावले केंद्रीय मंत्री, भारत सरकार अहिंसा विश्व भारती देश भर में करेगी२४ विश्व शांति सम्मेलनों का आयोजन जैन दर्शन का महात्मा गांधी के जीवन... ...
मातृशक्ति का सम्मान – समय की मांग बढ़ते नारी अपराध रोकने के लिए
संस्कृति के महान आदर्शो से युवकों को रूबरू कराने की जरूरत सदाचारी व मर्यादित जीवन बने जीने का आधार भारतीय सनातन व संस्कृति के आधार गंगा, गाय व तुलसी को जहां माँ के रूप... ...
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बारे में
जन्म दिवस २२ अक्टूबर पर विशेष अमित शाह का जन्म १९६४ में मुंबई के एक संपन्न गुजराती परिवार में हुआ। सोलह वर्ष की आयु तक वह अपने गांव मान्सा, गुजरात में ही रहे और... ...
पिजंरापोल गौशाला
पश्चिमी राजस्थान की सबसे बड़ी व सुव्यवस्थित गौशाला। ज्यादातर गोवंश अंधे, लूले, लंगड़े, बीमार व असहाय। दुर्घटनाग्रस्त व गंभीर बीमार गोवंश के लिए चौबीसों घण्टे इलाज की सुविधा। पशु चिकित्सालय एवं चिकित्सकों की समुचित... ...
हिंदी की रोटी खाने वाले अब तो करो विचार
मेरा मर्म- मेरा दर्द हिंदी की रोटी खाने वाले हो जाओ सावधानजरूर करेगा ‘मेरा भारत’ गद्दारों का सम्मानआज भारत के कई कथित संस्थाएं व व्यक्तित्व‘हिंदी’ की गाथा गाते हैं, कहते है ‘हिंदी’ बिना भारत... ...
राष्ट्रीय चेतना व अस्मिता की प्रतीक हिंदी राष्ट्रभाषा बनने की ओर अग्रसर
१) हिन्दी विश्वभाषा की ओर अग्रसर।२) १४० देशों में १२० करोड़ लोग द्वारा बोली जाती है हिन्दी।३) कई राष्ट्र, बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ व आम-जनों ने भी हिन्दी अपनाने की है पहल।४) भारतीय संस्कृति की आधार... ...
हम स्वयं कहाँ हैं- हिन्द के हिन्दी-महासागर में -बालकवि बैरागी
हम भारतवासी भाग्यशाली हैं कि हमारे पास अरब सागर, बंगाल सागर और हिन्द महासागर जैसे रत्नों से भरपूर लहराते हुए सागर और महासागर हैं, हमारा विशेष सौभाग्य यह भी है कि हमारे पास अपने... ...
मोदी के नेतृत्व में नई ऊँचाइयों पर पहुॅचा भारत
कुछ विपक्षी दलों ने बिना जाने-समझे भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया था, मोदी ने अपनी अमेरिका नीति में बिना किसी दुराग्रह के सिर्फ एक बात का... ...
आधुनिक हिंदी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर मुंशी प्रेमचंद- प्रो. मिश्री लाल मांडोत
हिंदी बनें राष्ट्रभाषा – बिजय कुमार जैन वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक ३१ जुलाई, १८८० को वाराणसी के निकट लमही नामक गाँव में जन्मे धनपतराय, जिन्हें ‘मुशी प्रेमचंद’ के नाम से जाना जाता है, वे... ...
‘हिंदी’ को संयुक्त राष्ट्र की भाषा बनानी है
वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक बिजय कुमार जैन ने पूछा कि भारत की आजादी का ७२ वॉ साल बीत रहा है, आज तक ‘हिंदी’ को राष्ट्र की भाषा क्यों नहीं निश्चित की गयी, यदि कोई... ...