हरियाणा गौ सेवा आयोग के कार्य
by Bijay Jain · Published · Updated
परिचय एवं स्थापना:
हरियाणा गौ सेवा आयोग की स्थापना हरियाणा राज्य में गौ माता के सम्पूर्ण संरक्षण व संवर्धन करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा अधिनियम २०१० की संख्या १९ के अधीन दिनांक ०४-१०-२०१० को की गई, उक्त आयोग का शुभारम्भ दिनांक ११-०४-२०१३ को श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड, लाजवंती भवन, पंचकूला मुख्यालय में किया गया, उपरलिखित आयोग में ९ सरकारी तथा १६ गैर सरकारी सदस्य (अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सहित) गौशालाओं के प्रतिनिधि व सामाजिक कार्यकत्र्ता हरियाणा सरकार द्वारा नामित होते हैं।
वर्तमान में माननीय श्री मनोहर लाल जी, यशस्वी मुख्यमंत्री ने भानी राम मंगला को आयोग के अध्यक्ष की जिम्मेवारी गोपाष्टमी के दिन १९-११-२०१५ को दी। अध्यक्ष जी ने अपने अन्य सभी सदस्यों के साथ गौ माता के कल्याण के लिए अनेक लाभदारी योजनाओं के साथ कार्य शुरू किया।
हरियाणा गौ सेवा आयोग के कार्य
- गौ वध व गौ तस्करी को रोकने के लिए कारगर उपायों को सख्ती से लागू कराना व गौ कल्याण के लिए उचित कदम उठाना।
- गाय के गोबर तथा गौ मूत्र से बायो उर्जा, बायो गैस, बायो खाद, बायो नाशक से वैज्ञानिक उपयोगिता को बढ़ावा देना।
- गाय की स्वदेशी विभिन्न नस्लों के पालन-पोषण तथा इस प्रयोजन में लगी हुई संस्थाओं को वित्तिय सहायता प्रदान करना।
- गौ चारा भूमि के विकास तथा गौ वंश के उपयोग के लिए संस्थाओं व अन्य निकायों (निजी व सार्वजनिक) को सहयोग देना।
- गौ कल्याण हेतु योग्य संस्थाओं को गाय के गोबर व मूत्र से बायो गैस से अक्षय उर्जा द्वारा वैज्ञानिक उपयोगों के लिए विभिन्न सहायता उपलब्ध कराना।
- गाय से मानव को आर्थिक लाभ के विषय में आम लोगों को जागरूक करना तथा विद्यालय पाठ्यक्रम से सम्मिलित कराना।
- प्राकृति आपदाओं (अकाल, सूखा, बाढ़ आदि) प्रभावित गौ वंश संरक्षण व सम्बर्धन संस्थाओं को आर्थिक सहयोग करना।
- गाय के प्रजनन व पालन पोषण, जैविक खाद व बायो गैस इत्यादी के क्षेत्र में अनुसंधान कार्यों में लगी संस्थाओं को सहयोग करना।
- गौ सेवा से जुड़ी हुई संस्थाओं को चारा, पानी उपलब्ध कराने में सहायता करना तथा चारा विकास की योजनाओं को लागू करना तथा मुफ्त घास, फुस रीपर मशीन उपलब्ध करवाना।
- बेसहारा व अनउपयोगी गौ वंशों की सहायता करने हेतू तथा न्यायालयों से जब्त व अभिग्रहण गाय को अभिरक्षा में लेना तथा उन्हें सुरक्षित रखने के लिए सहयोग करना।
- प्राकृतिक रूप से मृत गाय की चर्म, खालों व हड्डियों पर आधारित विभिन्न उत्पादों के विनिर्माण के प्रयोजन हेतू बायो गैस पर आधारित कुटीर उद्योगों की स्थापना हेतू योजनाएं तैयार व प्रस्तुत करना।
- गाय की देशी नस्लों, दूध व सम्बद्ध डेयरी उत्पाद तथा बैल उर्जा के महत्व के विषय में जागरूकता पैदा करना तथा लोगों को प्रेरित करना।
- गाय के दूध में वृद्धि व नस्ल विकास हेतू प्रतियोगिताओं व मेलों के आयोजन करना, प्रतियोगिता भागियों को इनाम देकर प्रोत्साहित करना तथा नस्ल सुधार में लगी संस्थाओं में उपयोगी प्रतियोगिता उन्नत करना।
गौ हत्या व तस्करी की रोकथाम के नियम
गौ माता के प्रति विशेष चिन्ता करने वाली हरियाणा की वर्तमान सरकार ने गौ हत्या व गौ तस्करी की रोकथाम के लिए पूरे देश में सबसे सख्त कानून ‘‘हरियाणा गौ वंश संरक्षण तथा गौ सम्बर्धन अधिनियम २०१५’’ बनाया गया है, इस अधिनियिम के अधीन निम्नलिखित अपराधों व सजाओं के लिए प्रावधान है:-
१. हरियाणा में गौ वंश का वध व गौ वध के लिये गौ तस्करी करते पाये जाने पर १० वर्ष तक की सजा तथा १ लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
२. हरियाणा में गौ मांस खाना, गौ मांस ले जाना व गौ मांस रखने पर पूर्णत: प्रतिबन्ध है, ऐसे करते हुए पाये जाने पर ५ वर्ष तक की सजा और ५० हजार रूपये तक का जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
३. जो वाहन गौ हत्या/गौ तस्करी या गौ मांस ले जाने में उपयोग किया जा रहा होगा, उस वाहन को जब्त करने का प्रावधान है।
उक्त कानून को सख्ती से लागू करने के लिए हरियाण सरकार ने हरियाणा Cow Protection Task Force का गठन भी किया है, जिसमें गौ वंश की रक्षा हेतु प्रत्येक जिले में १५-१५ पुलिस कर्मचारियों की एक पुलिस निरिक्षक की देख-रेख में टीम बनाई गई है तथा राज्य स्तर पर पुलिस महानिरिक्षक को Chief Enforcement Officer की जिम्मेदारी दी गई है। हरियाणा गौ सेवा आयोग द्वारा गौशालाओं को दिया गया आर्थिक सहयोग एवम् अब तब किये गये कार्य:
१. चारे के लिए वार्षिक अनुदान: क) वर्ष २०१५-१६ में प्रदेश की ३७८ गौशालाओं को चारा खरीद हेतू ४,४७,७५,३००/- रू. की राशि अनुदान के रूप में आबंटित की गई।
ख) वर्ष २०१६-१७ में प्रदेश की ३४९ गौशालाओं/नन्दीशालाओं को चारा खरीद हेतू ४,१०,६६,८००/-रू. की राशि अनुदान के रूप में आबंटित की गई।
ग) वर्ष २०१७-१८ में प्रदेश की ४३३ गौशालाओं को चारा खरीद हेतु ५,४२,८३,५००/-रू. की राशि अनुदान के रूप में आबंटित की गई।
२. नई नंदिशालाओं को अनुदान:- क) वर्ष २०१७-१८ में प्रदेश की ८ नई नन्दीशालाओं के निर्माण हेतू रू. ४५,००,०००/- रू. की राशि का अनुदान
ख) वर्ष २०१८-१९ में प्रदेश की १५ नन्दीशालाओं के निर्माण हेतू ९६,००,०००/-रू. की राशि का अनुदान
३. गौ आश्रम योजना (शैड) अनुदान:- क) वर्ष २०१७-१८ में प्रदेश की ९ गौशालाओं के शैड निर्माण हेतू रू. ४७,००,०००/- रू. की राशि का अनुदान
ख) वर्ष २०१८-१९ में प्रदेश की १२० गौशालाओं को शैड निर्माण हेतू रू. ८,७४,५०,०००/-रू. की राशि का अनुदान
४. प्राकृतिक आपदा अनुदान:-आयोग द्वारा अब तक प्रदेश की १२ गौशालाओं को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिये रू. ४९,०४,५००/-रू. की राशि अनुदान के रूप में आबंटित की गई।
५. एम्बुलैंस खरीद अनुदान:- क) वर्ष २०१७-१८ में प्रदेश जिला नूंह की संघेल गौशाला को एम्बूलैंस खरीद हेतु १४,४०,०००/-रू. की राशि का अनुदान
ख) वर्ष २०१८-१९ में जिला रोहतक की खिडवाली गौशाला, को १०,००,०००/- रू. की राशि का अनुदान
६. पंचगव्य निर्मित पदार्थ मशीनरी खरीद के लिए अनुदान:-
क) वर्ष २०१७-१८ में २ गौशालाओं को पंचगव्य निर्मित पदार्थ मशीनरी खरीद हेतू १,६५,६७२/- रू. की राशि का अनुदान।
ख) वर्ष २०१८-१९ में ११ गौशालाओं को पंचगव्य निर्मित पदार्थ मशीनरी खरीद हेतु ६,२२,८४१/- रू. की राशि का अनुदान
७. सभी गौशालाओं में श्रेणी वाईज गिनती हेतू टैगिंग करवाई गई है।
८. व्यवसायिक डेयरियों के लिए टैगिंग करवाई जा रही है, जो डेयरी मलिक अपने गौवंश को सड़कों पर छोड़ेंगे उनको पकड़ कर चिन्हित करने पर ५१००/- दण्ड लिया जाएगा।
९. बेकार नन्दियों के बधियाकरण की प्रक्रिया का कार्य प्रगति पर है।
१०. आयोग की वैबसाईट भी शुरू कर दी गई है। (www.hargauseva.gov.in)
११. गौ-अभयारण्य: क) गांव नैन, जिला पानीपत में ५० एकड़ में गौ-अभ्यारण्य बनाया जा रहा जिसकी २० एकड़ की चार दिवारी का कार्य पूरा हो चुका है, आयोग द्वारा इसमें २.५० करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है। गौ-अभ्यारण्य का कार्य प्रगति पर है, इसमें लगभग ३००० बेसहारा गौवंश को आश्रय दिया जायेगा।
ख) गांव ढंढुर, जिला हिसार में गौ-अभ्यारण्य का कार्य प्रगति पर है। हरियाणा गौ सेवा आयोग द्वारा ४.०० करोड रू. की राशि जारी की जा चुकी है, इसमें लगभग ३००० बेसहारा गौवंश को आश्रय दिया जाएगा।
१२. दूधारू गायों को बेसहारा सड़कों पर छोडने पर ५१००/-रू का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।
१३. गौवंश संरक्षण एवं गौ संवर्धन अधिनियम २०१५ को सख्ती से लागू करने के लिए सरकार द्वारा Cow Protection Task Force का गठन किया गया है।
१४. गौशालाओं को गोपाष्टमी उत्सव मनाने पर दिया गया प्रोत्साहन अनुदान:
क) वर्ष २०१६-१७ के दौरान प्रदेश की १२३ गौशालाओं को गोपाष्टमी उत्सव मनाने पर प्रति गौशाला ११०००रू. की दर से कुल रू. १३,५३,०००/- की प्रोत्साहन राशि दी गई।
ख) वर्ष २०१७-१८ के दौरान प्रदेश की ११२ गौशालाओं को गोपाष्टमी उत्सव मनाने पर प्रति गौशाला २१०००रू. की दर से कुल रू. २३,५२,०००/- की प्रोत्साहन राशि दी गई।
आयोग की आगामी योजनाय
- गौशाला आत्मनिर्भर योजना।
क) गौशालाओं में ९० प्रतिशत गौवंश लंगड़ा, लूला, अपाहिज, बीमार, पॉलिथीन खाया हुआ व हत्या से बचाया हुआ होता है। गौशालाओं में दूध वाली गाय ना के बराबर है। गौशालाओं के पास गाय का गोबर व गौमूत्र है जिसका ठीक उपयोग हो सके उसके लिये निम्न प्रकार से योजनायें बनाई गई हैं:-
१. गोबर से डण्डे बनाने की मशीन बनाकर श्मशान घाट में भेजना ताकि मृतक मनुष्य की क्रिया गौबर से बने डण्डों से हो सके।२. गोबर से गमले बनाने की मशीन बनाकर वन विभाग को भिजवाना।
३. गोबर से धूपबती बनाने की मशीन, पूजा के लिये टिकिया व समिधा बनाने वाली मशीन देना।
४. गौमूत्र से फिनायल व गौ अर्क व कीटनाशक दवाईयां बनाने की मशीने देना।
५. हराचारा काटने की रीपर मशीन व सुखा चारा काटने की रीपर मशीन, पराली इक्टठे करने की मशीन, भूसा चढाने को पंखा, चारा काटने का गंडासा मशीन देना।
उपरोक्त (१) से (५) तक आयोग गौशालाओं को ये मशीने ९० प्रतिशत अनुदान देकर उपलब्ध करायेगा।
ख) जो गौशालायें नस्ल सुधार हेतु देशी बछड़ियों का अलग से बाडा बनाकर उनको दूधवाली गाय बनाने का कार्य करेगी, आयोग द्वारा एक लाख रूपये प्रति वर्ष प्रोत्साहन राशि देने की योजना है।
ग) देशी नस्ल के नन्दी मुफ्त उपलब्ध कराना।
घ) पंचगव्य निर्माण हेतू मुफ्त प्रशिक्षण शिविर लगवाना, ताकि गौशालायें अपनी-अपनी गौशालाओं में पंचगव्य का उत्पादन कर सके।
ड़) २००० से ज्यादा गौवंश वाली प्रदेश की सभी गौशालाओं में प्राईवेट फर्मों के साथ मिलकर Bio CNG लगवाने की योजना। आरम्भ में Pilot Project के रूप में जिला गुरूग्राम में शुरू करने की योजना।
च) गौचरण भूमियों को नजदीक की गौशालाओं को चारा उगाने के लिए मामूली पैसों पर लीज पर देने की योजना, ताकि गौशालाओं में चारे की कमी दूर हो सके।२. मुख्यमंत्री गौशाला जगमग योजना:
इस योजना के अन्र्तगत सभी गौशालाओं में सोलर ऊर्जा द्वारा बिजली मुफ्त उपलब्ध कराना।
३. हरियाणा बेसहारा गौवंश को आश्रय देने की योजना
माननीय मुख्यमंत्री जी का सपना है कि हरियाणा प्रदेश में कोई भी गौवंश सड़कों, गली-महोल्लों व कचरे के ढेरों में पोलिथीन ना खाये तथा गंदगी में ना खड़ा रहे। किसानों की फसलों का नुकसान ना हो और ना ही अचानक सड़क दुर्घटना में अकारण किसी की मृत्यु का कारण बने, इसके लिए शहरों में नई नंदीशाला व गांवों में ग्रामीण गौ सेवा केन्द्र खोलकर सभी बेसहारा गौवंश को इनके अन्दर आश्रय प्राप्त करवाने की योजना, ताकि हरियाणा प्रदेश के बेसहारा गौवंश को आश्रय दिया जा सके।
- ग्रामीण गौ सेवा केन्द्र योजना। : इस योजना के अन्र्तगत प्रदेश के कुल ६५०० गांवों के १० प्रतिशत गावों में ग्रामीण गौ सेवा केन्द्र खोलने की योजना है, इस योजना के अंर्तगत सरपंच की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जा रही है, जिसमें गांव का सामाजिक प्रतिष्ठित व्यक्ति संरक्षक, गांव का सरपंच अध्यक्ष, गांव का सचिव सदस्य सचिव, समिति के सदस्य के रूप गांव का नम्बरदार, ग्राम पंचायत से दो पंच, कुछ गांव के सामाजिक प्रतिष्ठित व्यक्ति तथा गांव के तीन बड़े किसान आदि शामिल होंगे, जो पंचायत ‘‘गांव का नाम’’ ग्रामीण गौ सेवा केन्द्र समिति रजिस्ट्रार, फर्म एण्ड सोसाइटीज एक्ट द्वारा पंजीकृत करवाकर ग्राम पंचायत १० एकड़ भूमि का प्रस्ताव इस समिति के नाम लीज पर देकर आयोग को भेजेगी, उस समिति को आयोग की ओर से एक मुस्त २१ लाख रू. की अनुदान राशि दी जायेगी, ताकि गांव का बेसहारा गौवंश गांव में ही आश्रय पा सके और शहर की ओर ना जाये।
- गौ स्वास्थ्य योजना : इस योजना के अन्र्तगत प्रदेश की सभी गौशालाओं में गौवंश के स्वास्थ्य एवं प्रजनन सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए निम्नअनुसार पशुचिकित्सक व पशुधन विकास सहायक की नियुक्ति करने की योजना: पशुचिकित्सक व पशुधन सहायक के अभाव में गौवंश का सही समय पर ईलाज सम्भव नहीं हो पाता, इसलिए गौशाला के गौवंश की पशुचिक्तित्सा स्वास्थ्य एवं प्रजनन सुविधायें उपलब्ध करवाने की योजना है, ताकि गौशालाओं में इन बेसहारा व लाचार गौवंश का उपचार हो सके, उपरोक्त कर्मचारी सरकार के माध्यम से उपलब्ध करवाये जायेंगे।
- गौ आश्रय योजना: इस योजना के अन्र्तगत वर्ष २०१८-१९ में १२८ गौशालाओं को ९,११,५०००० रू. की राशि दी जा चुकी है, जिन गौशालाओं में शेड की कमी है और गौवंश की संख्या अधिक है, उन सभी गौशालाओं को आयोग प्रभारी सदस्य एवं जिला गौवंश विकास अधिकारी से रिपोर्ट लेकर गौ आश्रय के लिए अनुदान उपलब्ध करवायेगा।
हरियाणा गौ सेवा आयोग विजन २०१८
माननीय यशस्वी मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी के सुदृढ नेतृत्व व पशुपालन मंत्री माननीय श्रीमान ओम प्रकाश धनखड के मार्गदर्शन में हरियाणा गौ सेवा आयोग ने अपना वर्ष २०१८ का लक्ष्य बनाकर कार्य योजना बनाई है। आयोग के इस लक्ष्य को पूरा करने में प्रयासरत अध्यक्ष, भानी राम मंगला, उपाध्यक्ष, सभी सदस्य, अधिकारी, कर्मचारी व सहयोगी पशुपालन विभाग के सभी अधिकारियों द्वारा सहयोग करते हुए नीचे दिये गये बिन्दुओं पर लक्ष्य बनाकर कार्य को प्रारम्भ करने का संकल्प लिया है।
१. गौचरण भूमियों को गौशालाओं को चारा उगाने के लिए लीज पर देना।
२. हरियाणा प्रदेश बेसहारा गौवंश को आश्रय देना।
३. गौवध/गौ तस्करी को पूर्णत: बन्द करवाना।
४. जेलों में गौशालाओं की स्थापना करवाना, इसी वर्ष करनाल जेल में ०३-०५-२०१८ को माननीय मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास की गई गौशाला के कार्य को पूरा करना।
५.Bio CNG का Pilot Project Gurugram में शुरू करवाना।
६. मुख्यमंत्री गौशाला जगमग योजना के अन्र्तगत हरियाणा प्रदेश की सभी गौशालाओं में सोलर उर्जा लगवाना।
७. गौ-अभ्यारण्य पानीपत व हिसार को चालू करवाना।
८. पांच गौशालाओं को आर्दश गौशाला बनवाना।
९. पचास ग्रामीण गौ सेवा केन्द्र खुलवाना।