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अक्टूबर २०२३

अति प्राचीन व महत्वपूर्ण इतिहास से भरा है
‘नॉर्थ लखीमपुर’
कौन कहता है कि आसमां में छेद हो नहीं सकता, भारत का ही एक राज्य असम का एक जिला
‘नॉर्थ लखीमपुर’ ने दुनिया को बताया कि इतिहास को कभी भुलाया नहीं जा सकता ‘नॉर्थ लखीमपुर’ जिले का इतिहास है ही ऐसा, क्या नहीं है ‘नॉर्थ लखीमपुर’ में, मंदिर कहें या ऐतिहासिक स्थल, तरक्की पर तरक्की, उत्थान पर उत्थान सब कुछ तो है ‘नॉर्थ लखीमपुर’ में, सुबह की शुरुआत भी तो इसी पावन और पवित्रतम माटी से ही होती है।
‘मैं भारत हूँ’ का प्रस्तुत विशेषांक ‘नॉर्थ लखीमपुर’ के इतिहास के साथ अग्र पुरोधा महाराज अग्रसेन जी का इतिहास व विभिन्न जानकारी की प्रस्तुति का अवसर मिला, साथ ही अहिंसा के आध्यात्मिक विश्व गुरु विद्यासागर जी के जन्म पर्व का संक्षिप्त इतिहास लिखने का भी अवसर प्राप्त हुआ।
मैं तो बहुत ही भाग्यशाली हूं कि मुझे ‘भारत नाम सम्मान’ के लिए कुछ कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ।
गत ८ अक्टूबर २०२३ को ‘रायपुर’ में जो कि भारत का ही एक राज्य छत्तीसगढ़ की राजधानी में सभा करने के आयोजन का अवसर मिला, छत्तीसगढ़ के संयोजक कैलाश जी रारा के मिले सहयोग को जीवन भर भुला नहीं सकता, तभी तो मैंने ‘कैलाश जी को कहा कि आप ‘भारत मां के लाडले’ हैं।
९ अक्टूबर २०२२ को चल रहे डूंगरपुर चातुर्मास के पावन अवसर पर परमाचार्य श्री विद्यासागर जी के दर्शन का अति सौभाग्य भी प्राप्त हुआ। आचार्य श्री ने कहा बिजय कुमार भारत की कुंडली निकालो कि भारत पर इंडिया कहॉ और क्यों बैठा है? मैंने आचार्यश्री को विश्वास दिलाया कि जिस प्रकार आपके पूर्व निर्देशों पर चलकर सभी कुछ पूरा किया हूं यह निर्देश भी पूरा करूंगा।
दिनांक १७ अक्टूबर को ‘भारत’ का ही एक राज्य असम के विधानसभाध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी जी के गुवाहाटी कार्यालय में मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा जी के निर्देशन पर भेंट हुयी, आदरणीय बिस्वजीत जी से असम के इतिहास की काफी जानकारी प्राप्त हुई, हमने जानकारी दी कि भारत को केवल ‘भारत’ ही बोला जाए आज विश्वस्तर का हो चुका है जिसे आंशिक सफलता भी मिली है। जल्द ही पूर्वोत्तर राज्य के लिए घोषित संयोजक के पद पर कैलाश जी काबरा ने कहा कि जल्द ही असम राज्य के पौराणिक इतिहास के साथ ‘जय भारत’ का भी गुणगान किया जाएगा।
अनंतोगत्वा आप सभी भी व ‘मैं भारत हूँ’ विश्वस्तरीय घोषित पत्रिका के प्रबुद्ध पाठकों से निवेदन करता हूं कि जब भी किसी का अभिवादन करें ‘जय भारत’ से ही करें।