दिसंबर-१

राजकुमार सैनी

सांसद भाजपा
कुरुक्षेत्र , हरियाणा, भारत
भ्रमणध्वनी: ९३१५६०१४५७

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिलने से भारतीयों की ताकत बढेगी

मैं ‘हिंदी’ का ही समर्थक हूँ, हमारे देश में अनेकों भाषा हैं लेकिन इन सभी को जो जोड़कर रखती है हमारी ‘हिंदी’, ‘हिंदी’ को सम्मान अवश्य मिलना चाहिए और इसके लिए हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए, जिससे हमारी ताकत बढेगी, प्रत्येक व्यक्ति को अपने विचार व्यक्त करने की ताकत मिलेगी तथा वह अपने कार्य क्षेत्र में सफल होगा, आपके ‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा अभियान’ का मैं समर्थन करता हूँ।

– मैं भारत हूँ

‘हिंदी’ मेरे दिल में बसी है

मैं ‘हिंदी’ भाषा को ही प्रेम करती हूँ, ‘हिंदी’ भाषा हमारे दिलों में बसती है, इसकी अपनी मधूरता है और इसे सम्मान दिलाने के लिए हमारा समर्थन आपके साथ है, हम भी ‘हिंदी’ भाषा को सम्मान वह उसका अधिकार दिलाने में समर्थन करते हैं।

– मैं भारत हूँ

डॉ. ममता संघमिता

सांसद, अखिल भारतीय त्रृणमूल काँग्रेस, वर्धमान-दुर्गापूर,
पश्चिम बंगाल, भारत
भ्रमणध्वनी: ९०१३८६९५२७
                        ९८३००५२६०४                        

आलोक संजर

सांसद भाजपा
भोपाल, मध्य प्रदेश
भ्रमणध्वनी: ९४२५००५९५२राम

मैं हिंदी प्रेमी हूँ

मैं भी हिंदी प्रेमी हूँ, हिंदी भाषी हूँ, मैं अपने सारे काम हिंदी में ही करता हूँ। ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले, मैं इस अभियान का समर्थन करता हूँ, आप के साथ हूँ।

– मैं भारत हूँ

हिंदी को विद्यालयों में अनिवार्य करना चाहिए

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का अधिकार अवश्य मिलना चाहिए। ‘हिंदी’ भाषा की अपनी एक विशेषता है, यह केवल हमारे देश में नहीं बल्कि सभी देशों में पसंद की जाने वाली भाषा है, जैसे चायना, कैनाडा हर जगह हिंदी समझी जाती है, हिंदी भाषा को सभी स्कूलों कॉलेजों में अनिवार्य किया जाना चाहिए। ‘हिंदी’ बहुत ही प्रचलित भाषा है, यह भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा भी है। ‘हिंदी’ भाषा को लोगों ने खुले मन से अपना लिया है इसमें कोई दो राय नहीं, ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

राम प्रसाद शर्मा

सांसद भाजपा
तेजपूर, आसाम, भारत
भ्रमणध्वनी: ९४३५०४४८३३

राम प्रसाद शर्मा

सांसद भाजपा
तेजपूर, आसाम, भारत
भ्रमणध्वनी: ९४३५०४४८३३

हिंदी को विद्यालयों में अनिवार्य करना चाहिए

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का अधिकार अवश्य मिलना चाहिए। ‘हिंदी’ भाषा की अपनी एक विशेषता है, यह केवल हमारे देश में नहीं बल्कि सभी देशों में पसंद की जाने वाली भाषा है, जैसे चायना, कैनाडा हर जगह हिंदी समझी जाती है, हिंदी भाषा को सभी स्कूलों कॉलेजों में अनिवार्य किया जाना चाहिए। ‘हिंदी’ बहुत ही प्रचलित भाषा है, यह भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा भी है। ‘हिंदी’ भाषा को लोगों ने खुले मन से अपना लिया है इसमें कोई दो राय नहीं, ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

समाज को जोड़ने का कार्य ‘हिंदी’ ही कर सकती है

‘हिंदी’ राष्ट्रभाषा के प्रति मेरी पहले से सम्मान पूर्वक विचारधारा है, क्योंकि यह हमारी मातृभाषा है, ‘हिंदी’ को हमने राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार किया है, भाषा ही देश की पहचान होती है, उसे उसका पूरा सम्मान मिलना चाहिए। समाज को जो एक सूत्र में जोड़ती है वह हमारी राष्ट्रभाषा ‘हिंदी’ ही तो है।

– मैं भारत हूँ

श्रीमती ज्योति धुर्वे

भाजपा सांसद
बेतुल (एस.टी.),
मध्यप्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३१८०३२८

हैगोपाल चेन्नय्या शेट्टी

सांसद भाजपा
मंडी, हिमाचल प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनी: ९४१८०४००२३

मैं हिंदी का पूर्णरूपेण समर्थक हूँ

‘हिंदी’ को बढ़ावा देना ही चाहिए, ‘हिंदी’ हमारी भाषा है, सभी को ‘हिंदी’ बोलनी चाहिए, आज हमारे देश में सबसे पहले बोलचाल की भाषा ‘हिंदी’ और पारिवारिक भाषा मातृभाषा और कामकाजी भाषा अँग्रेजी हो रही है, धीरे-धीरे अंग्रेजी अपना छाप लोगों पर छोड़ रही है, लेकिन हम सभी को जो बांधती है, वह ‘हिंदी’ भाषा ही है, मैं ‘हिंदी’ भाषा का पूर्णरूपेण समर्थक हूँ।

– मैं भारत हूँ

मैं ‘हिंदी’ राष्ट्रभाषा का समर्थक हूँ

मैं हमेशा से हिंदी भाषा का समर्थक रहा हूँ, यह भी मानता हूँ कि ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का स्थान जरूर मिले, जिससे वह जग के लोगों को प्रभावित करे।

– मैं भारत हूँ

सुभाषचंद्र बहेरिया

भाजपा, सांसद
भिलवाड़ा, राजस्थान, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८२९०४६३४४

राजु अलीयास देवप्पा अन्ना शेट्टी

स्वाभिमानी पक्ष, सांसद
हातकांगले, महाराष्ट्र, भारत
भ्रमणध्वनी: ९८२२५४२३२७

मुझे गर्व है कि मैं हिंदी भाषी हूँ

‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का अधिकार अवश्य मिलना चाहिए। मातृभाषा के बाद राष्ट्रभाषा होती है और हिंदी भाषा तो जोड़ती है, हम हमारे सारे काम ‘हिंदी’ में ही करते हैं, बोलते हैं, मुझे तो बहुत ही प्रिय है, हमें हमारी भाषा पर गर्व है कि हम हिंदी भाषी हैं।

– मैं भारत  हूँ 

दु:ख होता है कि हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं बनी

‘हिंदी’ हमारे देश की राष्ट्रीय भाषा है और सभी इसे अपनी भाषा मानते हैं, यह ऐसी भाषा है जो प्रत्येक व्यक्ति को जोड़कर रखती है। ‘हिंदी’ भाषा को सम्मान जरूर मिलना चाहिए, भाषा इंसान को पराये मुल्क में अपनेपन का ऐहसास कराती है और यह विभिन्न-भाषियों को जा़ेडती है, हम पूरी तरह आपसे सहमत है, बहुत दु:ख होता है कि ‘हिंदी’ को आज तक राष्ट्रभाषा का द़र्जा नहीं प्राप्त हुआ है, हम तो ‘हिंदी’ व्यक्तित्व है, हिंदी भाषी हैं, ‘हिंदी’ को राष्ट्रीय सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।

-मैं भारत हूँ

प्रमोद तिवारी

भाजपा, सांसद
भिलवाड़ा, राजस्थान, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८२९०४६३४४

प्रेम सिंह चन्दुमाजरा

सांसद- शिरोमणि अकाली दल
आनंदपुर साहिब, पंजाब, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८८८९०००७०

हिंदी है तो हमारी संस्कृति जीवित है

‘हिंदी’ भाषा ही हमें एक दूसरे से जोड़ती है। ‘हिंदी’ बोलने वाले से अपनेपन का एहसास होता है। ‘हिंदी’ तो हमारे देश की संस्कृति की पहचान है, हिंदी है तो हमारी संस्कृति जीवित है, पर आधुनिक युग में पाश्चात्य सभ्यता के चलते हमारी युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति व भाषा दोनों को ही भूलती जा रही है। सर्वप्रथम हमें अपनी मातृभाषा के प्रति जागृति लानी होगी, क्योंकि सभी को अपनी मातृभाषा अच्छी लगती है। ‘हिंदी’ देश के प्रत्येक लोगों द्वारा अपने जीवन में कभी न कभी उपयोग होता है, ‘हिंदी’ हमारे जीवन को नया आयाम देती है, अत: हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का यह अभियान सफल हो, यह कामना करता हूँ।

– मैं भारत हूँ

भारत की अधिक जनसंख्या ‘हिंदी’ ही समझती है

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, हर भारतीय की तो यह मातृभाषा है, हिंदुस्तान के अधिकांश लोगों की प्रिय भाषा है हिंदी, इसको राष्ट्रभाषा ही समझते हैं, लेकिन संवैधानिक रूप से राष्ट्रभाषा नहीं है, हमारे लिए तो अफसोस की बात है, क्योंकि सबसे अधिक भारत की जनसंख्या ‘हिंदी’ बोलती व समझती है, हम भी यह मानते हैं कि भारत की पहचान किसी दूसरे भाषा के आधार पर दुनिया में नहीं हो सकती, दुनिया में भारत की पहचान ‘हिंदी’ से ही है। संस्कृत सर्वग्राही नहीं है वो वैज्ञानिक और मौलिक भाषा है, जिससे तेलगु, मलयालम आदि भाषाएं निकली है, सामान्य रूप से बोली जाने वाली ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिलना ही चाहिए, हम सब इसके पक्षधर हैं।

– मैं भारत हूँ

डॉ. रविंद्र कुमार राय

भाजपा, सांसद
कोडरमा, झारखंड, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४३१११५३१८

शांता कुमार

भाजपा सांसद
कांगरा, हिमाचल प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४१८०३०६३०प्रेम

‘हिंदी’ के लिए जो कुछ बन पड़ा, करूंगा

‘हिंदी’ हमारी प्रिय भाषा है, हम हिंदुस्तान में रहते है, हिंदी बोलते हैं, ‘राष्ट्रभाषा बनें अभियान’ के लिए मैं जो कुछ भी कर सवूंâ, यह मेरा सौभाग्य होगा, हम आप के साथ हैं।

– मैं भारत हूँ

‘हिंदी’ को संवैधानिक राष्ट्रभाषा का पद प्राप्त होना ही चहिए

सम्पूर्ण उत्तर भारत में मुख्य रूप से बिहार-झारखंड-उत्तर प्रदेश में ‘हिंदी’ को विशेष स्थान देते हुए सभी कार्य हिंदी में ही सम्पन्न किए जाते हैं। हमारी मातृभाषा भी हिन्दी है, हमारे संपर्क का मुख्य माध्यम भी ‘हिंदी’ ही है, हम ‘हिंदी’ का सम्मान करते हैं। हिंदी हमारे बहुत करीब है, भारत में विभिन्न भाषाएं व बोलियां बोली जाती हैं, सभी की अपनी विशेषता है, पर इन सभी को जोड़ने का कार्य ‘हिंदी’ ही करती है। ‘हिंदी’ सबसे सरल व ग्राह्य भाषा है जिसे हर कोई आसानी से समझ व बोल सकता है। ‘हिंदी’ सभी राज्यों में बोली जाती है, अत: ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक सम्मान अवश्य मिलना ही चाहिए।

– मैं भारत  हूँ 

सुनिल कुमार सिंह

सांसद भाजपा
चतरा, झारखंड, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३८०९१६१

तारिक हमिद कर्रा

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, सांसद
श्री नगर, जम्मू-काश्मिर, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४१९२०४०३२

हिंदी एक-दूसरे से जोड़ती है

हम सब को ‘हिंदी’ भाषा पर गर्व है, ‘हिंदी’ भाषा हम भारतीयों को जोड़ती है, ‘हिंदी’ भाषा को उसका अधिकार मिलना ही चाहिए। प्रत्येक भाषा की अपनी खुबी होती है, ‘हिंदी’ तो हम भारतीयों को अपना मुकाम दिलाती है।

– मैं भारत हूँ

धीरसिंग जी का परिवार तीन पिढ़ीयों से कांग्रेस से जुड़ा है, उन्हीं के पदचिन्हों पर चलकर आपने भी कांग्रेस की राह पकड़ी, आपके दादाजी व पिताजी भी कोदिनार के विधायक रह चुके हैं। आप भी पूर्व में तालुका पंचायत अध्यक्ष रहे व १९९०-१९९५ तथा २००९-२०१२ तक कोदिनार के विधायक रहे, वर्तमान में कांग्रेस में किसी पद पर न होने के बावजूद पूरी निष्ठा व लगन के साथ निस्वार्थ भाव से कांग्रेस में सक्रिय हैं, ७५ वर्षीय धीरसिंग जी का आज पार्टी में वही मान-सम्मान बना हुआ, जो पूर्व में रहा है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में कांग्रेस की जीत से काफी उत्साहित हैं, इस चुनाव परिणाम के संदर्भ में आपका कहना है कि इस जीत के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं, विधायकों व मतदाताओं को विशेष धन्यवाद, इन्हीं की मेहनत व कार्यों के परिणाम स्वरूप प्राप्त जीत हुई है।

धीरसिंग बारड, पूर्व विधायक

कोदिनार, गुजरात
भ्रमणध्वनि: ९८२४२३३४५५

विशेषकर राहुल जी के कार्यों का परिणाम है, २०१९ के चुनाव में अवश्य ही कांग्रेस की सरकार वेंâद्र में बनेगी, जनता ने वर्तमान सरकार के कार्यों व नीतियों से परेशान होकर यह निश्चय किया है, वर्तमान सरकार ने जो भी वादा किया वे सभी वादे निष्क्रिय निकले, रोजगार के बजाय बेरोजगारी बढ़ी है, जिसका परिणाम २०१९ में दिखेगा, जनता समझदार है। ‘हिंदी’ सभी राज्यों व लोगों में सम्पर्क का मुख्य माध्यम है, यह सबसे सरल व आसान भाषा है, अत: ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक द़र्जा अवश्य प्राप्त होना चाहिए।

राहुल बंडोरे

विधायक चिखली, महाराष्ट्र
भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस कमिटी
भ्रमणध्वनि: ९८२२२२४१००

राहुल बंडोरे कांग्रेस में १९९५ से सक्रिय नेता के रूप में कार्यरत हैं, कांग्रेस के विचारों ने आपको काफी आकर्षित हुए है। आपने एक कार्यकर्ता के रूप में युवा कांग्रेस से जुड़े। आप डीसीसी में कोषाध्यक्ष व तत्पश्चात उपाध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहे। २००९ से चिखली महाराष्ट्र में विधायक के पद पर कार्यरत हैं। २००१ में चिखली म्युन्सिपल कॉरपरेशन में चेयरमेन के रूप में भी कार्यरत रहे। राजनीति के अलावा आप कई सामाजिक व शैक्षणिक संस्थाओं में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। अनुराधा अरबन बैंक में चेअरमैन, अनुराधा शुगर मिल में सचिव, मुंगशा जी महाराज स्पीनिंग कॉ. कम्पनी में चेयरमैन, टी.आर.एफ. कॉलेज ऑफ इंजिनीयरिंग एण्ड फॉरमेसी में सचिव पद पर कार्यरत हैं साथ ही अन्य कई संस्थाओं से जुड़े हैं।

तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत के संदर्भ में आपका कहना है कि जनता अब जान चुकी है कि मोदी सरकार अपने वायदों पर खरी नहीं उतरी, लोगों का भरोसा भाजपा से पूरी तरह उठ गया है। राहुल गांधी जी ने जो उम्मीद कार्यकर्ता के मन में जगायी है, राहुल जी के साथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अपनी तरफ से काफी मेहनत की है, जिसका परिणाम है राजस्थान, छत्तीसगढ व मध्यप्रदेश में कांग्रेस को जीत। ‘हिंदी’ हमारी भाषा है, देश के प्रत्येक राज्य के लोग हिंदी से जुड़े हैं, हिंदी सबसे सरल व सहज भाषा है अत: ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक सम्मान अवश्य प्राप्त होना चाहिए।

भाजपा सरकार केवल बोलने वाली सरकार है इनके कथनी व करनी में काफी अंतर है और यह बात जनता भी समझ गयी है व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के मेहनत व लगन के बदौलत ही मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ व राजस्थान में कांग्रेस की जीत हुई है, भविष्य में भी २०१९ के चुनाव के उपरांत केंद्र में पुन: कांग्रेस की सरकार अस्तित्व में आयेगी व अन्य राज्यों में भी कांग्रेस सत्ता में आयेगी। राहुल जी ने कार्यकर्ताओं में एक नई उम्मीद जगायी है।माधवराव जी की पारिवारिक पृष्ठभूमि कांग्रेस की रही है, आपके पिताजी नांदेड के विधायक व आपकी माताजी जिला परिषद की नांदेड की जिला अध्यक्ष रही हैं।

माधवराव पाटिल जवळगावकर

पूर्व विधायक
नांदेड-महाराष्ट्र
भ्रमणध्वनि: ९६७३३९९७९७

आपने भी पार्टी में एक कार्यकर्ता के रूप में शुरूवात की व तालुका कमिटी के सदस्य व तालुका अध्यक्ष रहे, तत्पश्चात विधायक के रूप में भी कार्यरत रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सदस्य के रूप में पार्टी से जुड़े हैं व सक्रिय राजनीति के अहम हिस्से बने हैं। ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक सम्मान अवश्य प्राप्त होना चाहिए। ‘हिंदी’ ही एक मात्र वह भाषा है जो भारत के बहुभाषायी लोगों को आपस में जोड़ती है व सम्पर्वâ का मुख्य माध्यम है। ‘हिंदी’ ही देश के विकास में सहायक है ‘हिंदी’ सबसे सरल व आसान भाषा है।

मुकुट मिथी

सांसद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
अरूणाचल प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८६८१८१०८८

हिंदी हमारे जीवन का अहम हिस्सा है

‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए क्योंकि यह एक मात्र ऐसी भाषा है जो पूरे देश में फैली है आज प्रत्येक व्यक्ति इससे जुड़ा है। हम जिस क्षेत्र से आते हैं वहाँ भी ‘हिंदी’ भाषा एक अहम भाषा मानी जाती है। प्रत्येक व्यक्ति हमारे क्षेत्र का ‘हिंदी’ भाषी है, वह अपने विचारों को बहुत ही अच्छी तरह से दूसरे को समझा सकता है अर्थात् ‘हिंदी’ भाषा हमारे जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है, ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिलना हमारा लक्ष्य है।

– मैं भारत हूँ

हम सांसद मे भी हिंदी ही बोलते हैं

‘हिंदी’ से हमारी पहचान है ‘हिंदी’ हमारी माता है, ‘हिंदी’ से ही हिंदुस्तान बना है इसका सम्मान करना अपने आप में एक सम्माननिय बात है। बिजय कुमार जैन जी द्वारा चलाया जा रहा अभियान ‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा’ का मैं पूरा समर्थन करता हूँ व उनको शुभकामनाएं देता हूँ कि यह पूरी तरह से एक सफल अभियान हो, हम सब इसी भाषा से पहचाने जाते हैं, हमारे नेता माननीय मुलायम सिंह यादव जी का कहना है कि ‘हिंदी’ का ही प्रयोग करें, विदेशी लोग जिस प्रकार अपनी ही भाषा का प्रयोग करते हैं तो हम क्यों नहीं अपनी भाषा का उपयोग करें ताकि हम हमारे युवा पीढी को ‘हिंदी’ का महत्व समझा सेकं ‘हिंदी’ भाषा में हमारी संस्कृति की झलक नजर आती है, हम तो संसद में भी हिंदी में ही वार्तालाप करते हैं। 

– मैं भारत हूँ

संजय सेठ

सांसद, समाजवादी पार्टी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८३९०१२८३८

शंकरभाई एन वेगाड

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
सुरेंद्र नगर, गुजरात, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८९८२०७०९५

‘हिंदी’ के प्रचार-प्रसार के लिए सरकार द्वारा अनेकों समितियां गठित की गई है

भारत हमारी माता है और हिंदी हमारी मातृभाषा है, पूरे देश में बोली जाने वाली भाषा केवल मात्र ‘हिंदी’ भाषा ही है क्योंकि यह भाषा एक राज्य को दूसरे राज्य से जोड़ती है, हमारी भाषा हमारी धरोहर है, हमें इसको सम्मान दिलाना आवश्यक है, सरकार द्वारा अनेकों समितियां भी गठित की गई हैं, लोगों को ‘हिंदी’ भाषा का महत्त्व समझाया जा सके, हमारे देश में अनेकों प्रकार की भाषाओं के साथ ‘हिंदी’ भाषा का भी सम्मान हो और इसका महत्त्व भी बढे, हमें मिलकर प्रयास करना होगा।

मैं तो ‘हिंदी’ का ही समर्थक हूँ

हम तो ऐसे लोगों के साथ काम करते हैं जो ‘हिंदी’ के अलावा और कोई भाषा से अवगत नहीं है, हम काफी निचले-तबके लोगों के साथ मिलते हैं, ‘हिंदी’ में ही संवाद करते हैं, क्योंकि हिंदी भाषा आज प्रचार-प्रसार की भाषा है, हम तो नक्सलियों के इलाकों में भी जाते हैं, इसलिए भाषा का महत्व हमें पता है क्योंकि भाषा ही व्यक्ति को जोड़ती है तथा आज प्रत्येक व्यक्ति भाषा के माध्यम से जुड़ा है इसलिए ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, मैं ‘हिंदी’ का पूरा समर्थन करता हूँ।

– मैं भारत हूँ

रनविजय सिंह जुदेव

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
जशपुर, छत्तीसगढ़, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३१८१४०१

नरेंद्र कुमार स्वाइन

सांसद, बीजु जनता दल
ओडिसा
भ्रमणध्वनि: ७८५४९९९९९१

‘हिंदी’ भाषा सरल है

मैं पूरी तरह से सहमत हूँ कि हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिलना चाहिए क्योंकि हिंदी भाषा सबको प्रिय है और सरल भी है। ‘हिंदी’ भाषा हमारे अन्य भाषाओं का एक सरल रूप है। प्रांतिय भाषाएं भी हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग है, हिंदी हमारे प्रचार-प्रसार की भाषा है, ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।

मैं भारत हूँ

हिंदी हम-सबको प्रिय है

‘हिंदी’ भाषा तो हमारी अपनी भाषा है और हिंदी भाषा प्रत्येक स्थान में बोली जाने वाली भाषा है, यह समाज में एक दूसरे को जोड़ने का कार्य करती है। मैं पूरी तरह से सहमत हूँ कि ‘हिंदी’ भाषा का राष्ट्रभाषा का सम्मान मिलना चाहिए, क्योंकि यह सम्माननिय भाषा के रूप में हम सब की प्रिय है। ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

रामनाथ ठाकुर

सांसद, जनता दल
बिहार
भ्रमणध्वनि: ९४३१४८०५०४

प्रदीप तमता

सांसद, भारतीय कांग्रेस पार्टी
बागेश्वर, उत्तराखंड, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३१८००५५

युवाओं को हिंदी का महत्व बतलाता होगा

‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए और साथ ही सभी भाषाओं को सम्मान बढना चाहिए क्योंकि अंग्रेजी भाषा आज हमारे पूरे देश में बड़ी जोरों से बढ रही है, हमें हमारे युवा पीढी को समझाना होगा ताकि ‘हिंदी’ तथा हमारी प्रांतिय भाषाओं का अनदेखा ना हो, हमारे कामकाज में भी ‘हिंदी’ का अधिक से अधिक प्रयोग होना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

‘हिंदी’ एक-दूसरे को जोड़ती है

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान जरूर मिलना चाहिए, क्योंकि ‘हिंदी’ को हम हमेशा अपने आस पास पाते हैं, मतलब यह है कि हिंदी ही एक भाषा को दूसरे भाषा से जोड़ती है, यह एक सरल और आसानी से समझ में आ जाने वाली भाषा है, मैं मानती हूँ कि ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

डॉ. तजीन फातिमा

सांसद, समाजवादी पार्टी
उत्तर प्रदेश
भ्रमणध्वनि: ९०१३१८१५००

प्रसन्न आचार्या

सांसद, बीजू जनता दल
बरगड्, ओडिसा, भारत
भ्रमणध्वनि: ७६८४९०५३१३

हिंदी को थोपना नहीं स्विकारना चाहिए

हिंदी राष्ट्रभाषा है प्राय: सभी मानते हैं, इसमें कोई दूविधा भी नहीं है, इसका कानूनी दर्जा क्या है, मैं नहीं जानता और मुझे पता भी नहीं है। ‘हिंदी’ एक ऐसी भाषा है जो सभी भारत के प्रांतों में बोली जाती है, यह भाषा सबकी जानी-मानी और सरल है इसलिए लोगों में इसका एक विशेष महत्व है, हमें ‘हिंदी’ का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए ताकि हम इसे सम्मान के साथ सही रूप से लोगों में व्यक्त कर सकें, इसे हमें थोपना नहीं बल्कि ऐसा बताना है कि सभी इसे खुले मन से स्वीकार करें तभी हम ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाने में सफल हो पायेंगे।

मेरी मातृभाषा के साथ मुझे ‘हिंदी’ भी प्रिय है

मानता हूँ कि ‘हिंदी’ भाषा को सम्मान मिले क्योंकि हिंदी भाषा का अपना महत्त्व है लेकिन हमारे बहुभाषीय वाले देश में सभी भाषाओं को महत्त्व देना चाहिए, मेरी ‘हिंदी’ इतनी अच्छी नहीं है लेकिन मेरी मातृभाषा के साथ साथ मुझे ‘हिंदी’ प्रिय है।

एन. गोकुलकृष्णन

सांसद, अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कझागम
पालायम, पुडुचेरी, भारत
भ्रमणध्वनि:९०१३१८१५१८

मुनकाद अली

सांसद, बहुजन समाज पार्टी
मेरठ, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८६८१८१३९६

पूरी तरह सहमत हूँ ‘हिंदी’ बनें राष्ट्रभाषा अभियान से

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, मैं पूरी तरह से सहमत हूँ, बिजय कुमार जैन जी द्वारा चलाया जाने वाला अभियान से पूरी तरह सहमत हूँ।

भाषा हमारे राष्ट्र विकास की अहम कड़ी है

‘हिंदी’ हमारी राष्ट्रभाषा है, हिंदी आना सबको अनिवार्य होना चाहिए, मैं खुद यह मानती हूँ कि जिस प्रकार हमारी प्रांतिय भाषा अर्थात् मातृभाषा हम सभी को आनी चाहिए, उसी प्रकार ‘हिंदी’ हमारी प्रचार-प्रसार भाषा होने के कारण हमें ‘हिंदी’ आना आवश्यक होना चाहिए, क्योंकि भाषा हमें जोड़ती है, संपर्क माध्यम हमारा मजबूत होगा तो हमारा देश तरक्की अवश्य करेगा, भाषा हमारे देश के विकास की एक अहम कड़ी है।

– मैं भारत हूँ

वंदना चव्हाण

सांसद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
पूणे, महाराष्ट्र, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४२२०२९०००

धर्मेंद्र यादव

सांसद, समाजवादी पार्टी
बदायूं, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९७२०१७०९९९

मैं आपके साथ हूँ

‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, हमारा भी प्रयास जारी है, हमारी जो हिंदी भाषा है उसका सम्मान हो, हिंदी अगर बड़ी बहन के रूप में है तो अन्य भाषायें उसकी छोटी बहन के रूप में है, हम समाजवादियों ने ये हमेशा प्रयास किया है कि ‘हिंदी’ का सम्मान बढे, साथ ही अन्य सभी भाषाओं का भी सम्मान बढे, जिसके लिए हमारे भारतीय नेताओं ने संघर्ष भी किये हैं, ‘हिंदी’ के सम्मान के लिए आपका जो अभियान है उसके लिए मेरी शुभकामनाएं, आपके साथ हूँ और मेरी ओर से जो भी सहयोग होगा उसके लिए मैं तत्पर रहूंगा।

– मैं भारत हूँ

हिंदी भाषा प्रचार-प्रसार का जरिया है

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, देश की एक राष्ट्रभाषा होनी ही चाहिए, इसके साथ प्रांतिय भाषाओं को भी प्रधानता मिलनी चाहिए, हमारे देश में संस्कृत भाषा में सभी भाषाओं का समन्वय मिलता है। दक्षिण भारत में हमें आज भी संस्कृत की झलक दिखाई देती है, उसी प्रकार हमारे सरकार को भारतीय भाषाओं को अनदेखा नहीं करना चाहिए। भाषा ही मुख्य जरिया है एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से जोड़ने के लिए, ‘हिंदी’ प्रचार-प्रसार भाषा के रूप में हमारे सामने उभर कर आई है, इसलिए ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

दिलीप भाई पंडया

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
पैठन, गुजरात, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४०८३९३४१०

परवेज हाश्मी

सांसद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
ओखला, नई दिल्ली, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८६८१८१६८०

दक्षिण के राज्यों को हिंदी का महत्व बताना चाहिए

मैं भी चाहता हूँ कि ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए लेकिन इसके लिऐ हमें ‘हिंदी’ का प्रचार प्रसार भी उसी प्रकार से करना चाहिए, आज हमारे देश में ऐसे अनेकों जगह हैं जहाँ ‘हिंदी’ बहुत कम व ना के बराबर बोली जाती है, दक्षिण के कुछ ऐसे राज्य हैं जहाँ हिंदी दूर-दूर तक नहीं बोली जाती, हमें पहले उन राज्यों में ‘हिंदी’ की विशेषता बताकर उन्हें समझाना होगा कि यदि हम भारत के किसी भी राज्य में जाते हैं, युवा पीढी को अपनी रोजी-रोटी के लिए कोई दिक्कत न आए, कम से कम भाषा वजह ना बनें, इसलिए ‘हिंदी’ के साथ-साथ सभी भाषाओं को महत्त्व दिलाना आवश्यक है, ‘हिंदी’ को तो राष्ट्रभाषा का सम्मान मिलना अतिआवश्यक है, मैं आपके साथ हूँ।

– मैं भारत हूँ

हिंदी हमारी संस्कृति है

‘हिंदी’ इतनी सरल भाषा है कि कहीं भी कोई भी इसे आसानी से बोलसमझ सकता है, पढने में भी आसान है, हमारे राष्ट्र की पहचान हमारी ‘हिंदी’ भाषा ही है, जिस प्रकार यदि हम ‘चीन’ जाते हैं तो वहाँ के जो मंत्री है वो अपने प्रवचन चीनी भाषा में ही देते हैं, उसी प्रकार हमें भी अपने सारे प्रवचन ‘हिंदी’ भाषा में देने चाहिए, क्योंकि ‘हिंदी’ हमारी राष्ट्रभाषा के रूप में जानी जाती है और हमारी माता भी है, यह इतनी सुंदर-मधुर है कि हमारी संस्कृति इसमें झलकती है। ‘हिंदी’ में यदि हम किसी से बात करते हैं तो उसमें आदर की भावना उभर कर आती है, जैसे आप और तुम का प्रयोग करते हैं, जिससे व्यक्ति को सम्मान की भावना व्यक्त होती है,

चूनीभाई कानजीभाई गोहेल

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
वेरावल, गिर सोमनाथ,
गुजरात, भारत
भ्रमणध्वनि: ९२२७५२१३४५

अंग्रेजी में केवल भ्दल् शब्द का प्रयोग होता है, चाहे व्यक्ति छोटा हो या बड़ा, इसलिए हमारी हिंदी भाषा संस्कृत भाषा की देन है, संस्कृत से ही संस्कृति का निर्माण होता है, हमारी संस्कृति हमारी धरोहर है, हमारे देश की पहचान है सभ्यता, हमारा जीवन भाषा की देन है, ‘हिंदी’ भाषा अपने देश और संस्कृति की पहचान दिलाता है, इसलिए ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

डॉ. विकास महात्मे

सांसद, भारतीय जनता पार्टी नागपूर, महाराष्ट्र, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३१८१३१२

अंग्रेजी हमें नहीं आती तो हमें शर्म आती है जबकि हिंदी ना आये तो शर्म आनी चाहिए

‘हिंदी’ हमारी अपनी भाषा है, मैं मानता हूँ कि ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए क्योंकि आज हमारे देश में अंग्रेजी को इतना महत्व दे रहे हैं। इंसान की पहचान उसकी भाषा से होती है, यदि व्यक्ति अंग्रेजी में वार्तालाप करता है तो वह बहुत ज्ञानी व्यक्ति है, यदि हिंदी में बोलता है तो उसे वह स्थान नहीं मिलता अर्थात् व्यक्ति को यदि अंग्रेजी नहीं आती तो बहुत ही शर्म की बात है और अगर ‘हिंदी’ नहीं आती तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है न कोई शर्म की बात है वह उसे गंभीरता से नहीं लेता, बहुत ही गलत है। ‘हिंदी’ भाषा को ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाना आवश्यक है, हमें जागरूक होकर ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाना होगा।

– मैं भारत हूँ

हिंदी वैज्ञानिक भाषा है

‘हिंदी’ अन्यान्य भाषाओं में सबसे सरल व मधुर भाषा है, यह सभी भाषाओं को अपने में आत्मसात करने की क्षमता रखती है, इसका हर अक्षर वैज्ञानिक है जिसका उच्चारण हमारे इंद्रियों को सक्रिय बनाता है। ‘हिंदी’ ही विभिन्न भाषा वाले भारत में आजीविका का मुख्य साधन है। ‘हिंदी’ के कारण ही समाज में एकता की झलक दिखाई देती है, अत: ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य प्राप्त होना चाहिए, इसके लिए सम्पादक बिजय कुमार जैन द्वारा किया जाने वाला प्रयास सराहनीय कदम है, हमारा सहयोग हमेशा उनके साथ रहेगा।

– मैं भारत हूँ

लादू किशोर स्वाइन

सांसद, बिजू जनता दल
आस्का, ओडिसा, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४३७२६०२३२

दिनेश त्रिवेदी

अखिल भारतीय तृणमूल काँग्रेस
सांसद बैरकपुर, पश्चिम बंगाल, भारत भ्रमणध्वनि: ९०१३८६९५०३

मैं तो हिंदी को राष्ट्रभाषा ही मानता हूँ

मैं तो ‘हिंदी’ को ही राष्ट्रभाषा मानता हूँ। मैं ‘हिंदी’ भाषा से हमेशा से जुड़ा
रहा हूँ। मैं तो संस्कृत भाषा को भी प्रमुखता देता हूँ क्योंकि संस्कृत भाषा सबसे प्राचीन भाषा है, इस भाषा से उत्तर व दक्षिण भारत के लोग समान रूप से जुड़े हैं, जो एक समानता का एहसास कराती है, अत: संस्कृत भाषा को भी प्रधानता देनी चाहिए।

– मैं भारत हूँ

हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाने के लिए मैंने कई बार संसद में आवाज उठाई है

‘हिंदी’ तो राष्ट्रभाषा होनी ही चाहिए, आज सांसद होने के नाते मैंने कई बार यह मुद्दा संसद में उठाया और लिखकर भी दिया है कि ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया जाए व अनिवार्य किया जाये, इस क्षेत्र में जो भी कार्य करता है ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने में, मैं उसके साथ हूँ, मेरी तरफ से जो भी सहकार्य होगा मैं अवश्य करूँगा ।

– मैं भारत हूँ

रविंद्र विश्वनाथ गायकवाड

शिवसेना सांसद
ओसमानाबाद, महाराष्ट्र, भारत भ्रमणध्वनि: ९४२२४६४६५५

बोधसिंग भगत

सांसद, भाजपा
बालाघाट, मध्य प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ८२२३९१८९३१

‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा’ अभियान का मेरा पूर्ण समर्थन है

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य प्राप्त होना चाहिए, एक बार हमने भी संस्कृति मंत्रालय की बैठक में यह मुद्दा उठाया था कि भारत के सभी सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों, रेल्वे, एअर इंडीया, बैंकों, हॉटलों आदि सभी संस्थानों में ‘हिंदी’ को आवश्यक रूप से लागू करना चाहिए तभी ‘हिंदी’ का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो सकेगा, दक्षिण के जितने सरकारी कर्मचारी हैं उन्हें उत्तर भारत में व उत्तर भारत के सभी सरकारी कर्मचारियों को दक्षिण भारत में स्थानांतरित करना चाहिए, जिससे जिन्हें हिंदी नहीं आती, वे भी सीख लेगें, इस तरह हमारे ‘हिंदी’ का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार होगा। ‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा’ अभियान का मैं पूर्ण समर्थन करता हूँ।

– मैं भारत हूँ

हिंदी ऐसी भाषा है जो भारत के शत-प्रतिशत लोग बोलते-समझते हैं

हमारी राष्ट्रभाषा ‘हिंदी’ होनी चाहिए, लगभग भारत की ८५³ जनता हिंदी
भाषा आसानी से बोलती और समझती है, अंग्रेजी या कोई अन्य भाषा द्वारा अर्थ का अनर्थ हो जाता है लेकिन ‘हिंदी’ ऐसी भाषा है जो हर किसी को आसानी से समझ में आ जाती है, इसलिए ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, आज हमारे उत्तर प्रदेश में लगभग १००³ लोग, चाहे वो किसान वर्ग हो या निरक्षर हों, अच्छी तरह से हिंदी बोलते और समझते हैं, इसलिए हिंदी को बढावा मिलना ही चाहिए। सम्पादक बिजय कुमार जैन द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान सराहनीय कदम है जिसे अवश्य सफलता प्राप्त होगी, हम भी अपनी ओर से ‘हिंदी’ को बढावा देने के लिए कार्य करते रहे हैं। ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का दर्जा अवश्य प्राप्त होना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

सत्यपाल सिंह

भाजपा, सांसद
संभल, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३८६९४११

सतिश चंद्र दूबे

भाजपा, सांसद
वाल्मिकी नगर, बिहार, भारत भ्रमणध्वनि:९४३१८०९७२१

‘हिंदी’ को सम्मान दिलाने के लिए हम एकजूट हों

हम भी चाहते हैं कि ‘हिंदी’ भाषा को अनिवार्य किया जाये और हमारे सारे
सरकारी काम काज ‘हिंदी’ भाषा में ही हों, लोगों को इसकी विशेषता पता चले, इस भाषा को संचार भाषा मानने से बेहतर ‘हिंदी’ को उसका सम्मान दिलाने में हम एकजुट हों।

– मैं भारत हूँ

अंग्रेजी भाषा का प्रचार भारतीयता के खिलाफ है

‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का अधिकार अवश्य मिलना चाहिए, प्रांतिय भाषाओं को भी महत्व दिया जाना चाहिए, सभी देश अपनी-अपनी प्रांतिय भाषा को महत्व देते हैं, पर ‘हिंदी’ भाषा ऐसी भाषा है जो हम-सबको जोड़ती है। संसद में जब ‘हिंदी’ में संवाद नहीं करता तो ‘हिंदी’ में अनुवाद के लिए कहते हैं, मेरे ख्याल से ‘हिंदी’ राष्ट्रभाषा घोषित होगी तो यह सब को सिखना अनिवार्य हो जायेगा, आजकल तो अंग्रेजी का बहुत प्रसार हो रहा है जो मुझे गलत लगता है, हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

श्रीमती प्रत्युषा राजेश्वरी सिंह

बिजू जनता दल, सांसद
कंधमाल, ओडिसा, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०९०९००००१

कुँवर हरिवंश सिंह

अपना दल, सांसद
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९७०२०७७७७७

हिंदी ने ही हमें आजादी दिलवायी है

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का दर्जा तो मिलना ही चाहिए, पता नहीं क्यों हमारे नेता इस पर विचार नहीं करते, जो भाषा ८०³ से ९०³ लोग बोलते हैं और शत-प्रतिशत लोग समझते हैं, फिर भी हमारी ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिला, आजादी की लड़ाई में हमारे दक्षिण राज्य के पूर्वज भी थे, जिनको ‘हिंदी’ भाषा सिखनी पड़ी थी, तब जा कर देश आजाद हुआ। ‘हिंदी’ ने ही हमें आजादी दिलाई है, मैं तो यही मानता हूँ कि ‘हिंदी’ भाषा को उसका सही स्थान अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

भारतीय युवाओं को ‘हिंदी’ का मर्म सम्मान चाहिए

‘हिंदी’ भाषा को पूरे हिंदुस्तान में अनिवार्य कर देना चाहिए क्योंकि हम हिंदी माध्यम से ही पढे हैं, किसी समय हमारे सारे विषय हिंदी में ही होते थे, लेकिन आज स्कूल-कॉलेज से ‘हिंदी’ विषय को विकल्प के द्वारा दिया जाता है जबकि यह सभी स्कुलों और कॉलेजों में अनिवार्य होनी चाहिए। ‘हिंदी’ भाषा की महत्ता को हमें हमारे युवा पीढ़ी को समझाना होगा, जिससे इनको इसकी विशेषता मालूम हो, सब एकजुट होकर हमारी भाषा ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलायें।

– मैं भारत हूँ

राधेश्याम बिश्वास

आल इंडिया यूनाइटेड
डेमोक्रेटिक फ्रंट , सांसद
करिमगंज, आसाम, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४३५०७४७०१

मोहन भाई कल्याणजी कुंडारिया

भाजपा सांसद
राजकोट, गुजरात, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८२५००५३८६

हिंदी तो हमारी राष्ट्रभाषा है

‘हिंदी’ तो हमारी राष्ट्रभाषा है ही, मैं तो यही मानता हूँ। मैं हिंदी में ही अपने सारे कार्य करता हूँ। हिंदी को राष्ट्रभाषा का अधिकार अवश्य मिलना चाहिए।‘हिंदी’ हम सबकी भाषा है और यह एक सामाजिक एकता का प्रतीक भी है जो सभी को एक दूसरे से जोड़ती है।

– मैं भारत हूँ

मैं हिंदी ही बोलता हूँ

‘हिंदी’ भाषा तो राष्ट्रभाषा है, हम बोलते ही हिंदी हैं, इससे ज्यादा हम इस
विषय में क्या कह सकते हैं, यह हम सबकी भाषा है, मैं हमेशा से ‘हिंदी’ भाषा का ही समर्थक हूँ।

– मैं भारत हूँ

थांगसो बाइते

भारतीय काँग्रेस, सांसद
आउटर मणिपुर (एस.टी),
मणिपुर, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३१८००७९

शेरसिंह घुबाया

सांसद शिरोमणि अकाली दल
फिरोजपूर, पंजाब, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३१८०२०५

भारत में हिंदी को विशेष सम्मान मिलना चाहिए

‘हिंदी’ भाषा तो पूरे हिंदुस्तान की भाषा है यह एक-दूसरे से हमें जोड़ती
है, हमें ज्यादा से ज्यादा ‘हिंदी’ भाषा का अनुसरण और कार्य ‘हिंदी’ में ही करने चाहिए, हम तो यह मुद्दा संसद में भी हमेशा उठाते हैं लेकिन हमारे दक्षिण भारतीय भाई अभी भी अंग्रेजी को ज्यादा महत्व देते हैं इसलिए ‘हिंदी’ भाषा कहीं ना कहीं रूक जाती है। हमें ‘हिंदी’ का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करना करना चाहिए, स्कूल-कॉलेज में भी ‘हिंदी’ को विशेष सम्मान मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा’ अभियान को मेरा पूर्ण समर्थन है

आज हर जगह अंग्रेजी का बोल-बाला है, लोग अंग्रेजी में पत्र-पत्रिकाएं छापते हैं, बहुत मुश्किल से ‘हिंदी’ पत्र-पत्रिकाएं पढने को मिलती हैं। लोग अंग्रेजी में बात करना गर्व समझते हैं। अंग्रेज चले गए पर अंग्रेजी छोड़ गए। अंग्रेजी सिखने में कोई बुराई नहीं है पर हमें अपनी भाषा को नहीं भूलना चाहिए। भारत में कई भाषाएं व बोलियां है सभी के अपने-अपने गुण हैं, ‘हिंदी’ इन सबमें सबसे सरल व मधुर भाषा है जिसे हर कोई आसानी से सीख व समझ सकता है, सभी भारतीय भाषा को एक-दूसरे से जोड़ने का कार्य ‘हिंदी’ ही कर सकती है, अत: हिंदी ही राष्ट्रभाषा बनने की अधिकारिणी है। हिंदी राष्ट्रभाषा को सम्मान दिलाने के आपके इस अभियान में आपका समर्थन करती हूँ।

श्रीमती रमा देवी

सांसद, भाजपा
सिहोर, बिहार, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४३१२४०७५०

श्रीमती भावना गवली

शिवसेना सांसद
यवतमाल-वाशिम, महाराष्ट्र, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८६८१८०२२२

मैं तो हिंदी को राष्ट्रभाषा ही मानती हूँ

मैं तो यही मानती हूँ कि भारत की राष्ट्रभाषा ‘हिंदी’ ही है, पूरे भारत देश में यही भाषा बोली जाती है, इसलिए इसे अनिवार्य जरूर करनी चाहिए, मैं तो ‘हिंदी’ को ही राष्ट्रभाषा मानती आई हूँ। ‘हिंदी’ भाषा का प्रसार सभी प्रकार से होना चाहिए, हम जिस तरह अंग्रेजी को खुलेमन से स्वीकार करते हैं, हिंदी तो हमारे देश की राष्ट्रीय भाषा है, इसके लिए
हम सब को एकजुट होकर काम करना होगा, ‘हिंदी’ मेरे लिए पहले भी राष्ट्रभाषा थी और हमेशा रहेगी।

– मैं भारत हूँ

हिंदी तो अपने आप में परिपूर्ण भाषा है

मैं स्वयं चाहती हूँ कि ‘हिंदी’ को संवैधानिक अधिकार अवश्य प्राप्त हो इसके लिए हम प्रयत्नशील भी हैं। पिछले वर्ष हम दक्षिण अफ्रिका में एक कॉन्फ्रेन्स के आयोजन पर उपस्थित थे, जहां सभी देशों के अनुवादक उनके साथ उनकी अपनी भाषा में वक्तव्य दे रहे थे पर हमें अंग्रेजी में वक्तव्य देना पड़ा क्योंकि हमारे साथ कोई अनुवादक नहीं था, जिस पर हमें बहुत खेद हुआ कि हमें अपनी ‘हिंदी’ में बात करने का अवसर नहीं प्राप्त हुआ, जिसका हम आगे से ध्यान रखने का प्रयत्न करेंगे, क्योंकि हिंदी हमारी परंपरा-हमारी संस्कृति है इसका संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है, ‘हिंदी’ अपने आप में परिपूर्ण है तो हम अन्य भाषा को क्यों अपनाएं, हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाने के अभियान का पूर्ण रूप से समर्थन करती हूँ व जहां आवश्यक होगा यथासंभव सहयोग करने के लिए तत्पर रहूँगी।

– मैं भारत हूँ

 

श्रीमती अंजु बाला

सांसद, भाजपा
मिसरिख (एससी)
उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ८०५२२२२२८०

कँवर सिंह तंवर

भाजपा, सांसद
अमरोहा, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८१००१२३४८

हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिले हम भी प्रयास कर रहे हैं

‘हिंदी’ भाषा से हम जुड़े है, मैं यही चाहता हूँ कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का
दर्जा मिले, हम इसका प्रयास भी कर रहे हैं, हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले, ‘भारतीय भाषा अपनाओ अभियान’ का हम अपना सहयोग पूर्ण रूप से देते हैं।

– मैं भारत हूँ

हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिलना ही चाहिए

मैं पूरी तरह से ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले’ समर्थन करता हूँ, हमारे देश में जिस भाषा को लगभग सभी बोलते हैं उस भाषा के लिए हमें अभियान करना पड़ रहा है, ‘हिंदी’ भाषा तो अपनी घर की भाषा है, जिसके बिना हम एक पल भी जी नहीं सकते, हमें ‘हिंदी’ का प्रचार भी ज्यादा तेजी से करना होगा, लोगों को इसकी विशेषता बतलानी होगी, ताकि हम ‘हिंदी’ भाषा को अनिवार्य कराने में जल्द सफल हो संके ।

– मैं भारत हूँ

डॉ. संजय जयसवाल

भाजपा सांसद
पश्चिम चंपारन, बिहार, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४३१२१२००८

तपस्तान चीवांग

भाजपा, सांसद
लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४१९१७९१७४

हमने लद्दाख में हिंदी को प्रधानता दिलायी है

‘हिंदी’ तो राष्ट्रभाषा होनी ही चाहिए, हम लदाख में रहते हैं, यहां पर हिंदी को उतनी मान्यता नहीं है जितनी उर्दू को, लेकिन धीरे-धीरे हिंदी एक प्रकार से यहां पर भी प्रसार भाषा के रूप में आने लगी है, हम तो चाहते हैं कि ‘हिंदी’ को बढावा मिले, जैसे पहले यहां केवल उर्दू को ही प्रधानता दी जाती थी, चाहे स्कूल हो या सरकारी कामकाज, हमने लदाख में प्रयत्न किया है कि अब यहां भी ‘हिंदी’ को प्रधानता दी जाये, हमने ‘हिंदी’ पढाने की व्यवस्था भी की है।

– मैं भारत हूँ

हिंदी मेरी प्रिय भाषा है

हम तो हिंदी भाषी है, ‘हिंदी’ हमारी मातृभाषा है ‘हिंदी हमारी सबसे सरल
और सबसे प्यारी भाषा है, पूरा विश्व हिंदी को पढना चाहता है, इसलिए हिंदी का अधिक से अधिक प्रचारप्रसार हो उतना अच्छा है, जो लोग हमारे देश में रहकर ‘हिंदी’ नहीं बोलते उनको भी ‘हिंदी’ का ज्ञान होना चाहिए, मैं ‘हिंदी’ भाषा का समर्थक हूँ, ‘हिंदी’ मेरी सबसे प्रिय भाषा है।

– मैं भारत हूँ

डॉ. यशंवत सिंह

भाजपा, सांसद
नगीना, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३८६९४०८

दसरथ टिर्की, सांसद

अखिल भारतीय तृणमूल काँग्रेस,
अलिपुरद्वार, पश्चिम बंगाल
भ्रमणध्वनि: ९५९३३००५९७

हिंदी बनें राष्ट्रभाषा अभियान अपने आप में ऐतिहासिक है

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का दर्जा जरूर मिलना चाहिए, यह अभियान अपने आप में एक ऐतिहासिक है, इसका हम समर्थन करते हैं, संसद में हमने भी यह मुद्दा भी उठाया है जो कि हमेशा से हमारा विषय रहा है, ‘भारतीय भाषा अपनाओ अभियान’ के साथ मेरी भी शुभकामनाएं है, मैं आपके साथ हूँ।

– मैं भारत हूँ

हिंदी को राष्ट्रभाषा का अधिकार अवश्य मिलना चाहिए

हिंदुस्तान में जो सबसे ज्यादा बोली जाती है वह हमारी ‘हिंदी’ भाषा है, आज हिंदुस्तान का प्रत्येक व्यक्ति हिंदी भाषा से भलीभांति अवगत है, वह हिंदी को राष्ट्रभाषा ही मानता है, हमारे देश में अनेकों प्रांतिय भाषायें हैं लेकिन इन सभी को जो कड़ी जोड़ती है वह ‘हिंदी’ भाषा ही है इसलिए ‘हिंदी को राष्ट्रभाषा का अधिकार’ अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

सुखबीर सिंग

भाजपा सांसद
टोंक-सवाई माधोपुर,
राजस्थान, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८११०२६४४७

श्रीमती दर्शना विक्रम जारडोश

भाजपा, सांसद
सूरत, गुजरात
भ्रमणध्वनि: ९४२८८२२४८८

हिंदी राष्ट्रभाषा होनी ही चाहिए

हाँ ‘हिंदी’ भाषा के लिए संसद में भी चर्चा होती है, बहुत दिनों से हमारे संसद में अनेकों बार यह मुद्दा उठा है, इस पर कार्य भी चल रहे हैं, मैं स्वयं गुजराती भाषी हूँ, मैं अपनी मातृभाषा को बहुत मानती हूँ क्योंकि यह हमारे रगों में बसी है, हिंदी को राष्ट्रभाषा दर्जा मिले ऐसी विचार धारा रखती हूँ।

– मैं भारत हूँ

हिंदी का हम सम्मान करते हैं

‘हिंदी’ हमारी राष्ट्रभाषा है, इसका हम सम्मान करते हैं, पहले तो जहां ‘हिंदी’ कम बोली जाती थी वहां पर हिंदी का उपयोग ज्यादा से ज्यादा हो रहा है,स्कूल और कॉलेज में प्रमुख रूप से इसको प्रधानता देनी भी चाहिए, जिससे हमारी युवा पीढी ‘हिंदी’ से भलीभांति अवगत रहे, हम भी हमारी तरफ से ‘हिंदी’ को सम्मान दिलाने के लिए संसद में मुद्दा हमेशा उठाते रहे हैं, आपका प्रयास सराहनीय है।

– मैं भारत हूँ

डॉ. कुलमणि समल

बिजु जनता दल, सांसद
जगतसिंहपुर, ओडिसा, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३८६९३१८

प्रसून बॅनर्जी, सांसद

अखिल भारतीय तृणमूल काँग्रेस,
हावड़ा, पश्चिम बंगाल, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८७४१७००००

हम बंगाली को हिंदी बहुत प्रिय है

‘हिंदी’ तो हमारी राष्ट्रभाषा है, हम बंगाली लोगों में ‘हिंदी’ बहुत ही प्रिय
है, हम ‘हिंदी’ बोलते हैं और हिंदी को अपना भी मानते हैं। गांधीजी ने ‘हिंदी’ भाषा को प्रधानता दी, हमारे हिंदुस्तान में व्यक्ति कहीं भी चला जाए, वह हिंदी से वंचित नहीं रह सकता, उसे ‘हिंदी’ भाषायी सभी जगह मिल जाएंगे, जिससे वह अपने विचारों को यहां से वहां बड़ी आसानी से पहुंचा सकता है, इसलिए ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का अधिकार अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

हिंदी तो हमारे रग-रग में बसी है

हम तो चाहते ही हैं कि ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले, घर में जो
छोटा बच्चा होता है सबसे पहले उसे ‘हिंदी’ भाषा सिखाई जाती है, हम ‘हिंदी’ में ही उससे बात करते हैं, मतलब यह कि हिंदी भाषा हमारे रग-रग में बसी है और यह मुद्दा हमने संसद में भी कई बार उठाया है लेकिन यह बात उतनी गंभीरता से नहीं ली जा रही है, अब सबको मिलकर कोई ठोस कदम उठाना होगा, ‘हिंदी’ को उसका सम्मान दिलाने के लिए…

– मैं भारत हूँ

श्रीमती विना देवी

लोक जन शक्ति पार्टी, सांसद
मुंगेर, बिहार, भारत
भ्रमणध्वनि: ९३०८६०५०५३

संजय श्यामराव धोतरे

भाजपा, सांसद
अकोला, महाराष्ट्र, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८६८१८०२५७

हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिले इसके लिए जो भी बन पड़ा जरूर करूंगा

‘हिंदी’ हमारे राष्ट्र की भाषा होने के कारण इसे पूरा सम्मान जरूर मिलना चाहिए, मैं तो यह भी मानता हूँ कि विश्व में इसका विस्तार होना चाहिए सरकार ने तो इसे अनिवार्य किया है लेकिन सरकारी कामकाजों में इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता, ‘हिंदी’ भाषा को उसका अधिकार दिलाने के लिए जो भी सहयोग होगा अवश्य करूँगा।

– मैं भारत हूँ

‘हिंदी’ का सरकारी उपयोग होना चाहिए

‘हिंदी’ हमारी मातृभाषा है, यह एकमात्र ऐसी भाषा है कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति इससे अवगत है, देश-विदेश में भी ‘हिंदी’ भाषा का अपना सम्मान है, इसको राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, खास कर सरकारी कार्यों में इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग होना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

डॉ. कृष्णा प्रताप सिंह

भाजपा, सांसद
जौनपुर, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४१५२७३४५५

इमरान किदवइ

काँग्रेसी सांसद
नयी दिल्ली
भ्रमणध्वनी: ९८११०१९६७३

मैं हिंदी के साथ हूँ

हिंदी को मैं अपनी भाषा मानता हूँ, राष्ट्रभाषा का सम्मान मात्र से क्या होता है, हम तो ‘हिंदी’ को ही राष्ट्रभाषा मानते हैं, मैं हमेशा राष्ट्रभाषा का समर्थन करता हूँ, हम आप के साथ हैं।

– मैं भारत हूँ

हिंदी सरल व वैज्ञानिक भाषा है

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान जरूर मिलना चाहिए, यह हमारी भाषा है यह सरल और वैज्ञानिक भाषा है, आज प्रत्येक व्यक्ति अपने विचार को व्यक्त करने के लिए ‘हिंदी’ का ही उपयोग करता है क्योंकि अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए जो आत्मविश्वास होना चाहिए वह हमें हिंदी भाषा से ही मिलती है, इसलिए मैं चाहता हूँ कि ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

सौमित्र खान

अखिल भारतीय तृणमूल काँग्रेस,
सांसद
विष्णुपुर, पश्चिम बंगाल, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३८६९५२५

डॉ. सुनिल बलिराम गायकवाड

सांसद भारतीय जनता पार्टी
लातूर (एससी), महाराष्ट्र, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३८६९२८९

हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान जरूर मिलना चाहिए

‘हिंदी’ तो हमारी राष्ट्रभाषा है, इसके लिए राजभाषा समिति भी गठित की गई है जिसके स्वयं गृहमंत्री अध्यक्ष हैं, यह तीन हिस्सों में काम करती है और करिब पंद्रह हजार कार्यालयों में निरिक्षण हो गया है इसे क.ख.ग तीन विभागों में बांटा गया है। क: विभाग में हिंदी भाषीय लोग आते हैं ख: जिनकी भाषा हिंदी है वो आते हैं ग: जिनकी भाषा हिंदी नहीं है वो आते हैं इस प्रकार अलग-अलग क्षेत्रों में ‘हिंदी’ का कार्य चलता है, सरकारी कार्यालयों में हिंदी का कार्य कितने प्रतिशत चलता है, ‘हिंदी’ में कार्य कौन नहीं करता, मैंने खुद साढे तीन सौ कार्यालयों का निरिक्षण किया, देखा कि जो हिंदी में प्रविण होता है वो ‘हिंदी’ में शतप्रतिशत कार्य करता है, जो प्रविण नहीं होता वह कार्य साधक होता है। भारत में ‘हिंदी’ द्वारा कार्य शत-प्रतिशत बढे, इसलिए बहुत सारे कार्य किये गये हैं, ‘हिंदी’ भाषा से प्रत्येक व्यक्ति अवगत हो, यह हमारी कोशिश है, ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान जरूर मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

हिंदी तो प्रत्येक भारतीय बोलता-समझता है

‘हिंदी’ तो हमारी राष्ट्रभाषा है, इस भाषा का सम्मान अवश्य होना चाहिए
और सभी लोगों से कहता भी हूँ कि प्रत्येक भाषा अपने आप में विशेष होती है, यह बहुत ही नाजूक मुद्दा है इसलिए हमें प्रत्येक भाषा को स्वीकार कर कार्य करना चाहिए, लेकिन ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए क्योंकि प्रत्येक भारतीय इसे अच्छी तरह बोलता और समझता है।

– मैं भारत हूँ

प्रो. सौगात रॉय, सांसद

अखिल भारतीय तृणमूल काँग्रेस,
दमदम, कोलकात्ता,
पश्चिम बंगाल, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८३००३१२२०

डॉ. (प्रो.) किर्ती प्रेमजी सोलंकी

सांसद, भाजपा
अहमदाबाद, गुजरात, भारत
भ्रमणध्वनि: ९९२५००४६४४

हम अपने सारे कार्य हिंदी में ही करते है

हमारे देश की राष्ट्रभाषा हिंदी ही है देश के अधिकतर लोग हिंदी बोलते व समझते हैं, हमारे देश में संपर्क का माध्यम ‘हिंदी’ भाषा ही है, हम अपने सारे काम (अधिकतर) हिंदी में ही करते हैं, हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, क्योंकि ‘हिंदी’ सभी के लिए ग्राह्य है, इसे सम्मान मिले इसका हम पूर्णरूप से समर्थन करते हैं, हिंदी को प्रधानता मिले इसके लिए हम भी अपने स्तर पर प्रयत्नशील है। सम्पादक बिजय कुमार जैन द्वारा हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाने का प्रयास बहुत ही सराहनीय है, मेरी शुभकामनाएं सदैव उनके साथ है और रहेगी, आशा है वे इस कार्य में अवश्य सफल होंगे। 

– मैं भारत हूँ

हिंदी तो समाज का दर्पण है

‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, ‘हिंदी’ तो समाज का दर्पण है, समाज को जोड़ने का कार्य ‘हिंदी’ भाषा द्वारा ही होता है, हमारी सरल और साधारण भाषा होने के कारण ‘हिंदी’ सबको प्रिय है, ‘हिंदी’ भाषा को सम्मान दिलाने के लिए जो भी संभव प्रयास होगा वह हम अवश्य करेंगे।

– मैं भारत हूँ

भोला सिंह

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
बूलंद शहर, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३८६९४१७

लल्लू सिंह

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४१५९०५६०७

मैं तो स्वत: हिंदी का प्रचारक हूँ

‘हिंदी’ हमारी राष्ट्रभाषा है इसका प्रचारप्रसार बहुत ही विस्तार पूर्वक होना
चाहिए, समाज में सम्मान के साथ देश में भी सम्मान मिलना चाहिए, मैं स्वत: ‘हिंदी’ का प्रचारक हूँ और ‘हिंदी’ मेरी प्रिय है, इसलिए हमारी अपनी भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

हिंदी तो हमारे देश की पहचान है

हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, हमारे देश की पहचान है, ‘हिंदी’ हमारे देश के करोड़ों लोगों की प्रिय भाषा है। मैं हिंदी भाषा का मूलत: पक्षधर हूँ, मेरी पूरी पढाई भी ‘हिंदी’ माध्यम से ही हुई है, मैं चाहता हूँ कि हिंदी राष्ट्रभाषा पूरी तरह से विकसित हो और इसके विकास के लिए सरकार के तरफ से जो भी प्रयास चल रहे हैं, इसे कैसे प्रभावित बनाया जाए यह भी सोचता हूँ, ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा बनाने का यह अभियान सफल हो, यह कामना करता हूँ।

– मैं भारत हूँ

गणेश सिंह

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
सतना, मध्य प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४२५१७२५०८

महबूब अली कैसर चौधरी

सांसद, लोक जनशक्ति पार्टी
खगड़िया, बिहार, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३८६९९८३

हिंदी भाषियों की संख्या निरंतर बढ रही है

किसी भी भाषा को किसी पर थोपा नहीं जा सकता, प्रत्येक भाषा अपनाने की पूर्ण स्वतंत्रता है, हम किसी को ‘हिंदी’ बोलने व सीखने के लिए बाध्य नहीं कर सकते, यह सास्वत है कि प्रत्येक राष्ट्र की अपनी एक राष्ट्रभाषा है, उसी प्रकार भारत देश की भी एक राष्ट्रभाषा होनी जरूरी है, हिंदी एक मात्र वह भाषा है जो बहुभाषीय भारत देश को एक सूत्र में बांधती है, अत: हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य प्राप्त होना चाहिए। पहले के मुकाबले आज ‘हिंदी’ का प्रचलन अधिक प्रमाण में हो रहा है, दक्षिण भारतीय भी अब हिंदी के महत्व को समझने लगे हैं, हिंदी भाषियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।

– मैं भारत हूँ

संसद में एक समिती है जो राष्ट्रभाषा के लिए कार्य कर रही है पर सफलता नहीं मिल पायी है

‘हिंदी’ हमारी राष्ट्रभाषा है यह संविधान में भी लिखा है, ‘हिंदी’ प्रत्येक को जोड़ती है। ‘हिंदी’ राष्ट्रभाषा कमिटी भी है जो बनाई गई है, संसद में भी एक कमिटी बनाई गई है जो ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए प्रयत्न कर रही है, यदि हम सब एकजूट होकर इस पर अपना ध्यान केंद्रित करें तो ‘हिंदी’ को अनिवार्य करने के लिए देरी नहीं लगेगी, सफलता जरूर मिलेगी।

– मैं भारत हूँ

निनोंग ईरिंग

भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस, सांसद
अरूणाचल प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ०८१३०४६५५५६

संतोख सिंह चौधरी

सांसद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
जालंधर (एससी), पंजाब
भ्रमणध्वनि: ९०१३८६९३२७

भारत के सभी कार्यालयों में ‘हिंदी’ का प्रयोग बढना चाहिए

‘हिंदी’ हमारी राष्ट्रीय भाषा है, ‘हिंदी’ को मान और सम्मान मिलना ही चाहिए, भारत में ज्यादा से ज्यादा लोगों को ‘हिंदी’ अपनानी चाहिए, भारतीय संस्कृति से जो प्रभावित हैं उन्हें ‘हिंदी’ के लिए प्रोत्साहन और जागृत लाने की आवश्यकता है। हमें ‘हिंदी’ भाषा की विशेषता बतानी होगी, ताकि भाषा व संस्कृति के प्रति युवाओं का मान-सम्मान बढे। ‘हिंदी’ को सम्मान अवश्य मिलना चाहिए इसके लिए कार्यालयों, सामुहिक स्थानों में ज्यादा से ज्यादा ‘हिंदी’ का प्रयोग होना चाहिए, लोगों की मानसिकता को बदलना होगा और उसे बदलने के लिए हमें निर्देश नहीं, हमें प्रोत्साहित करना होगा, जिससे ‘हिंदी’ भाषा की महत्वता बढे और ‘हिंदी’ को खुले विचारों से अपनाया जा सके।

– मैं भारत हूँ

‘हिंदी’ न जानने वाले मानसिक विकृति के शिकार हैं

‘हिंदी’ हमारी राष्ट्रभाषा अवश्य होनी चाहिए, बहुत दु:ख होता है कि हमें अपनी भाषा को सम्मान दिलाने के लिए प्रयत्न करना पड़ रहा है, समाज में सबसे पहले हमें शिक्षा के माध्यम में बदलाव लाना आवश्यक है। ‘हिंदी’ का प्रचार-प्रसार तेजी से होना चाहिए, ‘हिंदी’ को जो सम्मान मिलना चाहिए, वह नहीं मिल रहा है, लोग अंग्रेजी की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं, जिसकी वजह केवल हमारी मानसिक विकृति है, हमारी हिंदी को बढावा देना आवश्यक है, हमारी ‘हिंदी’ को हम राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य दिलायेंगे।

– मैं भारत हूँ

रामसिंह पटालियाभाई राठवा

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
छोटा उदयपुर (एसटी),
गुजरात, भारत
भ्रमणध्वनि: ९९०९०१४४९०

जयप्रकाश नारायण यादव

सांसद राष्ट्रीय जनता दल
बांका, बिहार, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८९९५५०९५४

हिंदी तो हमारे दिलों में बसती है

‘हिंदी’ देश की आत्मा है ‘हिंदी’ का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार और विस्तार होना चाहिए, जितनी क्षेत्रिय भाषा हैं उन्हें भी क्षेत्रीय स्तर पर फलनेफुलने का पूरा अवसर मिलना चाहिए। हिंदी भाषा तो सुलभ-सरल और साहित्य समृद्ध है, इसलिए बड़े से बड़े लेखक और कलाकार सभी इससे जुड़े हैं, कला संस्कृति के क्षेत्र में तथा फिल्मी दुनिया के क्षेत्र में ‘हिंदी’ प्रचलित नहीं बल्कि प्रसिद्ध है, ‘हिंदी’ हमारे ह्य्दय में बसती है।

– मैं भारत हूँ

हिंदी के लिए युवा पिढी में सम्मान जगाना होगा

‘हिंदी’ भाषा तो हमारी राष्ट्रभाषा ही है प्रत्येक व्यक्ति को ‘हिंदी’ भाषा से परिचित होना चाहिए, ‘हिंदी’ भाषा में जो वर्णमाला है, वो सबको जोड़े रखती है, जिस प्रकार अंग्रेजी भाषा को सीखने के लिए सभी उत्सुक होते हैं, उसी प्रकार ‘हिंदी’ भाषा के लिए भी युवा पीढी में रूची जगानी चाहिए ताकि हमारी ‘हिंदी’ भाषा का सम्मान बढे और उसे उसका सही स्थान मिले।

– मैं भारत हूँ

श्रीमती ममता ठाकुर

सांसद, अखिल भारतीय तृणमूल काँग्रेस
बनगाँव, पश्चिम बंगाल
भ्रमणध्वनि: ८३४८३१७००२

संजय हरिभाऊ जाधव

सांसद, शिवसेना
परभणी, महाराष्ट्र, भारत
भ्रमणध्वनि: ९७६३७७५५००

हिंदी सरल व सुंदर भाषा है

‘हिंदी’ हमारी अपनी भाषा है, यह सबको प्रिय है और सबकी प्यारी है, हम कहीं भी जायें, हमें इससे प्रोत्साहन मिलता है, ‘हिंदी’ ही ऐसी भाषा है जो सभी समझते हैं और बोलते हैं, इसलिए यह मेरी प्रिय राष्ट्र की भाषा है क्योंकि ‘हिंदी’ सरल और सुंदर भाषा है।

– मैं भारत हूँ

मैं तो हिंदी को राष्ट्र की भाषा मानता हूँ

‘हिंदी’ भाषा को तो मैं राष्ट्रभाषा ही मानता हूँ जिस प्रकार सभी क्षेत्रिय भाषाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है उसी प्रकार ‘हिंदी’ को भी सभी कार्यों तथा सरकारी कामकाजों में अनिवार्य करना चाहिए, हमें इसके लिए तन-मन से कोशिश भी करनी चाहिए ताकि ‘हिंदी’ भाषा को हम सम्मान दिला पायें, ‘हिंदी’ के महत्व को भी समझा पाएं।

– मैं भारत हूँ

गजानंद चंद्रकांत किर्तीकर

सांसद शिवसेना
मुंबई उत्तर-पश्चिम,
महाराष्ट्र, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८२१११४८७२

बेनी प्रसाद वर्मा

सांसद, समाजवादी पार्टी
गोंडा, उत्तरप्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८६८१८०८३४

हिंदी को संवैधानिक राष्ट्रभाषा बनाने का समय आ गया है

‘हिंदी’ तो पूरे देश में बोली जाने वाली एकमात्र भाषा है, आज संसद में भी ‘हिंदी’ का प्रयोग अधिक से अधिक हो रहा है, हिंदी भाषा का एकरुप प्रचार-प्रसार के रूप में होने लगा है, आजादी के ७० साल पूरे हो गए हैं, हमारे संविधान में हिंदी को राष्ट्रभाषा लिखने की इच्छा है, अब वक्त आ गया है कि ‘हिंदी’ को राष्ट्र भाषा का दर्जा मिले।

हिंदी बनें राष्ट्रभाषा अभियान का मैं पूर्णरूपेण समर्थक हूँ

‘हिंदी’ हमारी राष्ट्रभाषा है और मातृभाषा भी है, भाषाओं में विविधताओं के
बावजूद हमारी भाषा ‘हिंदी’ अपने आप में एक प्रभावित भाषा है, यह सभी को साथ जोड़ते हुए चलती है, लेकिन जो परिस्थितियां हैं वो समझ के लोगों को सहमत कर, परिस्थितियों को अवगत कराके हम अपनी भाषा ‘हिंदी’ को उसका सम्मान अवश्य दिलाकर रहेंगे, मैं पूरी तरह आपसे सहमत हूँ, आज हमारे भारत में परिस्थितियों को संभालते हुए हमें अभियान छेड़ना पड़ेगा, मैं हिंदी का समर्थक हूँ, मैं अपना पूरा समर्थन देता हूँ।

– मैं भारत हूँ

राजेश कुमार दिवाकर

सांसद भारतीय जनता पार्टी
हाथरस (एससी),
उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ८३९५०२२९१७

शंकर प्रसाद दत्ता

सांसद, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
(माक्र्सवादी)
त्रिपुरा पश्चिम, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४३६१२६७३२

‘हिंदी’ तो राष्ट्रभाषा की अधिकारिणी है

‘हिंदी’ भाषा तो अपने आप में अहम है, देश की जितनी भी भाषायें है उन सभी भाषाओं का अपना महत्व है, सभी भाषा अपने आप में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, इस प्रकार से सभी को एकजुट होकर यह निर्णय लेना आवश्यक है कि जो भाषा सबसे ज्यादा प्रचलित है उसे राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले अर्थात ‘हिंदी’ भाषा सभी की प्रिय है, सरल है और राष्ट्रभाषा सम्मान की पूरी तरह से हकदार है। 

– मैं भारत हूँ

मैंने बिजय जी के साथ संसद में हिंदी को सम्मान दिलाने की आवाज उठाई हैं

मैं भी ‘हिंदी’ भाषा का सम्मान करता हूँ, हिंदी हमारी अपनी भाषा है, ‘हिंदी’ को सम्मान के लिए मैं सदैव तत्पर रहता हूँ, मैं अपने सारे वकृत्व हिंदी में ही करता हूँ, ‘हिंदी’ में ही सारे कार्य करता हूँ, ‘हिंदी’ की अपनी गरिमा है, पद सरल और मधुर हैं, ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

डॉ. साक्षी स्वामी महाराज

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
उन्नाव, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३८६९७७७

विक्रम उसेंडी

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
कांकेर, छत्तीसगढ, भारत
भ्रमणध्वनि: ०९०१३६९१०९

बिजय जी का ‘हिंदी’ बनें राष्ट्रभाषा अभियान राष्ट्रहित के लिए सर्वोपरि है

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, भारत के ज्यादा से
ज्यादा लोग ‘हिंदी’ बोलते और समझते है, लोगों के बीच ‘हिंदी’ ही ऐसी भाषा है जो संपर्क बनाए रखती है। ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिले तो ही भारत का सम्मान बढेगा, ‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा’ के माध्यम से ‘हिंदी’ को अपना मुकाम अवश्य प्राप्त होगा, सम्पादक बिजय कुमार जैन द्वारा चलाया गया यह अभियान सराहनीय कदम है जो अवश्य सफलता प्राप्त करेगा, हम भी अपनी ओर से ‘हिंदी’ को बढावा देने के लिए कार्य करते है, ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का दर्जा अवश्य प्राप्त होना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

विक्रम उसेंडी

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
कांकेर, छत्तीसगढ, भारत
भ्रमणध्वनि: ०९०१३६९१०९

बिजय जी का ‘हिंदी’ बनें राष्ट्रभाषा अभियान राष्ट्रहित के लिए सर्वोपरि है

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, भारत के ज्यादा से
ज्यादा लोग ‘हिंदी’ बोलते और समझते है, लोगों के बीच ‘हिंदी’ ही ऐसी भाषा है जो संपर्क बनाए रखती है। ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिले तो ही भारत का सम्मान बढेगा, ‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा’ के माध्यम से ‘हिंदी’ को अपना मुकाम अवश्य प्राप्त होगा, सम्पादक बिजय कुमार जैन द्वारा चलाया गया यह अभियान सराहनीय कदम है जो अवश्य सफलता प्राप्त करेगा, हम भी अपनी ओर से ‘हिंदी’ को बढावा देने के लिए कार्य करते है, ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का दर्जा अवश्य प्राप्त होना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

संसद में भी भारतीय भाषाओं में संवाद होना चाहिए

‘हिंदी’ भाषा तो राष्ट्रभाषा ही है, मेरी विचारधारा यही है कि हमारी सभी प्रादेशिक भाषाओं को सम्मान मिलना चाहिए। संसद में भी हमें अपनी भाषा में अपने विचार रखने के अधिकार अवश्य मिलना चाहिए, जबकि संपर्क अंग्रेजी को विशेष प्रधानता दी जाती है।

– मैं भारत हूँ

डॉ. तापस मंडल

सांसद, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस
रानाघाट (एससी),
पश्चिम बंगाल, भारत
भ्रमणध्वनि: ९७३२६५२१९४

कलराज मिश्र

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
देवरिया, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४१५०२५५५

‘हिंदी’ जानने वाले ही राष्ट्रीय नेता बन सकते हैं

‘हिंदी’ राष्ट्रभाषा के रूप में पूरे देश में स्थापित होनी चाहिए, पूरे भारत
में विभिन्न भाषा में बोलने वाले लोग निवासित हैं पर आज वे सभी अनुभव करने लगे हैं कि जब तक ‘हिंदी’ नहीं सिखेंगे, राष्ट्रीय नेता नहीं बन सकते, इसलिए ‘हिंदी’ सिखने की लालसा लोगों में बढी है, राजनैतिक और क्षैत्रिय स्तर पर किसी न किसी रूप में विरोध हो रहा है, लेकिन अंदर ही अंदर सभी प्रदेशों में लोग ‘हिंदी’ की तरफ आकर्षित भी हो रहे हैं, हिंदी के बारे में स्वाभाविक रूप से यह चर्चा भी होती है कि ‘हिंदी’ ही समझने व समझाने वाली भाषा है, राष्ट्रभाषा के रूप में घोषित तो हिंदी ही होगी, अंग्रेजी का कोई विशेष औचित्य नहीं है, मात्र ‘हिंदी’ ही हमारी राष्ट्रभाषा होनी चाहिए।

– मैं भारत हूँ

हिंदी से हिंदुस्तान है

मैं ‘हिंदी’ भाषी क्षेत्र का निवासी हूँ और ‘हिंदी’ भाषी क्षेत्र से सांसद भी हूँ। ‘हिंदी’ मेरी मातृभाषा भी है व राष्ट्रभाषा भी, ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा बनाई जाए इस बात की मैं वकालत करने वाला व्यक्ति हूँ। ‘हिंदी’ ही एक ऐसी भाषा है जो हिंदुस्तान को जोड़ने में सबसे सहायक और अच्छी भूमिका निभाती है, ‘हिंदी’ से हिंदुस्तान है। मैं सभी क्षेत्रिय भाषा का सम्मान करता हूँ लेकिन कोई एक भाषा ऐसी हो जिसे लोग समझ व बोल संके, देश को एकसूत्र में बांधे रखने वाली भाषा ‘हिंदी’ ही है इसलिए मैं ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा बनाने की वकालत करता हूँ। ‘हिंदी’ एक ऐसी भाषा है जो पूरे हिंदुस्तान के संपर्क सूत्र का कार्य करती है, इसलिए ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिले, मैं समर्थन करता हूँ, आपके ‘राष्ट्रभाषा बनें अभियान’ में आप के साथ हूँ।

– मैं भारत हूँ

सुशिल कुमार सिंह

सांसद, भारतिय जनता पार्टी
औरंगाबाद, बिहार, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३१८००९५

विनय कटियार

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
 फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४१५०४७९९९

हिंदी की प्राथमिकता कम हो रही है जो कि विचारणीय है

‘हिंदी’ जिस प्रकार पहले प्रयोग में  बोली जाती थी और सभी जगहों पर ‘हिंदी’ का बोलबाला था, गाँव तथा शहरों में ‘हिंदी’ को प्राथमिकता दी जाती थी, पाठशालाओं में बच्चों को ‘हिंदी’ माध्यम से पढाना आवश्यक था, लेकिन अब ऐसा हो गया है कि बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से पढाते हैं, हिंदी की प्राथमिकता कम होती चली गई है, हमें दोनों माध्यमों को प्राथमिकता देनी आवश्यक है, क्योंकि हमारे देश में अनेकों भाषाओं का समन्वय है, लेकिन सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है ‘हिंदी’ जो सभी को जोड़ते हुए चलती है, इसलिए बच्चों को प्रारंभ से ही ‘हिंदी’ का ज्ञान देना आवश्यक है, विद्यालयों में क्षेत्रिय भाषा का भी ज्ञान होना आवश्यक होना चाहिए, जिससे दोनों भाषाओं का समांतर रूप से प्रयोग हो ताकि किसी भी भाषा के लिए विरोधाभास की भावना उत्पन्न ना हो, सभी भाषा को मिले सम्मान, अनेकों को जो जोड़ती है वह है ‘हिंदी’, इसलिए ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिलना आवश्यक है।

– मैं भारत हूँ

मैं तो हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की भाषा बनाना चाहता हूँ

‘हिंदी’ भाषा तो राष्ट्रभाषा ही है भले ही  इसे अनिवार्य नहीं किया गया, लेकिन लोगों ने इसे पूरी तरह से राष्ट्रभाषा के रूप में अपना लिया है, हिंदुस्तान में अनेक क्षेत्रिय भाषाओं के बावजूद सबसे ज्यादा बोली जानेवाली भाषा एकमात्र ‘हिंदी’ ही है, व्यक्ति अपने विचारों को पूरी आत्मविश्वास से अगर व्यक्त कर सकता है तो केवल ‘हिंदी’ भाषा द्वारा ही, मैं तो ‘हिंदी’ को संयुक्त राष्ट्रभाषा बनाना चाहता हूँ। राष्ट्रभाषा से भी बड़ा सम्मान ‘हिंदी’ को दिलाना चाहिए, आज जब हम संसद में ओड़िसा, कर्नाटक, मतिलीयन द्वारा हिंदी फिल्मों के बारे में चर्चा सुनते हैं तो अच्छा लगता है कि ‘हिंदी’ भाषा की अपनी महत्वता है, ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

भगत सिंह कोश्यारी

सांसद भारतीय जनता पार्टी
नैतीलाल, उधमसिंह नगर,
उत्तराखंड, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४१२०५७८००

लखन लाल साहू

सांसद भारतीय जनता पार्टी
विलासपुर, छत्तीसगढ, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४२५५४३०८६

भारतीय भाषा अपनाओ अभियान का हम समर्थन करते हैं

‘हिंदी’ तो राष्ट्रभाषा ही है हम तो यही मानते हैं, हम तो चाहते भी हैं कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिले, हम आपके पक्ष में हैं लेकिन जब तक संवैधानिक रूप से इसे मान्यता नहीं मिलेगी, तब तक इसके लिए कार्य करना होगा, आवाज उठानी होगी, आपका ‘भारतीय भाषा अपनाओ अभियान’ सुना, हमें प्रसन्नता हुई कि ‘हिंदी’ राष्ट्रभाषा के लिए आंदोलन बिजय कुमार जैन जी द्वारा चलाया जा रहा है, हम आपके इस अभियान का समर्थन करते हैं और हमारी तरफ से आपको पूरा सहयोग देने की इच्छा व्यक्त करते हैं।

– मैं भारत हूँ

हिंदी का अपना गौरव है

‘हिंदी’ हमारी राष्ट्रभाषा है सारे कार्यालयों और पूरे देश में हिंदी को अनिवार्य करना अतिआवश्यक है, जब हम बाहर के देशों में जाते हैं अपने देश के तरफ से, तो हमें वहां भी ऐसी व्यवस्था मिलनी चाहिए जिससे हम भी ‘हिंदी’ में अपने विचारों को व्यक्त कर संके, हमें अंग्रेजी में बोलने में बहुत ही कठिनाइयॉ होती है, जिस प्रकार हम अपने विचार अंग्रेजी में पूर्णरूपेण व्यक्त नहीं कर सकते, हम काफी कुछ बोलना चाहते हैं लेकिन हम बोल नहीं सकते, हमारा आत्मविश्वास बहुत ही कम हो जाता है अर्थात् ‘हिंदी’ में बोलने की व्यवस्था मिले तो हम भी हमारे विचारों को पूरी तरह व्यक्त कर सकते हैं, हर देशों में सभी अपनी भाषा में बोलते है, उसे अनुवाद द्वारा व्यक्त किया जाता है, ‘हिंदी’ भाषा को तो राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए जो अपने आप में एक गौरव की बात होगी।

– मैं भारत हूँ

रक्षा निखिल खडसे

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
रावेर, महाराष्ट्र, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८२३५९०५९०

मुकेश राजपूत

सांसद भारतीय जनता पार्टी
फारूखाबाद, उत्तरप्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ८००४९३५१८८

हिंदी भारत की जानी-पहचानी भाषा है

मेरा तो मानना है कि ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का दर्जा अवश्य मिलना चाहिए, ‘हिंदी’ भाषा का प्रचार-प्रसार और सम्मान बढना चाहिए। ‘हिंदी’ एक ऐसी भाषा है जिससे राष्ट्र समृद्धकाली, सत्यकाली और अखंडरक्षण बना रहेगा, हमारी ‘हिंदी’ को सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, हमारे देश में अनेकों भाषाएं है, मैं भारत के सभी जगह भ्रमण कर चूका हूँ, देखता हूँ कि कोई असमियातो कोई तमिल, तो कोई तेलगू, मराठी आदि बोलता है लेकिन मैं
सिर्पâ ‘हिंदी’ ही बोलता हूँ, मैं मेरे सारे कार्य ‘हिंदी’ में ही करता हूँ, मेरा ऐसा मानना है ‘हिंदी’ भाषा तो मुख्य धारा के रूप में कार्य करती है इसलिए ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए क्योंकि यह भारत की जानी पहचानी और सरल भाषा है।

– मैं भारत हूँ

‘हिंदी’ को भारत में अनिवार्य करना चाहिए

‘हिंदी’ भाषा हमारी अपनी भाषा है, हमारा देश बहुभाषी देश है, यहॉ सभी प्रांत में अपनी-अपनी भाषा में बात करते हैं लेकिन ‘हिंदी’ हमारी ऐसी भाषा है जो हम सब को ‘एक’ रखती है, हिंदी को अनिवार्य करना चाहिए क्योंकि हम सभी ‘हिंदी’ को अच्छी तरह समझते और बोलते हैं।

– मैं भारत हूँ

गवदर मल्लिकाअर्जुन अप्पा सिद्धेश्वरा

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
देवनागिरी, कर्नाटका, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४४८१६१७९९

देवजीभाई गोविंदभाई फतेपारा

सांसद भारतीय जनता पार्टी
सुरेंद्र नगर, गुजरात, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३८६९१२०

‘हिंदी’ विश्व में सम्मानित भाषा है

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए क्योंकि ‘हिंदी’ ही एक मात्र ऐसी भाषा है जो पूरे देश में बोली और समझी जाती है, मैं ‘हिंदी’ को प्रमुख रूप से सम्मान देता हूँ हमारे देश में अनेकों भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन ‘हिंदी’ ही ऐसी एकमात्र भाषा है जो पूरे विश्व में बोली और समझी जाती है, इसके लिए हमें ‘हिंदी’ में ज्यादा से ज्यादा उच्चारण करना चाहिए, मैं ‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा’ अभियान का पूरी तरह समर्थन करता हूँ इसके लिए जो भी प्रयास होगा मैं करूंगा।

– मैं भारत हूँ

हिंदी ही ऐसी भाषा है जो राष्ट्र को जोड़े रखी है

‘हिंदी’ राष्ट्रभाषा होनी ही चाहिए, आज हमारे देश में अनेकों भाषाएं है लेकिन ‘हिंदी’ ही मात्र ऐसी भाषा है जो सभी की जानी पहचानी है, प्रत्येक व्यक्ति ‘हिंदी’ को अच्छी तरह से बोलता और समझता है, लोगों के मन में ‘हिंदी’ के लिए सम्मान व्याप्त है, हम हमारे प्रयत्नों से ‘हिंदी’ भाषा को सम्मान अवश्य दिलायेगें।

– मैं भारत हूँ

सी. आर. पाटील

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
नवसारी, गुजरात, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८२४१२७६९४

वीर सिंह

सांसद, बहुजन समाज पार्टी
मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४१२२४१११२

हिंदी का प्रचार-प्रसार जोर-शोर से होना चाहिए

‘हिंदी’ तो हमारी अपनी भाषा है, हिंदी का प्रचार-प्रसार सारे देश में जोरो-शोरों से होना आवश्यक है, हमारे कामकाज की भाषा में भी हिंदी का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा होना चाहिए, ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिलना आवश्यक है।

– मैं भारत हूँ

हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा घोषित होनी चाहिए

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिले ये बहुत ही अच्छा प्रयास है, हम भी आप के साथ हैं, क्योंकि ‘हिंदी’ तो हमारी मातृभाषा है साथ ही प्रचार-प्रसार की भाषा भी है, हमारे हिंदुस्तान में जो सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है वह केवल ‘हिंदी’ भाषा है, हिंदी ही एकमात्र ऐसी भाषा है जो सभी की जानी पहचानी और सरल भाषा है, सभी कार्यालयों और शिक्षा विभाग क्षेत्रों तथा सामाजिक जगहों पर इसका उपयोग अधिक से अधिक होना आवश्यक है जिससे ‘हिंदी’ हमारी राष्ट्रभाषा घोषित हो जाए।

– मैं भारत हूँ

विष्णुदेव साई

सांसद भारतीय जनता पार्टी
रायगढ, छत्तीसगढ, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४२५२५१९३३

भुषनलाल जांगड़े

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
रायपूर, छत्तीसगढ़, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४२५५११३३५

‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा’ का मैं समर्थन करता हूँ

हिंदी हमारी अपनी भाषा है, हिंदी का सम्मान अवश्य बढना चाहिए क्योंकि यह भाषा हमें एक-दूसरे से जोड़ती है, मैं तो यही मानता हूँ कि ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिले, बिजय कुमार जी का ‘राष्ट्रभाषा बनें हिंदी’ अभियान ही हमारी भाषा ‘हिंदी’ को सम्मान दिलायेगा।

– मैं भारत हूँ

हिंदी भारत में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा है

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए, ‘हिंदी’ भारत की मूल भाषाओं में से एक है, भारत की विविधताओं में एकता है इसलिए भाषा के माध्यम से हमें बहुत ही संवेदनशील होकर ऐसे कार्य करने होंगे, ताकि किसी की भावनाओं को घात ना पहुंचे और हमें हमारा लक्ष्य भी मिले, वैसे भी ‘हिंदी’ देश की सर्वाधिक बोले जानेवाली एकमात्र भाषा है तो इसे ही राष्ट्रभाषा का दर्जा अवश्य मिलना चाहिए, मैं पूर्णरूप से समर्थन करता हूँ।

– मैं भारत हूँ

हरिओम सिंह राठोड़

सांसद भारतीय जनता पार्टी
राजसमंद, राजस्थान, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४१४१७२२६७

सतिश कुमार गौतम

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
अलिगढ, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४५७७६२४०४

हिंदी बोलने से हमारे भारत का गौरव बढता है

हमारी मातृभाषा ‘हिंदी’ है, हमें ज्यादा से ज्यादा ‘हिंदी’ भाषा को प्रोत्साहन देना चाहिए, ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाने के लिए हमें ‘हिंदी’ भाषा का प्रयोग सभी जगह करवाना चाहिए, सामूहिक स्थलों,स्कूल-कॉलेजों में ‘हिंदी’ बोलना अनिवार्य करना चाहिए, जिससे देश की युवा पीढी ‘हिंदी’ का महत्व समझेगी, हमारी संस्कृति को संभालेगी। विदेशी हमारे देश में आकर ‘हिंदी’ बोलते हैं लेकिन हम उनके देश में जाकर अंग्रेजी बोलते हैं, हमें भी हमारी ‘हिंदी’ का प्रयोग करना चाहिए, तभी तो हमारी ‘हिंदी’ का सम्मान व देश का गौरव बढेगा और हमारा सिना गर्व से फुला रहेगा।

– मैं भारत हूँ

हमें हमारी ‘हिंदी’ का सम्मान करना चाहिए

मैं तो सभी भाषा का सम्मान करता हूँ हमारे देश में अनेकों प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं इसलिए सभी भाषायें सम्मान की हकदार हैं लेकिन हम सबको जो जोड़ती है वह केवल ‘हिंदी’ भाषा ही है, एक प्रांत से दूसरे प्रांत में साधारण सा व्यक्ति भी ‘हिंदी’ को अच्छी तरह बोलता और समझता है, हमें जीवन में आनेवाली हर चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए, इसलिए हमें सभी भाषाओं का ज्ञान होना आवश्यक है, ‘हिंदी’ तो हमारे भारत की अपनी भाषा है जो सरल और मोहक है, हमें हमारी ‘हिंदी’ का सम्मान करना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

क्रिस्टप्पा निमाला

सांसद, तेलगु देशम पार्टी
हिंदूपूर, आंध्रप्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४४०६०५१९९

जनक राम

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
गोपालगंज, बिहार, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४३१०७८७७९

‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा की सफलता के लिए मैं हर पल तत्पर हूँ

मैं स्वयं ‘हिंदी’ भाषी हूँ, ‘हिंदी’ तो मेरी मातृभाषा है। ‘हिंदी’ भाषा हमारे भारत को जोड़ती है, बहुभाषी वाले देश में हिंदी ही एक ऐसी भाषा है जो हमारे समाज में अनेकता में एकता की भावना उत्पन्न करती है, हमारी ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले, इसके लिए मेरा जो भी सहयोग होगा, उसके लिए मैं हर पल उपस्थित रहूंगा।

– मैं भारत हूँ

हमें हमारी ‘हिंदी’ का सम्मान करना चाहिए

मैं तो सभी भाषा का सम्मान करता हूँ हमारे देश में अनेकों प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं इसलिए सभी भाषायें सम्मान की हकदार हैं लेकिन हम सबको जो जोड़ती है वह केवल ‘हिंदी’ भाषा ही है, एक प्रांत से दूसरे प्रांत में साधारण सा व्यक्ति भी ‘हिंदी’ को अच्छी तरह बोलता और समझता है, हमें जीवन में आनेवाली हर चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए, इसलिए हमें सभी भाषाओं का ज्ञान होना आवश्यक है, ‘हिंदी’ तो हमारे भारत की अपनी भाषा है जो सरल और मोहक है, हमें हमारी ‘हिंदी’ का सम्मान करना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

जुगल किशोर

सांसद, तेलगु देशम पार्टी
हिंदूपूर, आंध्रप्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४४०६०५१९९

जनक राम

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
जम्मू और कश्मीर, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४१९१८०१५१

‘हिंदी’ हमारे देश को जोड़ने का कार्य करती है

‘हिंदी’ भाषा को सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, हमारे बहुभाषी देश में ‘हिंदी’ हमारे देश को जोड़ने का काम करती है,  आपके अभियान के लिए मेरी शुभकामनाएं, हम आपके साथ हैं।

– मैं भारत हूँ

हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य ही मिलना चाहिए

‘हिंदी’ राष्ट्रभाषा होनी ही चाहिए, मैं पूरा समर्थन करता हूँ हमारे देश में सभी भाषाओं का सम्मान होना चाहिए, ‘हिंदी’ भाषा तो प्रमुख है, क्योंकि यह सरल भाषा भी है, इसलिए हिंदी भाषा को ‘राष्ट्रभाषा’ का सम्मान अवश्य ही मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

रमेश चंद्र कौशिक

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
सोनीपत, हरियाणा, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३८६९१४३

बसवराज पाटिल सेदम

सांसद, भारतीय जनता पार्टी
गुलबर्ग, कर्नाटक, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३१८११५३

हिंदी राष्ट्रभाषा के लिए सभी राज्यों की सहमति लेनी चाहिए

हर देश की अपनी एक सभ्यता और संस्कृति होती है इसकी अभिव्यक्ति उनकी भाषा में ही हो सकती है, वास्तव में भारत की सभी भाषाओं की मॉ संस्कृत है, वास्तव में उसे स्थान मिलना चाहिए, लेकिन आज की परिस्थिति में संपूर्ण भारत में मान्यता प्राप्त भाषा ‘हिंदी’ ही है, हर भारतीयों को जोड़ने वाली एकमात्र भाषा ‘हिंदी’ ही है और ‘हिंदी’ बने राष्ट्रभाषा’ अभियान बहुत ही बुद्धिमत्ता और संयम के साथ सारे देश में उतारना चाहिए, इसके लिए सभी को आगे आना चाहिए, कई बार कुछ कारणों से लोग बड़ा उत्पात मचाते हैं लेकिन हम सबको साथ में लेकर चलना चाहिए, उनकी सहमति और स्वीकृति से काम करना चाहिए, ताकि राष्ट्रभाषा अभियान पूर्ण रुप से सबकी सहमति के साथ संपन्न हो, ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का दर्जा अवश्य प्राप्त होना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

हिंदी को भारत में अनिवार्य करना चाहिए

‘हिंदी’ हमारे देश में बोली जाने वाली भाषा, जो संवैधानिक प्रचार-प्रसार भाषा के रूप में उल्लेखनीय है, हमारे हिंदुस्तान में कोई राष्ट्रभाषा नहीं है, राजभाषा ‘हिंदी’ है इसका प्रयोग अधिकाधिक होने के कारण, यह एक ऐसी भाषा बनी है जो प्रत्येक व्यक्ति को जोड़ती है, इसलिए ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए और भारत में अनिवार्य भी करना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

किरणमोय नंदा

सांसद, समाजवादी पार्टी,
मुगबेरिया, उत्तरप्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ०९४३२२१०२२२

अली अनवर अंसारी

सांसद जनता दल, (संयुक्त)
पूर्व सांसद, बिहार, भारत
भ्रमणध्वनि: ०९८६८१८१०१५

हिंदी सामाजिक एकता का संदेश वाहक है

‘हिंदी’ भाषा हमारी राष्ट्रभाषा है, हिंदी भाषा ही एक ऐसी भाषा है जो समाज में एकता का संदेश देती है, प्रत्येक को जोड़कर चलती है, भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली एकमात्र भाषा ‘हिंदी’ है, आज लोगों का इसके प्रति झुकाव भी काफी मात्रा में हुआ है, हम सभी ‘हिंदी’ को भलीभांति जानते और मानते हैं।

– मैं भारत हूँ

प्रधानमंत्री जी दक्षिण भारत में ‘हिंदी’ में भाषण दिये वह अनुमोदनीय है

भारतीय भाषा के रूप में ‘हिंदी’ का सम्मान होना चाहिए, हमारे उत्तर भारतीयों की तरह जिस प्रकार ‘हिंदी’ प्रमुख है उसी प्रकार दक्षिण भारतीयों की भी भाषा प्रमुख है, किसी भी भाषा को अनदेखा किये बीना हम प्रत्येक भाषा का सम्मान करें, ‘हिंदी’ वो प्रमुख भाषा है जिसे राष्ट्रभाषा का सम्मान प्राप्त हो, सभी जगहों पर हिंदी स्कूल खुलवायें, ताकि लोगों में ‘हिंदी’ के प्रति जागरूकता बढे, ‘हिंदी’ प्रचार-प्रसार होने के कारण आज इसका महत्व प्रमुख है, आज हमारे माननिय प्रधान मंत्री भी दक्षिण भारत में जाकर ‘हिंदी में भाषण दिये हैं, जिससे लोगो में हिंदी के प्रति और सम्मान बढा है। आज प्रत्येक व्यक्ति ‘हिंदी’ बोलता और समझता भी है इसलिए ‘हिंदी’ का सम्मान राष्ट्रभाषा के तहत होना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

जीतेंद्र चौधरी

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
(माक्र्सवादी)
अगरतल्ला, पूर्व त्रिपुरा, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८६२५६७८४२

रजनी पटिल

सांसद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
बीड, महाराष्ट्र, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४२२२४२२२२

मैं स्वयं हिंदी समिति की अध्यक्ष रह चुकी हूँ

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का अधिकार अवश्य मिलना चाहिए क्योंकि ‘हिंदी’ भाषा का उपयोग आज सभी राज्यों में ज्यादा से ज्यादा हो रहा है, मैं खुद ‘हिंदी’ समिति की अध्यक्ष रह चुकी हूँ, हमने स्वयं यह सर्वे किया है कि ‘हिंदी’ भाषा का प्रयोग ज्यादा हो रहा है, हिंदी हमारी राजभाषा है, प्रचार-प्रसार की भाषा होने के साथ यह भाषा सरल भी है इसलिए ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

जिस प्रकार सभी राज्यों की एक मुद्रा है, उसी प्रकार भाषा भी एक होनी चाहिए

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, जिस प्रकार सभी राज्यों में एक मुद्रा अनिवार्य है, उसी प्रकार बहुभाषी देश में एक भाषा अवश्य हो, जो सबको जोड़े, वह भाषा हिंदी ही है, इसलिए ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा अवश्य मिलना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

विशंभर प्रसाद निषाद

सांसद, समाजवादी पार्टी
बांदा, उत्तरप्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४१५०८३१३२

राम कुमार कश्यप

सांसद, राष्ट्रीय लोक दल
कुरूक्षेत्र, हरियाणा, भारत
भ्रमणध्वनि: ०९०१३१८१४४४

मेरा पुरा समर्थन हिंदी राष्ट्रभाषा को है

‘हिंदी’ हमारी अपनी भाषा है इसका हमें सम्मान करना चाहिए, यह आसान और सरल भाषा है, इसके सम्मान में हम हमेशा तत्पर रहते हैं, इसे सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, मेरा पूरा समर्थन बिजय कुमार जी के अभियान ‘हिंदी बने राष्ट्रभाषा’ के साथ है।

– मैं भारत हूँ

हमारे भारत में ‘हिंदी’ का सम्मान होना ही चाहिए

‘हिंदी’ भाषा पर मुझे बहुत गर्व है, यह भाषा हमारी अपनी है, हमारी संस्कृति इसमें झलकती है, हमें इसका मान है और सम्मान भी करना चाहिए, जिस प्रकार पूरे विश्व में ‘हिंदी’ भाषा को सम्मान मिला है, उसी प्रकार हमारे देश में भी इसका सम्मान अवश्य होना चाहिए।

– मैं भारत हूँ

भूवनेश्वर कालिता

सांसद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
गुवाहाटी, असाम, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८६८१८११५०

सरोजिनी हेम्ब्रम

सांसद, बीजू जनता दल
मयुरभंज, ओडिसा, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४३७१७७९२६

हिंदी भाषा ही सभी को जोड़कर चलती है

‘हिंदी’ हमारी अपनी भाषा है बच्चों से लेकर बड़ों तक ने इसे खुले मन से अपनाया है यह सरल और मधुर भाषा है, हमारे बच्चों को अपनी मातृभाषा के साथ ‘हिंदी’ भाषा का प्रयोग भी करवाना चाहिए, हिंदी भाषा प्रत्येक व्यक्ति को जोड़कर चलती है इसलिए बिजय कुमार जैन जी द्वारा किया जा रहा अभियान को हम पूरी तरह समर्थन करते हैं, हिंदी भाषा को ‘राष्ट्रभाषा’ का सम्मान दिलाने में हम भी आप के साथ हैं।

– मैं भारत हूँ

हिंदी के लिए संसद में आवाज उठाता रहा हूँ

‘हिंदी’ तो मेरे रग-रग में बसी है, मैं स्वयं ‘हिंदी’ भाषी व्यक्ति हूँ, मेरा सारा जीवन ‘हिंदी’ की सेवा में ही बिता है, मैं ‘हिंदी’ भाषा को सम्मान दिलाने के लिए सतत प्रयत्नशील रहा हूँ, हिंदी को संविधान में राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाने का प्रावधान नहीं है, राजभाषा का प्रावधान है उसे राष्ट्रभाषा करवाना चाहिए, हिंदी को कामकाज की भाषा में लाना अति आवश्यक है इसलिए मैं संसद में हमेशा यह आवाज उठाता हूँ कि ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिले।

– मैं भारत हूँ

सत्यव्रत चतुर्वेदी

सांसद, राष्ट्रीय कांग्रेस
छतरपुर, मध्यप्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४२५१४१९००

पी.एल. पुनिया

सांसद, राष्ट्रीय कांग्रेस
बारबंकी, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४१५१४१८००

सभी सरकारी कामकाज ‘हिंदी’ में होना चाहिए

हम हमेशा ‘हिंदी’ के हिमायती रहे हैं, ‘हिंदी’ का सम्मान अवश्य होना चाहिए, सरकार के द्वारा भी ‘हिंदी’ का प्रचारप्रसार होना चाहिए, खास तौर पर भारत सरकार को यह निश्चित कर देना चाहिए कि सरकारी काम-काज ‘हिंदी’ भाषा में ही हो, जो हमारे देश की उन्नति में एक नया कदम होगा, समाज से भ्रष्टाचार भी कम होगा इसलि ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिलना आवश्यक है।

– मैं भारत हूँ

हिंदी के साथ प्रांतिय भाषा का भी सम्मान बढना चाहिए

‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए क्योंकि हमें हमारी भाषा पर गर्व है, लेकिन इसके साथ हमारी जो प्रांतिय भाषाएं है उनकी तरफ अनदेखा भी नहीं होना चाहिए क्योंकि ये भाषाएं हमारे देश कि धरोहर हैं, जो सभी को जोड़ती है वह ‘हिंदी’ भाषा ही है जो सम्पूर्ण भारत मे बोली और समझी जाती है, मैं आपके विचारों का समर्थन करता हूँ कि ‘पहले मातृभाषा-फिर राष्ट्रभाषा’

के.सी. रामामूर्थि

सांसद, राष्ट्रीय कांग्रेस
बेंगलुरू, कर्नाटक, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३१८१४७०

रमेश बिधुरी

सांसद भारतीय जनता पार्टी
दक्षिण दिल्ली, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८११०३९६७८

हिंदी बनें राष्ट्रभाषा अभियान को मेरा पूर्ण समर्थन रहेगा

‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा ही मानता हूँ, ‘हिंदी’ हमारी मातृभाषा है, आज जिस प्रकार लोग अंग्रेजी भाषा के पीछे भाग रहे हैं और वहाँ की संस्कृति को अपना रहे हैं, यह एक तरफ से गुलामी है, इसलिए ‘हिंदी’ की लोगों में तेजी से प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है ताकि हमारी संस्कृति का संरक्षण हो सके। हिंदुस्तान बहुभाषियों का मुल्क है, सभी को अपनी मातृभाषा से प्यार है लेकिन ‘हिंदी’ एक ऐसी भाषा है जो सभी को जोड़ती है, स्वूâल-कॉलेज में हिंदी को अनिवार्य करना आवश्यक है साथ ही ‘हिंदी’ का महत्व बताना भी आवश्यक है, हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य दिलाना है, आपके अभियान ‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा’ को मैं पूर्णरूप से समर्थन करता हूँ।

– मैं भारत हूँ

हिंदी में अनुवादित पुस्तकों का प्रकाशन होना चाहिए

‘हिंदी’ को सम्मान अवश्य मिलना चाहिए यदि हमें हिंदी को सम्मान दिलाना है तो सबसे पहले हमें लोगों में हिंदी के प्रति जागरूकता बढानी होगी, हमें केवल बातों से नहीं बल्कि हिंदी में अनुवादित पुस्तकें भी छपवायें ताकि सभी पढने के लिए प्रोत्साहित हों, जिससे हिंदी की विशेष महत्वता उन्हे पता चले और उनकी रूचि बढे, इस प्रकार हिंदी भाषा को जो सम्मान मिलना चाहिए वो उसे मिल कर रहेगा।

– मैं भारत हू 

प्रदीप भट्टाचार्य

सांसद भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
कोलकाता, प. बंगाल, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३१८१९२२

अरविंद गणपत सावंत

सांसद शिवसेना
मुंबई-साऊथ, महाराष्ट्र, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८६९००४४८८

हिंदी को सम्मान दिलाने के लिए मुझसे जो बन पड़ेगा जरूर करूंगा

मैं पूरी तरह से सहमत हूँ कि ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिले। मैंने तो संसद में भी यह मुद्दा उठाया है कि हमारा भारत बहुभाषिय देश है पर भारत की ‘एक’ अपनी भाषा होनी चाहिए, ‘हिंदी’ हमारी संचार भाषा होने के साथ-साथ सरल भी है तथा देश का प्रत्येक व्यक्ति ‘हिंदी’ से भली-भांती परिचित भी है इसलिए ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रीय भाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए, सबसे पहले हमें हमारे जो दक्षिण भारतीय मित्र हैं उनमें ‘हिंदी’ के प्रति रूचि जगानी आवश्यक है क्योंकि हिंदी के लिए उनके विचार अच्छे नहीं है, उनको ‘हिंदी’ की विशेषता समझानी होगी, हमारी हिंदी को सम्मान दिलाने के लिए मुझसे जो भी बन पड़ेगा मैं जरूर करूंगा।

– मैं भारत हूँ

देश की सभी प्रांतिय भाषाओं का सम्मान होना चाहिए

हिंदी’ भाषा हम सब की भाषा है हमें इसका सम्मान करना चाहिए, हमारे देश में जो भी प्रांतिय भाषायें है उनका भी सम्मान होना चाहिए, आज हमारे देश में जो लोगों को जोड़ती है वह ‘हिंदी’ भाषा ही है, हिंदी भाषा को तो राष्ट्रीय भाषा का दर्जा अवश्य मिलना चाहिए, बिजय कुमार जी द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान ‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा’ पूरे देश में गर्व की बात है, मैं पूरी तरह इसका समर्थन करता हूँ।

– मैं भारत हूँ

सुखदेव सिंह दिनदासा

सांसद, शिरोमणी अकाली दल
संगरूर, पंजाब, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३१८१००८