गहलोत, कमलनाथ और बघेल ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
by Bijay Jain · Published · Updated
नई दिल्ली
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली भारी बहुमत के बाद आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।नाम: अशोक गहलोत पद: राजस्थान के २३वें मुख्यमंत्री राजनीतिक दल: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जन्म तारीख: ३ मई १९५१ धर्मपत्नी: सुनीता गहलोत अशोक गहलोत का जन्म ३ मई १९५१ को जोधपुर राजस्थान में हुआ।स्व. श्री लक्ष्मण सिंह गहलोत के घर जन्मे अशोक गहलोत ने विज्ञान और कानून में स्नातक डिग्री प्राप्त की तथा अर्थशास्त्र विषय लेकर स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की। गहलोत का विवाह २७ नवम्बर, १९७७ को श्रीमती सुनीता गहलोत के साथ हुआ। गहलोत के एक पुत्र वैभव गहलोत और एक पुत्री सोनिया गहलोत हैं। श्री गहलोत को जादू तथा घूमना-फिरना पसन्द हैं। विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति और समाजसेवा में सक्रिय रहे। गहलोत ७वीं लोकसभा (१९८०-८४) के लिए वर्ष १९८० में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। उन्होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का ८वीं लोकसभा (१९८४-१९८९), १०वीं लोकसभा (१९९१-९६), ११वीं लोकसभा (१९९६-९८) तथा १२वीं लोकसभा (१९९८-१९९९) में प्रतिनिधित् व किया। सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद गहलोत फरवरी, १९९९ में ११वीं राजस् थान विधानसभा के सदस् य बने। गहलोत पुन: इसी विधानसभा क्षेत्र से १२वीं राजस् थान विधानसभा के लिए ०४/१२/२००३ को निर्वाचित हुए तथा १३वीं राजस् थान विधानसभा के लिए ०८/१२/२००८ को सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही पुन: निर्वाचित हुए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में और उनके साथ नयी सरकार में बतौर उप मुख्यमंत्री शामिल हुए सचिन पायलट ने सोमवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कई अन्य विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में जयपुर के अल्बर्ट हॉल में दोनों नेताओं का शपथ ग्रहण कार्यक्रम संपन्न हुआ। गहलोत तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने हैं। राज्य में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले वह चौथे नेता हैं। गहलोत से पहले भैंरो सिंह शेखावत और हरिदेव जोशी तीन-तीन बार मुख्यमंत्री रहे। हालांकि मोहन लाल सुखाड़िया सबसे अधिक चार बार इस पद पर रहे। गहलोत १९९८ में पहली बार और २००८ में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने थे। इंदिरा गांधी के समय से राजनीति में सक्रिय गहलोत केंद्र में मंत्री भी रहे हैं। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कई अहम पदों पर रह चुके गहलोत तीन बार कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं। गहलोत ने राजनीति के अलावा १९७१ में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी शरणार्थियों के शिविरों में काम किया और कई सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहे।
उप मुख्यमंत्री बने पायलट फिलहाल राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं। वह लोकसभा सदस्य और मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं, अपने जमाने में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत राजेश पायलट के पुत्र हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद के चयन को लंबी खींचतान हुई, गहलोत और पायलट दोनों इस पद की दौड़ में शामिल थे। मैराथन बैठकों और गहन मंथन के बाद १४ दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष ने गहलोत को मुख्यमंत्री और पायलट को उप मुख्यमंत्री नामित करने का फैसला किया। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के अलावा तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) के नेता एन चंद्रबाबू नायडू, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, द्रमुक नेता एमके स्टालिन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एवं जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी, राजद नेता तेजस्वी यादव, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी शामिल हुए। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, भूपेंद्र हुड्डा, सिद्धरमैया, आनंद शर्मा, तरुण गोगोई, नवजोत सिंह सिद्धू, अविनाश पांडे सहित कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेतागण भी शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पहुंचे। शपथ ग्रहण समारोह में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हुईं।