मैं भारत हूँ
नरेशचंद्र अग्रवाल
सांसद, समाजवादी पार्टी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९७९४०७७०००
हिंदी हर एक को जोड़ने वाली भाषा है
‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान जरूर मिलना चाहिए, मैं पूरी तरह सहमत हूॅ लगभग विश्व में सबकी अपनी राष्ट्रभाषा है, हिंदुस्तान में हर प्रांतों की अपनी अलग भाषा है ‘हिंदी’ तो हर प्रांतों में बोली जाने वाली भाषा है जो सबको जोड़ती है, स्वयं उत्तर भारतीय होने के कारण ‘हिंदी’ को हम सम्मान देते हैं, हमारा पूरा प्रयास है कि ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिले।
हिंदी समानता का ऐहसास दिलाती है
हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिलना चाहिए यह एक ऐसी भाषा है जो लोगों को समानता का ऐहसास दिलाती है, यह भाषा सभी को जोड़ती है, हमारे दिलों में बसती है, मैं यह चाहता हूँ कि ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिले।
नरेशचंद्र अग्रवाल
सांसद, समाजवादी पार्टी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९७९४०७७०००
माजिद मेमन
सांसद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
बांद्रा, मुंंबई, महाराष्ट्र, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८२१०१६२२७
हम स्वयं प्रयासरत हैं कि हिंदी राष्ट्रभाषा बनें
‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिलना चाहिए यह भाषा सबको जोड़ते हुए चलती है, इस प्रकार हम स्वयं भी इसी प्रयास में है कि ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिले, हम ‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा’ का पूर्ण रुप से समर्थन करते है।
– मैं भारत हूँ
हिंदी समानता का ऐहसास दिलाती है
हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिलना चाहिए यह एक ऐसी भाषा है जो लोगों को समानता का ऐहसास दिलाती है, यह भाषा सभी को जोड़ती है, हमारे दिलों में बसती है, मैं यह चाहता हूँ कि ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य मिले।
सन्तियुस कुजूर
सांसद, समाजवादी पार्टी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९७९४०७७०००
श्रीमती. विपलव ठाकुर
सांसद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
कांगरा, हिमाचल प्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४१८०२५८८८
हिंदी की अलग महत्वता है
‘हिंदी’ भाषा हमारी अपनी भाषा है, इसे किसी पर भी थोपा नहीं जा सकता, यह एक सरल और मिठी भाषा है, आज हमारे देश में ‘हिंदी’ को बहुत ही कठिन बना दिया गया जब कि यह बहुत ही मिठी और मधुर है इसलिए हमें एक दूसरे को साथ लेकर ‘हिंदी’ का महत्त्व बताते हुए सभी को समझायें, ताकि सभी खुले मन से ‘हिंदी’ को अपनाए, भारत अनेक भाषाओं वाले देश में ‘हिंदी’ भाषा ने आज अपनी अलग ही छाप छोड़ी है, इसलिए ‘हिंदी’ भाषा को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिलना अति आवश्यक है।
– मैं भारत हूँ
हिंदी को पूरा देश राष्ट्रभाषा ही मानता है
‘हिंदी’ हमारी राष्ट्र भाषा है मैं तो यही मानता हूँ इसे हमें किसी पर थोपना नहीं है, अनेकों भाषा वाले देश में ‘हिंदी’ ही एक ऐसी भाषा है जो सभी जगह बोली और समझी जाती है इसलिए इसे हमें बहुत ही सरलता से लेकर आगे बढना है और प्रचार-प्रसार की भाषा होेने के कारण आज देश का प्रत्येक व्यक्ति इसे राष्ट्रभाषा ही मानता हैै।
– मैं भारत हूँ
तपन कुमार सेन
सांसद, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
(माक्र्सवादी)
कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८६८१८१०५५
हूँमेघराज जैन
सांसद, भारतीय जनता पार्टी
इंदौर, मध्यप्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४२५०२३४३४
हम अंग्रेजी के गुलाम बनें हैं क्यों ?
‘हिंदी हमारी मातृ भाषा है, हर व्यक्ति अपनी मातृभाषा में ही अपने विचार व्यक्त करता है जो भाषा अंतर आत्मा से निकलती है वह भाषा लोगों के दिलों तक पहुँचती है यदि अन्य भाषा में व्यक्ति बोलता है तो वह सोच-सोच कर बोलता है, संसार में कोई देश ऐसा नहीं है, केवल अपने भारत को छोड़कर, जहाँ अपनी मातृभाषा को सम्मान नहीं दिया गया, आज तो हमारे भारत को अंग्रेजी ने गुलाम बना दिया है, पहले हम अंग्रेजों के गुलाम थे और अब हम अंग्रेजी के गुलाम हैं, विदेशी के हम गुलाम हो रहे हैं, जो कि दुर्भाग्य है हमारा, हमारे देश में आज भी हम गुलाम हैं,
हम अंग्रेजी के गुलाम हैं, विदेशी के हम गुलाम हो रहे हैं, जो कि दुर्भाग्य है हमारा, हमारे देश में आज भी हम गुलाम हैं, आज सभी के मन में एक हीन भावना उत्पन्न हो गई है कि हम ‘हिंदी’ में बात करते हैं तो पिछड़े हैं, हम अपनी श्रेष्ठ भाषा को भूलकर अंग्रेजी भाषा के चपेट में आ रहे हैं। हमारे ही देश में हमारी भाषा का महत्व घटता जा रहा है, यदि हमें अपनी भाषा को सम्मान दिलाना है तो सर्वप्रथम हमें ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाना होगा, इसके लिए युवा पीढी को ‘हिंदी’ भाषा का महत्व समझना अति आवश्यक है, हमें प्रयास करना जरूरी है जिस प्रकार हमारे देश में भीन्न-भीन्न भाषाओं का संग्रह है और हर भाषाएं एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं, सभी भाषाओं का अपना महत्व भी है पर राष्ट्रभाषा देश की एक होनी ही चाहिए जिसकी अधिकारिणी ‘हिंदी’ ही है।
– मैं भारत हूँ
‘हिंदी’ का वास्तविक सम्मान राष्ट्रभाषा से ही होगा
‘हिंदी’ को संवैधानिक रूप से राष्ट्रभाषा का अधिकार अवश्य मिलना चाहिए। ‘हिंदी’ बोलने वालों से अपनापन महसूस होता है। ‘हिंदी’ भाषा सबसे सरल व सुगम भाषा है जो हर भाषा को अपने आत्मसात करने में सक्षम है। वैज्ञानिक रूप से भी ‘हिंदी’ एक उत्तम भाषा है, हर व्यक्ति को अपनी मातृभाषा से प्रेम होता है, आज के युवा अपनी मातृभाषा बोलना जानते हैं पर पढ़ व लिख नहीं
मो. बद्रुद्दोजा खान, सांसद
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया
मुर्शिदाबाद, प. बंगाल, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४३४६३८१९४
पाते, जो एक गंभीर विषय है क्योंकि हमारी भाषा ही हमारी संस्कृति की पहचान है। अगर भाषा खो गई तो हमारी संस्कृति खो जाएगी, अत: हमें अपनी भाषा को बचाए रखने के लिए सर्वप्रथम राज्य व राष्ट्र स्तर पर संवैधानिक सम्मान दिलाना होगा, पिछले कई वर्षों से ‘हिंदी’ का प्रचार-प्रसार होने से ‘हिंदी’ निखर के आ रही है, अब लोग ‘हिंदी’ पढ़ने व लिखने में रूची लेने लगे हैं पर ‘हिंदी’ को वास्तविक सम्मान राष्ट्रभाषा का दर्जा मिलने के उपरांत ही होगा।
– मैं भारत हूँ
हूँधनंजय भीमराव महाडिक
सांसद राष्ट्रवादी
कोल्हापुर, महाराष्ट्र, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८२२५५५५७७
‘हिंदी’ बनें राष्ट्रभाषा का समर्थन करना चाहिए
हमारी भाषा हमारा स्वाभिमान है। भाषा ही हमारी पहचान है। भाषा के माध्यम से हम अपने भावों को आसानी से व्यक्त कर सकते हैं। भाषाओं में ‘हिंदी’ सबसे सरल व सुगम्य भाषा है जिसे हर व्यक्ति आसानी से सीख व बोल सकते हैं। भारत के अधिकतर लोग ‘हिंदी’ बोलते व समझते हैं। यहां कई भाषा व बोलियां बोली जाती हैं, इन सभी को आपस में जोड़ने का कार्य ‘हिंदी’ ही करती है, अत: हिंदी को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक अधिकार अवश्य प्राप्त होना चाहिए, ‘हिंदी बने राष्ट्रभाषा अभियान’ का सभी लोगों को खुलकर समर्थन करना चाहिए। ‘हिंदी’ का अपना विशेष महत्व है, हम सब इस अभियान का समर्थन करते है, यह अभियान अवश्य सफल होगा।
– मैं भारत हूँ
‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा अभियान’ को मेरा समर्थन है
हिंदी अपने-आप में विशेष है। आज पूरी दूनिया में ‘हिंदी’ का महत्व बढ़ रहा है, पर अपने देश में ‘हिंदी’ का महत्व खोता जा रहा है, लोग अंग्रेजी को प्रावधान देते हैं। अंग्रेजी बोलने वालों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है वहीं ‘हिंदी’ बोलने वाले को तुच्छ दृष्टि से देखा जाता है। ‘हिंदी’ एक वैज्ञानिक भाषा के रूप में सिद्ध हो चुकी है, ‘हिंदी’ सर्वश्रेष्ठ भाषा के रूप में जानी जाती है, ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का दर्जा अवश्य प्राप्त होना चाहिए, हम भी इस बात से सहमत है और हमें मिलकर इस ओर प्रयास करने की आवश्यकता है। ‘हिंदी’ बने राष्ट्रभाषा अभियान का मैं समर्थन करता हूँ।
– मैं भारत हूँ
भगवंत मान
सांसद, आम आदमी पार्टी
संगरूर, पंजाब, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४६३१२९५३१
रमेश बैश
सांसद, भाजपा
रायपुर, छत्तीसगढ़, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४२५५०९९३३
दु:ख लगता है हिंदी आज भी राष्ट्रभाषा नहीं बन पायी
दुनिया के सभी विकसित देशों की अपनी एक राष्ट्रभाषा है, उनके सारे काम-काज अपनी भाषा में ही किए जाते हैं। लॉर्ड मैकाले की नीति के चलते हम अभी तक अंग्रेजी भाषा से मुक्त नहीं हो पाए, अंग्रेजों ने हमें गुलाम बनाया, अंग्रेजी के गुलाम हम स्वयं बन गए, हमें अपनी भाषा को प्रत्येक क्षेत्र में प्रधानता देनी चाहिए व अंग्रेजी से दूर रहना चाहिए। आजादी के ७० वर्ष बाद हमें ‘हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए’ अभियान चलाना पड़ रहा है, जबकि हिंदी को निर्विरोध राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त हो जाना चाहिए। देश के संविधान को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति ने राजभाषा समिति बनाई है, फिर भी हिंदी केवल राजभाषा बनकर रह गई जबकि हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिल जाना चाहिए था।
– मैं भारत हूँ
हिंदी भाषा हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा है
सर्वप्रथम हमें अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए, प्रत्येक नागरिक को अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए, बच्चों को उनकी प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा के माध्यम से करवाना चाहिए, जिससे देश की संस्कृति व सभ्यता का संरक्षण तो होगा ही मातृभाषा को बढ़ावा भी मिलेगा। हिंदी व संस्कृत भाषा को सभी स्थानों पर सक्रिय रूप से लागू करना जरूरी है, इससे हमारी भाषा व हमारी संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
रोडमल नागर
सांसद, भाजपा
राजगढ़-मध्यप्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९०१३८६९२३९
हिंदी और संस्कृति भाषा हमारे देश की पहचान का अहम हिस्सा है, अत: इनका संरक्षण आवश्यक है पर आज की युवा पीढ़ी अंग्रेजी के प्रति समर्पित होकर अपनी मातृभाषा व राष्ट्रभाषा को खोती जा रही है, उनमें हमारी भाषा के प्रति सम्मान की भावना लानी होगी। आज विदेशी लोग भी हिंदी व संस्कृत के महत्व को खोजने लगे हैं, कितने ही शोध हमारे पूर्वज कर चुके है। अत: हमारी संस्कृति सर्वश्रेष्ठ है, इसके संरक्षण की जिम्मेदारी भी हमारी है, हमारी भाषा हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा है।
– मैं भारत हूँ
सुभाष पटेल
सांसद भाजपा
खरगोन-मध्यप्रदेश, भारत
भ्रमणध्वनि: ९७५३०६३७७७
मोदी सरकार भी चाहती है हिंदी राष्ट्रभाषा बनें
‘हिंदी राष्ट्रभाषा बनें’ यह हमारी मोदी सरकार भी चाहती है, इसके लिए मोदी जी अपने स्तर पर प्रयासरत भी हैं। भारत में विभिन्न भाषाएं व बोलियां है, सभी को अपनी भाषा से प्रेम है। ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान न मिलने का कारण क्षेत्रिय लोगों को ‘हिंदी’ के प्रति विरोध, जो नहीं चाहते ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान मिले, जबकि देश के विभिन्न भाषायी लोगों के बीच सम्पर्वâ का मुख्य माध्यम ‘हिंदी’ ही है। हमारा अधिकतर कार्य ‘हिंदी’ में होते हैं। अत: ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक अधिकार अवश्य मिलना चाहिए, ‘भारतीय भाषा अपनाओ अभियान’ का मैं पूर्ण समर्थन करता हूँ।
– मैं भारत हूँ
हिंदी तो हमारे दिलों में बसती है
हम तो अपना अधिकतर कार्य हिंदी में ही करते है। ‘हिंदी’ एक मात्र वह भाषा है जो सभी भाषाओं को जोड़ती है वह दूसरी भाषा को आसानी से आत्मसात कर लेती है। हमारी युवा पीढ़ी आधुनिकता के चक्कर में पड़कर अपनी भाषा व संस्कृति को छोड़, विदेशी भाषा व संस्कृति से जुडती जा रही है, अत: अपनी संस्कृति से युवा पीढ़ी को जोड़े रखने के लिए उन्हें अपनी भाषा ‘हिंदी’ से अवगत कराना जरूरी है। हमारी आने वाली पीढ़ी अपनी भाषा व संस्कृति से जुड़े इसके लिए आवश्यक है कि ‘हिंदी’ को प्रत्येक क्षेत्र अनिवार्य रूप से लागू करना चाहिए, क्योंकि ‘हिंदी’ हमारे दिलों में बसती है, हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान अवश्य प्राप्त होना चाहिए।
– मैं भारत हूँ
बनेंदीपसिंह शंकरसिंह राठोड़
सांसद, भाजपा
साबरकांठा, गुजरात, भारत
भ्रमणध्वनि: ९४२६०१३६६१
इदरीस अली
सांसद, अखिल भारतीय
त्रिणमुल कांग्रेस
बशीरघाट-प. बंगाल, भारत
भ्रमणध्वनि: ९८३०२२७४६०
वर्तमान सरकार द्वारा ‘हिंदी’ को सम्मान दिलाना होगा
भारत एक मात्र ऐसा देश है जहां पर पग-पग पर भाषाओं का स्वरूप परिवर्तन दिखाई देता है, अत: हर भाषा अपने में विशेष महत्व रखती है, हमें सभी भाषाओं का सम्मान करते हुए ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाना होगा, हमें अपने देश में ‘हिंदी’ को सम्मान दिलाना होगा। ‘हिंदी’ के माध्यम से ही सम्पूर्ण राष्ट्र एक दूसरे से जुड़ा रह सकता है, अत: ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक अधिकार दिलाना होगा, हम स्वयं भी इस अभियान का पूर्ण समर्थन करते हैं। वर्तमान सरकार द्वारा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रभाषा का सम्मान देना होगा।
– मैं भारत हूँ