बाबा रामदेव बोले, चुनाव पूर्व गाय को राष्ट्रमाता घोषित करें

मथुरा

महावन स्थित ब्रह्मांड घाट पर नित्य श्री यमुना आरती का शुभारंभ करने पहुंचे बाबा रामदेव ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी से गो माता को राष्ट्र माता और गंगा यमुना को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की है, इसका समर्थन अन्य संतों ने भी हाथ उठाकर किया।उन्होंने कहा कि मोदी खुद राष्ट्र भक्त, गो भक्त और गंगा भक्त हैं, हिंदू होने पर वे गौरव भी महसूस करते हैं, इसलिए यह जरूरी भी हो जाता है, जब मोहनदास करमचंद गांधी को श्रद्धापूर्वक राष्ट्रपिता कहा जाता है, प्रधानमंत्री आगामी लोकसभा चुनाव की तिथियां घोषित होने से पूर्व गो माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देकर इस गो हत्या के कलंक से मुक्त कराएं, वहीं गंगा और यमुना को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर गंदगी से मुक्त करें, ऐसा करने से उन्हें इतना आशीर्वाद मिलेगा कि राजनीति की सारी बाधा ही दूर हो जाएगी, इस बात का सभी संतों ने स्वागत किया और समर्थन भी दिया, वहीं रामदेव के बोलने से पूर्व गुरू शरणानंद महाराज ने चुटकी लेते हुए कहा कि साधु बिना खाए रह जाता है लेकिन बिना बोले नहीं, इस दौरान रमेश भाई ओझा, जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी, मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास, चिन्मयानंद मुनि पुंडरीक गोस्वामी, ग्यानानंद महाराज आदि ने भी यमुना की दशा पर अपने विचार व्यक्त किए। कमी नहीं है देश में इनकी: संतों ने कहा कि देश में मैन, माइंड, मनी की कमी नहीं है, बस जरूरत है सबको संगठित और समर्पित होने की, अगर सब एक हो जाएंगे तो दशा बदल जाएगी।

अमेरिका में हिंदी नं. वन

अमेरिका में बोली जाने वाली दक्षिण एशियाई भाषाओं में अब भी हिंदी पहले पायदान पर आती है, लेकिन सबसे तेजी से देश में बढ़ने वाली भाषाओं में तेलुगु ने अपना स्थान बना लिया है, अमेरिका स्थित सेंटर फॉर इमिग्रेशन के एक अध्ययन में वल्र्ड इकॉनामिक फोरम के एक ऑनलाइन वीडियो के मुताबिक तेलगू बोलने वाले अमेरिकियों की संख्या २०१० से २०१७ के बीच ८६ फीसदी बढ़ी है, इस अध्ययन में अमेरिका में बोली जाने वाली भाषाओं के स्तर का आकलन करने के लिए जनगणना डाटा का विश्लेषण किया गया है, इसके मुताबिक अमेरिका में तेजी से बढ़ रही शीर्ष १० भाषाओं में सात दक्षिण एशियाई भाषाएं हैं। सेंटर फॉर इमिग्रेशन के मुताबिक २०१० से २०१७ के बीच स्पैनिश के ४० लाख से अधिक नए वक्ताओं के अलावा चीनी, अरबी और हिंदी के वक्ता बड़ी संख्या में थे, इनमें दक्षिण एशियाई भाषाओं में हिंदी आठ लाख दस हजार लोगों के साथ पहले नंबर पर बोली जाने वाली दक्षिण एशियाई भाषा है जबकि इसके बाद उर्दू, गुजराती और फिर तेलुगु का नंबर लगता है।

पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में भाजपा-कांग्रेस के बीच राजनैतिक युद्ध

गरीब से गरीब के प्रति समर्पित भाजपा सरकार का परिणाम यह है कि आज पूरे देश में अनेक अभिनव योजनाओं के माध्यम से किसान, मजदूर, दलित, आदिवासी, पिछड़ा, महिला एवं युवा के जीवन में व्यापक परिवर्तन दिखाई दे रहा है। भारत का राजनैतिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल चुका है और लोग भाजपा की ओर आशा एवं आकांक्षा से देख रहे हैं, इसमें कोई संदेह नहीं कि विधानसभा चुनावों में भाजपा व कांग्रेस के बीच ही राजनैतिक युद्ध जारी है।

पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। नवंबर एवं दिसंबर माह में विभिन्न चरणों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं मिजोरम में लोग अपने प्रदेश के सरकारों को चुनने के लिए मतदान करेंगे। वोटों की गिनती ११ दिसंबर को होगी, सभी राजनीतिक दल इन चुनावों में अपनी गंभीर दावेदारी कर रहे हैं, जनता के बीच जा रहे हैं, इन राज्यों में चुनाव अभियान शुरू हो चुका है और जनता तक सभी दल प्रचार के लिए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में पिछले तीन चुनावों से जनता लगातार भाजपा सरकार चुन रही है, राजस्थान में भी पिछले चुनाव में भाजपा ने शानदार जीत हासिल की थी। तेलंगाना जहां विधानसभा चुनाव समय से पहले कराये जा रहे हैं, वहां तेलंगाना राष्ट्र समिति की सरकार है, मिजोरम में वर्तमान में कांग्रेस सरकार का शासन है।

भाजपा शासन में मध्य प्रदेश में जबरदस्त विकास हुआ है, यह एक ऐसा राज्य है जो कभी ‘बीमारू’ राज्यों की श्रेणी में था, परन्तु भाजपा सरकार में हर क्षेत्र में इसने अद्भूत प्रगति की है। कृषि विकास दर ने किसी को भी अचंभे में डालने की हद तक छलांग लगाई है और कृषि क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन हुए हैं, इसी प्रकार से प्रदेश की अर्थव्यवस्था ने भी हर क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति दर्ज की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों का दिल जीता है और यही कारण है कि प्रदेश की जनता बार–बार उनमें अपना विश्वास प्रकट कर रही है, इसी प्रकार मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने विकास की नई गाथा लिखी है। मध्य प्रदेश से अलग हो छत्तीसगढ़ बनने के बाद यह आदिवासी बहुल प्रदेश आज देश के अन्य राज्यों से कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ही दूरदर्शिता थी कि भाजपा के छोटे राज्यों को समर्थन के सिद्धांत के आधार पर उन्होंने छत्तीसगढ़ का निर्माण किया और उसका सुफल आज सबके सामने है, इसकी विकास-गाथा ने न केवल नक्सलवाद पर लगाम लगाई है, बल्कि प्रदेश का औद्योगिक विकास भी तेज हुआ है। 

राजस्थान में भाजपा को जनता ने पिछले चुनाव में भारी समर्थन दिया। भाजपा के शासन में आने के बाद राजस्थान पुन: एक बार विकास एवं सुशासन की राह पर चल पड़ा, बड़ी संख्या में कल्याणकारी योजनाओं से लोगों के जीवन में व्यापक परिवर्तन हुआ है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया के नेतृत्व में प्रदेश चहुंमुखी विकास के पथ पर अग्रसर है। मिजोरम में भी जनता परिवर्तन की राह देख रही है और भाजपा यहां मजबूती से उभरी है। तेलंगाना राष्ट्र समिति की मुश्किलें प्रदेश में बढ़ी हैं और यही कारण है कि उसने वहां समय से पूर्व चुनाव का निर्णय लिया।         

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