जैन गोशाला समिति, नीमच समिति के प्रमुख उद्देश्य

जैन गोशाला समिति, नीमच समिति के प्रमुख उद्देश्य

हजारों पशु बचाकर पालने-पलवाने की योजना गोरक्षा एवं सेवा हेतु कसाईयों एवं सरकार के बार-बार निवेदन एवं संघर्ष करना। निराश्रित पशु पालें, उपचार करें, निराश्रित पशुओं को आश्रित करें। गोवृत्ति, किसानों से कृषि योग्य गोवंश संभ्रात व्यक्ति की ग्यारन्टी एवं अनुबंध कर निःशुल्क पलवाना। जीवदया की राशि से वध हेतु जाने वाले कमजोर पशुओं को क्रय  करके पालना-पलवाना।वध हेतु जाने वाले पशुओं को कानूनी कार्यवाही कर बचाना। गोरक्षा सेवा हेतु प्रचार-प्रसार, सभा, संगोष्ठी कराना। गोबर-गोमूत्र से खाद, कीट नियंत्रक एवं मानव औषधि निर्माण करना। खाद कृषि औषधि, मानव औषधि विक्रय करना।देशी नस्ल सुधार, डेयरी, गोरस भंडार चलान।पंचगव्य द्वारा असाध्य रोगों की चिकित्स।

योजना  हजार गोवंश को ग्रहण करके पालने/पलवाने की व्यवस्था करना, करवाना। महिला गृह उद्योग चलाना तथा २० असहाय महिलाओं का स्वावलंबी बनाना भू-नेपेड पद्धति से १०० टांके तीन बार भरते हुए ३ हजार क्विंटल खाद बनाना और किसानों में प्रचार हेतु निःशुल्क वितरित करना तथ गोबर गैस संयंत्र से खाद निर्माण, गोबर गैस से जनरेटर चलाना, बिजली पैदा करना और ऐसे ही गोशाला को स्वावलम्बी बनाना। १००० गांवों में गोपालकों को तैयार कर पालनार्थ हेतु अनुबन्ध कर निःशुल्क पशु पलवाना, ३०० गांवों में रासायनिक खाद-कीटनाशकों का पूर्ण बहिष्कार करके गोबर-गोमूत्र से बनी खादों व गोमूत्र निर्मित कीट-नियंत्रकों के प्रयोग से उपज लेने के लिए प्रशिक्षण और साधन सुविधाएं देना।

नीमच जिले के उपभोक्ताओं (आम जनता) को गोबर-खाद से उपजी खाद्य सामग्री के उपयोग हेतु प्रेरणा देने के लिए शिविर लगाना, प्रचार-प्रसार करना। पांच एकड़ भूमि में गायों के लिए ‘वृन्दावन‘ विकसित करना। गोरस का प्रचार-प्रसार और उपभोग की प्रेरणा देना तथा गोमूत्र सेवन केन्द्र पंचगव्य चिकित्सा केन्द्र नीमच के समीप आत्मसिद्धि आश्रम, ग्राम लेवड़ा में आरम्भ करना। चलित पशु चिकित्सालय – घर-घर गाय, गांव-गांव गोशाला योजना के अन्तर्गत गोशाला के आसपास के क्षेत्र के लगभग ३०० गांवों के गोभक्त किसानों द्वारा गोशाला के गाय, बैल, बछड़ा, बछड़ी व अन्य जीवों का पालन हो रहा है, इन गांवों में पशुओं के उपचार हेतु निरंतर भ्रमण करने वाले पशु चिकित्सक की नियुक्ति और उपचार किट के साथ दवाइयों के बक्सों से लेस यह मोबाईल क्लिनिक गांवों में जाकर सेवा कार्य करें, गोशला की इस योजना पर लगभग १ लाख रूपया प्रतिमाह व्यय किया जाएगा।
घोषणा:१०,००० गायें पालने-पलवाने की घोषणा/योजना-ग्राम चेनपुरा में उपलब्ध सुविधाओं और समितियों की स्वावलंबी योजनाओं के कारण समिति ने घोषणा की है कि यहां १०,००० गाय-बैल, बछड़े पाले पलवाये जायें, समिति ने संकल्प किया है कि किसी क्षेत्र से कितनी की संख्या में गोवंश व अन्य जीव बचाकर यहां पहुंचाया जाए तो लेने से इंकार नहीं करना, इससे गोधन का कत्ल रूकेगा, जीव बचेंगे और खाद-निर्माण आदि के कारण कृषि-सुधार में भारी सहयोग होगा, आसपास के किसान भी गोशाला के संरक्षक हैं, नीमच, चित्तौड़, राजसमन्द, नयागांव, मल्हारगढ, जीरन, निम्बाहेडा, धमोतर, जाखम, चंदेरिया, नयागांव, प्रतापगढ, छोटीसादडी, जावद, सुसनेर, नारायणगढ, मनासा,रामपुरा, पिपलिया मंडी एवं कानोड, डूंगला (राज.), धोलापानी, भदेसर से निरन्तर गायें-बछड़े यहां आ रहे है, आंचलिक क्षेत्रों से असहाय गोवंश किसान यहां छोड़ जाते हैं।

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