कोलकाता और हावड़ा की लाइफलाइन हुगली नदी

ऐतिहासिक हुगली जिला (Historic Hooghly District in Hindi)
कोलकाता और हावड़ा की लाइफलाइन हुगली नदी (of Kolkata and Howrah Lifeline Hooghly River)
नदियाँ देश व राज्य के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती हैं। देश के विभिन्न राज्यों में स्थित नदियाँ जीवकोपार्जन, रोजगार एवं अन्य जीवन उपयोगी वस्तुओं का आधार होती हैं। ‘हुगली’ भारत की एक ऐसी ही नदी है, जो वहाँ के जन – जीवन के साथ – साथ संपूर्ण भारत के लोगों के जीवन को सार्थक और समृद्ध करती है। यह गंगा नदी की सहायक नदी है। यह मुर्शिदाबाद जिले में गंगा से अलग होकर डायमंड हार्बर के पास बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इसके तट पर कोलकाता बंदरगाह स्थित है, जिसे पूर्व का लंदन' कहा जाता है। यह पश्चिम बंगाल राज्य पूर्वोत्तर भारत में स्थित है। यह गंगा की एक धारा है, जो कोलकाता को बंगाल की खाड़ी से जोड़ती है। यह नवद्वीप के पास भागीरथी और जलागि नदियों के मेल से बनती है।
हुगली नदी का प्राकृतिक स्रोत मुर्शिदाबाद ज़िले में गिरिया के समीप है, लेकिन नदी का अधिकांश जल वहाँ से न होकर फ़रक्का बांध द्वारा तिलडांगा के समीप गंगा नदी का जल लाने वाली फ़रक्का फ़ीडर नहर से आता है। यह नहर गंगा के समानांतर चलती हुई धुलियान के पास से गुज़रती है और फिर जंगीपुर में भागीरथी नदी में विलय हो जाती है। भागीरथी फिर दक्षिण की ओर मुर्शिदाबाद ज़िले में जियागंज-अज़िमगंज, मुर्शिदाबाद और बहरामपुर को पार कर पलाशी के उत्तर में गुज़रती है। पहले यह इस स्थान में बर्धमान ज़िले और नदिया ज़िले की सीमा बनाती थी। वर्तमान काल में नदी का मार्ग ज़रा बदल गया है लेकिन ज़िला सीमा वही रखा गया है जहाँ पहले था, फिर यह दक्षिण की ओर बहती हुई काटोया, नवद्वीप, कालना और जिराट को पार करती है। कालना के समीप इसका मार्ग पहले नदिया ज़िले और हुगली ज़िले की सीमा हुआ करता था। यहाँ से लगातार दक्षिण चलते हुए यह हुगली ज़िले और उत्तर २४ परगना ज़िले के बीच बहती है और हालिशहर, हुगली-चुचुड़ा, श्रीरामपुर तथा कमरहाटी पार करती है। यहाँ से यह कोलकाता और हावड़ा के जुड़वा शहरों में पहुँचने से पहले दक्षिण पश्चिम मोड़ लेती है और नूरपूर में गंगा नदी के एक पुराने नाले का प्रयोग करती हुई बंगाल की खाड़ी में बह जाती है।
वहाँ से हुगली सामान्यतः दक्षिण दिशा में सघन और औद्योगिक क्षेत्र से होती हुई लगभग २६० किमी. दूर बंगाल की खाड़ी तक बहती है। यद्यपि कोलकाता के बाद यह नदी गाद से घिरी हुई है, लेकिन छोटे समुद्री जहाजों को नगर तक ले जाया जा सकता है। नवद्वीप और कोलकाता के बीच हुगली पर छह पुल हैं, जिनमें से सिर्फ विवेकानंद पुल सड़क और रेल पुल दोनों है। गरमी के मौसम में हुगली नदी के बहाव को निरंतर बनाए रखने के लिए गंगा नदी के जल के एक बड़े हिस्से को फरक्का बाँध के द्वारा हुगली नदी में मोड़ दिया जाता है, ताकि कोलकाता में गाद के जमाव को कम किया जा सके। यह काफी गहरी नदी है। इसकी औसत गहराई १०८ फीट और अधिकतम गहराई ३८१ फीट है। हुगली की दूर की गहराई ९५ फीट है।
बैरकपुर और श्रीरामपुर में हुगली नदी की अधिकतम गहराई ३०० फीट है। नैहाटी और बेंडेल में हुगली नदी की अधिकतम गहराई ४८ फीट के बीच की है। कोलकाता, हावड़ा तथा कोलकाता के अनेक औद्योगिक उपनगर इसके किनारे बसे हुए हैं। इस नदी में ज्वार – भाटा आता है, जिसके सहारे समुद्री जहाज कोलकाता तक पहुंच जाते हैं, यही कारण है कि इसके द्वारा काफी व्यापार होता है। जूट तथा सूती कपड़े के कारखाने इसके किनारे अधिक हैं। समुद्र में गिरने से कुछ पहले इसमें दामोदर तथा रूपनारायण नदियाँ मिलती हैं। हुगली नदी पर स्थित पुल भी बेहद प्रसिद्ध है। यह पुल अत्यंत उपयोगी है। हावड़ा ब्रिज हुगली नदी पर बना हुआ बेहद प्रसिद्ध पुल है। यह पश्चिम बंगाल के दो बड़े शहरों कोलकाता और हावड़ा को जोड़ता है। मैं भारत हूँ के प्रबुद्ध पाठकों को अवसर मिलने पर आप इस नदी एवं इस पर स्थित पुल को अवश्य देखें, आपको अत्यंत रोचक लगेगा।

कोलकाता और हावड़ा की लाइफलाइन हुगली नदी (of Kolkata and Howrah Lifeline Hooghly River)

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